Tuesday 4 July 2023

आदिपुरुष फिल्म का पुनरीक्षण

हाईं कोर्ट ने विवादों में घिरी फिल्म आदिपुरुष का पुनरीक्षण करने का आदेश दिया है। इलाहाबाद हाईं कोर्ट की लखनऊ पीठ ने वेंद्र सरकार को आदेश दिया है कि पुनरीक्षण के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाईं जाए। समिति में दो सदस्य तुलसीदास वृत श्रीराम चरित मानस व महर्षि बाल्मीकि वृत रामायण से जुड़े विद्वान होंगे। अन्य सदस्य धार्मिक विद्वान होंगे। समिति देखेगी कि फिल्म में भगवान राम, सीता माता, हनुमान जी व रावण की कहानी को इन धार्मिक ग्रांथों के अनुसार दर्शया गया है या नहीं? समिति यह भी देखेगी कि सीता व विभीषण की पत्नी को गलत तरीके से तो चित्रित नहीं किया है? कोर्ट ने कहा—याचिका के साथ दाखिल किए गए दृश्यों में विभीषण की पत्नी के वुछ चित्र अश्लील लग रहे हैं। न्यायमूर्ति राजेश सिह चौहान और न्यायमूर्ति श्रीप्राकाश सिह की खंडपीठ ने दो याचिकाओं पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा—हफ्तेभर में समिति बनाईं जाए। सूचना प्रासारण मंत्रालय के सचिव निजी हलफनामे के साथ 15 दिन यानि 27 जुलाईं तक समिति को रिपोर्ट पेश करे। कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष को भी आदेश दिया कि संबंधित दस्तावेज के साथ हलफनामा पेश करें कि फिल्म आदिपुरुरष को दिखाने का प्रामाण- पत्र जारी करते समय दिशानिर्देश का पालन किया गया था या नहीं? कोर्ट ने सख्ती से कहा—हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता तो 27 जुलाईं की सुनवाईं पर उप सचिव स्तर के अधिकारी को कोर्ट में पेश होना होगा। कोर्ट ने फिल्म के निर्देशक ओम राऊत, भूषण वुमार व संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को भी जवाबी हलफनामे के साथ अगली तारीख को तलब किया है। राज्य सरकार की ओर से पेश मुख्यस्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र वुमार सिह ने इसे हिन्दू आस्था से जुड़ा मामला बताया। वेंद्र की ओर से उप सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय ने दलीलें रखीं। खंडपीठ उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुईं और मामले को गंभीर सरोकार वाला बताया और फिल्म के पुनरीक्षण का आदेश दिया। हाईं कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में फिल्म पर पूर्ण प्रातिबंध लगाने की गुहार की गईं है। याचियों की ओर से अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री व प््िरांस लेनिन ने फिल्म में दिखाए दृश्यों की तस्वीरों को आपत्तिजनक कहकर पेश किया। उन्होंने इसे हिन्दू सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ बताते हुए सख्त कार्रवाईं का आग्राह किया। ——अनिल नरेन्द्र

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