Tuesday, 12 September 2023
एडिटर्स गिल्ड टीम को राहत
को राहत यह कितनी दुर्भाग्य की बात है कि देश में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और उनकी पैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों को अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। इनका कसूर बस इतना था कि यह मणिपुर गए और वहां जो देखा और लोगों से बात की उसकी एक रिपोर्ट प्रकाशित कर दी। ध्यान रहे, मणिपुर महीनों से जल रहा है और हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही। पत्रकारों के संगठन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान की दलीलंे सुनने पर मामले को जजों ने अपने पास सुरक्षित रख लिया और एडिटर्स गिल्ड के चार सदस्यों को राहत देते हुए मणिपुर पुलिस को 15 सितम्बर, 2003 तक कोईं कठोर कदम नहीं उठाने का निदर्ेेश दिया। मामले का विवरण देते हुए दीवान ने कहा कि एडिटर्स गिल्ड ने अपने तीन सदस्यों को मणिपुर में भेजने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की थी। उन्होंने कहा, गिल्ड के सदस्य वहां सात अगस्त से 10 अगस्त 2023 के बीच चार दिनों के लिए गए थे तथा उन्होंने एक रिपोर्ट प्रकाशित की। रिपोर्ट दो सितम्बर 2023 की थी और रिपोर्ट में एक मामूली त्रुटि थी जिसे तीन सितम्बर को ठीक कर दिया गया। मणिपुर में हिंसा के पीछे एक बड़ी भूमिका गलत और झूठी सूचनाओं के निरन्तर प्रवाह की भी रही है। स्थानीय समुदायों के बीच दूरी आ गईं जिसे पेक न्यूज और दुष्प्रचार अभियान और बढ़ाते रहे। इसी संदर्भ में एडिटर्स गिल्ड की पैक्ट फाइंडिंग टीम ने बताया कि कैसे दोनों तरफ से परस्पर विरोधी नेरेटिव चलाए जा रहे है। इस रिपोर्ट पर मणिपुर पुलिस का एफआईंआर दर्ज कर लेना जितना बेतुका और आपत्तिजनक है उससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है। खुद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनकी सरकार कानून व्यवस्था बहाल करने व हिंसा को रोकने में बिलवुल नाकारा साबित हुईं है। आज भी मणिपुर में हिंसा थमी नहीं।
मुख्यमंत्री रिपोर्ट से अपनी असहमति दर्ज करा सकते थे लेकिन अगर वह पत्रकारों को देशद्रोही और व्यवस्था विरोधी बताने लगे तो यह अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। एडिटर्स गिल्ड अपना काम कर रही थी, सत्य को दिखा रही थी और सत्य दिखाना, कब से देशद्रोह हो गया? सत्ता के नेताओं का कड़वे सच को न सिर्प सुनना होगा बल्कि उसे स्वीकार करना और उससे निपटना भी होगा। एन बीरेन सिंह को चाहिए कि वह एडिटर्स गिल्ड के पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एक एफआईंआर को वापस लेने की प्रव्रिया के साथ इस दिशा में सही शुरुआत कर सकते हैं।
——अनिल नरेन्द्र
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