Tuesday, 18 July 2023
न तो कभी सुनी थी न ही देखी थी
दिल्ली में ऐसी बरसात हुईं जो न तो पहले कभी देखी थी न सुनी थी।
दिल्ली का एक हिस्सा पानी में डूब गया। कईं सालों बाद दिल्ली में अत्याधिक बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए। कईं लोग बेघर हो गए, तो कईं बाजारों में दुकानों में पानी भर गया। यहां तक कि युवाओं के पेवरेट मोनेस्ट्री माव्रेट, यमुना बाजार, चंदगीराम अखाड़ा, पुराना हनुमान मंदिर और लाल किले का पिछला हिस्सा पानी में डूब गया पानी इतना कि पूरी-पूरी कार डूब रही थी। जाहिर है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग परेशान हैं हीं, साथ ही वह छात्र भी परेशान हैं जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने जाते हैं और कईं जिनका शॉपिंग अड्डा मोनेस्ट्री माव्रेट है। इन युवाओं ने अपनी जिंदगी में शायद पहली बार ऐसी बाढ़ देखी होगी। युवा हैरान हैं कि आखिर राजधानी में ऐसा वैसे हो सकता है? यहां तक कि कईं लोग यमुना और पानी के इलाकों में रुक-रुक कर सेल्फी-फोटोज भी ले रहे हैं। दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहे एक छात्र ने कहा—मैंने पहली बार इतने भयंकर हालात दिल्ली में देखे।
इससे पहले 2013 में खूब बारिश हुईं थी, तब देखा था कि पानी शमशान घाट तक आ गया था। लेकिन उसके आगे पानी आते कभी नहीं देखा।
पहले हम दूसरे राज्यों का सुनते थे कि फ्लाना जगह बाढ़ आ गईं मगर कभी नहीं सोचा था कि हम भी ऐसी बाढ़ देखेंगे। बुराड़ी के संत नगर में रहने वाले महेंद्र की बहन का मंगलवार को निधन हो गया था। आईंएसबीटी कश्मीरी गेट स्थित निगम बोध शमशान घाट पर मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया था। पारंपरिक मान्यताओं के चलते बुधवार को परिवार अस्थियां चुनने नहीं आया। पूरा शमशान घाट बाढ़ के पानी में डूबा हुआ था और बाहर सड़क तक पानी जमा था। ऐसे में परिजनों ने शमशान घाट के बाहर खड़े होकर ही बाकी के रीति-रिवाज पूरे किए। महेंद्र ने कहा कि अंदर 6-6 पुट पानी भरा हुआ है। हम तो अब यही मानकर चल रहे हैं कि अस्थियां यमुना जी में विसर्जित हो गईं होंगी, इसलिए हम यहीं बाहर बाकी के व््िरायाव््राम करके चले जाएंगे, यही हाल पुश्ता रोड पर बने गीता कॉलोनी शमशान घाट के भी हैं। शमशान घाट के अंदर भी पानी भर गया है। दाह-संस्कार के लिए बनाए गए सभी प्लेटफार्म पानी में डूब गए। शमशान घाट के आचार्यं जतिन शर्मा ने बताया कि बुधवार को ही शमशान घाट के अंदर पानी आ गया था, लेकिन प्लेटफार्म तक पानी नहीं पहुंचा था, इसलिए दाह-संस्कार में किसी तरह की दिक्कत नहीं आईं।
लेकिन फिर पानी बढ़ता ग या और लोगों को रात को ही शमशान घाट पर बुलाकर अपने परिजनों की अस्थियां लेने को कहा गया। अगले तीन दिन तक गीता कॉलोनी शमशान घाट को दाह-संस्कार के लिए बंद कर दिया गया।
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