Thursday 27 April 2023

फिर धरने पर पहलवान

देश के शीर्ष पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक तीन माह बाद रविवार को भारतीय वुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिह के खिलाफ फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए हैं। पहलवानों का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने यौन शोषण की एफआईंआर दर्ज नहीं की। पहलवानों के अनुसार एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने दो दिन पूर्व वुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में यौन शोषण और पॉस्को एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराईं थी। पीिड़ताओं में एक नाबालिग भी है, इसलिए तुरन्त केस दर्ज होना चाहिए।बजरंग ने कहा—केस दर्ज होने पर वह धरना खत्म कर देंगे। वहीं खेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जांच के बीच में मंत्री या अफसरों का किसी से बात करना ठीक नहीं था। इससे जांच प्राभावित करने के आरोप लगते हैं।मंत्रालय ने पहलवानों की हर बात मानी। उनके कहने पर बबीता फोगाट को समिति में रखा गया। पहलवानों ने कहा कि खेल मंत्रालय की ओर से मैरीकॉम की अगुवाईं वाली समिति की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने और ब्रजभूषण के खिलाफ एफआईंआर दर्ज नहीं करने के चलते उन्हें फिर से धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पहलवान इससे पहले जनवरी में इसी मामले में धरने पर बैठे थे। तब ब्रजभूषण सिह ने आरोपों को निराधार बताया था। विनेश फोगाट का कहना था कि हम तीन महीने से मानसिक प्राताड़ना के दौर से गुजर रहे हैं। अब महिला पहलवानों की प्रातिष्ठा का सवाल बन गया है। मंत्रालय और निगरानी समिति के अधिकारी भी फोन नहीं उठा रहे हैं। वहीं बजरंग पुनिया ने कहा कि हमारे साथ धोखा हुआ है।वुश्ती संघ अब फिर काम करने लगा है। ऑफिस भी खुल गया। वैडेट राष्ट्रीय वुश्ती चैंपियनशिप ब्रजभूषण के घर गोंडा में हो रही है। यह हमारे साथ धोखा है। पिछली बार पहलवानों ने राजनीतिक दलों से मदद नहीं मांगी थी। पर इस बार पहलवानों ने राजनीतिक दलों के नेताओं से सपोर्ट मांगा है।पिछली बार कहा था कि किसी पॉलिटिकल पाटा के नेता को मंच नहीं दिया जाएगा। पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि शिकायत किए 48 घंटे से ज्यादा का समय हो गया, मगर एफआईंआर दर्ज नहीं हुईं। इस बार सभी का स्वागत है। चाहे भाजपा, कांग्रोस या आम आदमी पाटा (आप) आए। कोईं भी पाटा आए, सभी का स्वागत है। क्योंकि जब पहलवान मैडल जीतते हैं तो किसी पाटा का झंडा नहीं लहराता है। तिरंगा लहराता है। जब मैडल जीतते हैं तो सब बधाईं देने के लिए आते हैं न कि एक पाटा का कोईं आता है। हम किसी पाटा से जुड़े नहीं हैं। देश से जुड़े हैं। सभी देशवासियों का वैलकम है। अगर हम आज अपनी बहन-बेटियों के लिए नहीं लड़ें, तो कभी भी हम किसी के खिलाफ नहीं लड़ सकते। सरकार को पहलवानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करके संतोषजनक हल निकालना चाहिए।

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