Saturday, 26 October 2024
प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाकर साधे समीकरण
आखिरकार कांग्रेस पार्टी ने महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को वायनाड उपचुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके साथ ही भारतीय चुनावी राजनीति में प्रियंका की शुरुआत हो गई है। प्रियंका ने 23 अक्टूबर को केरल की वायनाड लोकसभा सीट से अपना पर्चा दाखिल कर दिया है। लेकिन पहली बार वे अपने लिए वोट मांग रही हैं। वहीं राहुल गांधी ने बहन के लिए प्रचार करते हुए कहा कि वायनाड के अब दो सांसद हैं एक औपचारिक और एक अनौपचारिक। ये सीट पहले उनके भाई राहुल गांधी के पास थी। उन्होंने दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, वायनाड और रायबरेली। अब पार्टी ने उनकी बहन प्रियंका गांधी के चुनावी डेब्यू के लिए वायनाड सीट को चुना है। राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, वायनाड के लोगों के लिए मेरे दिल में खास जगह है। मैं उनके प्रतिनिधि के तौर पर अपनी बहन से बेहतर किसी उम्मीदवार की कल्पना नहीं कर सकता था। मुझे उम्मीद है कि वो वायनाड की जरूरतों के लिए जी जान से काम करेंगी और संसद में एक मजबूत आवाज बनकर उभरेंगी। अगर प्रियंका गांधी जीतती हैं तो गांधी परिवार के मौजूदा तीनों सदस्य सांसद हो जाएंगे। राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य हैं और सोनिया गांधी राज्यसभा में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ नाव्या हरिदास को चुनाव मैदान में उतारा है। नाव्या हरिदास ने रविवार को कहा कि गांधी परिवार इन निर्वाचन क्षेत्र को महज एक विकल्प या दूसरी सीट के रूप में देख रहा है और इस क्षेत्र के लोगों को अब यह बात समझ आ गई है। कोझिकोड निगम में दो बार पार्षद रही हरिदास ने कहा कि वायनाड के मतदाता एक ऐसे नेता चाहते हैं जो उनके लिए खड़ा हो और उनकी समस्याओं का ध्यान करे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान हरिदास ने कहा कि जहां तक पूरे देश का सवाल है, तो प्रियंका गांधी वाड्रा कोई नया चेहरा नहीं हैं लेकिन वायनाड के लिए वह नई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रियंका गांधी परिवार के प्रतिनिधि के रूप में आ रही हैं, जो वायनाड के मुद्दों को उठाने में असफल रहा है। कांग्रेस पार्टी ने बहुत सोच-समझकर सांसद में वायनाड से प्रियंका को चुनाव मैदान में उतारा है। इनके जरिए पार्टी ने राष्ट्रीय राजनीति के साथ केरल की सियासत को साधने की कोशिश की है। केरल में वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव है। पार्टी के अंदर लंबे समय से यह मांग उठती रही है कि प्रियंका को चुनाव मैदान में उतरना चाहिए पर कांग्रेस इसे टालता रहा। प्रियंका को उम्मीदवार बनाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस ने वायनाड के साथ कोई धोखा नहीं किया। राहुल गांधी ने अगर रायबरेली चुनी है तो अपनी बहन को वायनाड भेजा है क्योंकि, दक्षिण भारत में कर्नाटक के अलावा पार्टी की स्थिति कहीं भी बहुत मजबूत नहीं हैं। प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने से यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस दक्षिण को लेकर गंभीर है। लोकसभा चुनाव में पार्टी केरल की 20 में 14 सीटें जीतने में सफल रही थी। पार्टी को उम्मीद है कि प्रियंका गांधी का असर विधानसभा चुनाव पर भी दिखाई देगा। इसके साथ प्रियंका गांधी के जरिए पार्टी ने उत्तर व दक्षिण दोनों में ही अपना संतुलन बनाया है। प्रियंका अगर जीत कर आती है तो लोकसभा में मजबूती से अपनी बातें हिन्दी में रखने वाली वक्ता बनेंगी।
-अनिल नरेन्द्र
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