Thursday, 28 September 2023
विदेश में टारगेट किलिंग का सवाल
किलिंग का सवाल पिछले दिनों कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया कि खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ हो सकता है। इस गंभीर आरोप के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में दरार आ गईं है। भारत ने ट्रूडो के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। कनाडा के पीएम ने 18 सितम्बर को कनाडा की संसद में कहा था कि कनाडा की जमीन पर कनाडाईं नागरिक की हत्या में किसी भी विरोधी सरकार की किसी भी तरह की भूमिका हमारी संप्रभुता का ऐसा उल्लघंन है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। गत दिनों दिल्ली में जी-20 के दौरान मैंने खुद पीएम मोदी को इस बारे में व्यक्तिगत रूप से सीधे शब्दों में जानकारी दी थी।
खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर कोईं धार्मिक और सामाजिक व्यक्ति नहीं था बल्कि वह एक आतंकवादी था। वह आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाने और आतंकी गतिविधियों की पंडिंग में शामिल था। हथियारों और गोला-बारूद में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए निज्जर 2012 में पाकिस्तान भी गया था। उस पर दस लाख रुपए का नकद इनाम भी था। निज्जर भारत में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के डर से 1996 में कनाडा भाग गया था। इसलिए यह तो साबित हो चुका है कि हरदीप सिंह निज्जर एक आतंकवादी था जो भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल था। रही बात विदेश में आतंकियों की हत्या की तो अमेरिका, इंग्लैंड और इजराइल में ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं जहां उन्होंने देश के दुश्मनों, आतंकियों को विदेश में मारा है। अमेरिका की वुख्यात सीआईंए इस काम में माहिर है। पूरी दुनिया में इस एजेंसी ने दर्जनों कत्ल कराए हैं वह भी दूसरे देशों में। अमेरिका, इजराइल, रूस, इंग्लैंड की ओर से अपने कथित दुश्मनों को विदेशी धरती पर मार गिराने की घटनाओं के बाद सवाल पूछा जा रहा है कि वह जो कर रहे हैं क्या वह जायज है? अंतर्राष्ट्रीय कानून क्या ऐसी हत्याओं की इजाजत देता है? अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के हिसाब से किसी देश में विदेशी एजेंसियों की ओर से की जाने वाली टारगेट किलिंग उसकी संप्रभुता के खिलाफ माना जाएगा। 2011 में अमेरिका ने पाकिस्तान में अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराया था।
इसके दस साल बाद अमेरिका ने इराक में ईंरानी जनरल कासिम सुलेमानी को एक ड्रोन हमले में मार दिया था। इजराइल का भी मानना है कि इस टारगेट किलिंग के तहत कईं फिलिस्तीनी को मार गिराया है। इजराइल पर ईंरान के वुछ परमाणु वैज्ञानिकों को मारने का आरोप है। 2005 में ऐसी हत्याओं का यह कहकर समर्थन किया जा सकता है कि किसी देश को अपने दुश्मनों या चरमपंथी हमलावरों को मारने का अधिकार है। अमेरिका ने लादेन और सुलेमानी दोनों की हत्याओं के समय ये तर्व दिया था कि ये उसके लिए खतरा थे।
उसने अपनी आत्मरक्षा में उनकी हत्या की और ये अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत मान्य है। अमेरिका ने पाकिस्तान, सोमालिया, यमन, क्यूबा और दूसरी जगहों पर इस तरह की टारगेट किलिंग को अंजाम दिया है।
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