Tuesday, 11 July 2023

इन पर भ्रष्टाचार मामलों का अब क्या होगा?

दो जुलाईं को महाराष्ट्र में एक नाटकीय राजनीतिक घटनाव््राम के तहत अजीत पवार सहित एनसीपी के नौ विधायक भाजपा-शिवसेना (शिदे) गुट की सरकार में शामिल हो गए। दिलचस्प यह है कि भाजपा ने अजीत पवार सहित इन विधायकों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। शरद पवार से पाला बदलकर सरकार में शामिल हुए अजीत पवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने वाले और अजीत दादा चक्की पीसिंग जैसे बयान देने वाले देवेंद्र फड़नवीस, उनके बराबर ही उपमुख्यमंत्री की वुसा पर विराजमान थे। पिछले साल मार्च महीने में आयकर विभाग ने अजीत पवार के रिश्तेदारों के घर पर छापा मारा था। इतना ही नहीं आयकर विभाग ने वुछ सम्पत्तियां भी जब्त की थीं। अजीत पवार से संबंधित चीनी मिल पर जब्ती की कार्रवाईं की गईं थी। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि अजीत पवार का वित्तीय कारोबार अद्भुत है। बिल्डरों के पास उनके और उनके रिश्तेदारों के खातों में से सौ करोड़ से अधिक की बेनामी सम्पत्ति है। हालांकि राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सिचाईं घोटाले में अजीत पवार को क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन मईं 2020 में प्रावर्तन निदेशालय ने विदर्भ सिचाईं घोटाले की नए सिरे से जांच शुरू की थी। आयकर विभाग ने यह दावा किया था कि अजीत पवार के रिश्तेदारों पर ईंडी की इस छापेमारी में 184 करोड़ रुपए की बेनामी वित्तीय लेन-देन का पता चला है। छगन भुजबल पर 2014 के बाद से ही जांच एजेंसियों का शिवंजा कस रहा था। मार्च 2016 में उन्हें नईं दिल्ली में महाराष्ट्र सदन निर्माण के कथित गबन और बेहिसाब सम्पत्ति जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें आर्थर रोड जेल में रखा गया था। दो साल तक उन्हें जमानत नहीं मिली थी। इस मामले के अलावा छगन भुजबल और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज हैं उनकी सुनवाईं लंबित है। प्रापुल्ल पटेल ने दो जुलाईं को शपथ नहीं ली। लेकिन वह शपथ ग्राहण समारोह में मौजूद थे। यूपीए की वेंद्र सरकार के दौरान पटेल वेंद्रीय उड्डयन मंत्री थे। उनके मंत्री रहने के दौरान ही 2008-09 में एविएशन लॉबिस्ट दीपक तलवार विदेशी एयरलाइंस की मदद कर रहे थे। उन्होंने तीन अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों के लिए वुछ ज्यादा कमाईं वाले हवाईं मार्ग सुरक्षित किए। उसके लिए दीपक तलवार को 272 करोड़ रुपए मिले थे। इससे एयर इंडिया को नुकसान उठाना पड़ा था। ईंडी ने आरोप लगाया था कि यह सभी लेन-देन प्रापुल्ल पटेल के वेंद्रीय मंत्री रहने के दौरान हुए थे। इसके साथ ही 70 हजार करोड़ रुपए के 111 विमानों की खरीद के मामले में ईंडी ने जून 2019 में प्रापुल पटेल को नोटिस जारी किया था। उन्हें पूछताछ के लिए भी बुलाया गया था। सवाल उठता है कि भ्रष्टाचार से जुड़े इन केसों का अब क्या होगा? क्या वाशिंग मशीन इन सबको धो कर पाक साफ कर देगी? ——अनिल नरेन्द्र

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