Saturday, 26 October 2024
3 दिन में सरकार बनानी होगी
महाराष्ट्र विधानसभा की तारीख बड़ी दिलचस्प है। यदि किसी दल या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला या कोई मतभेद हो गया तो राष्ट्रपति शासन की नौबत आ जाएगी। दरअसल 20 नवम्बर को मतदान होगा और 23 नवम्बर को नतीजा आएगा। इसके 72 घंटे के अंदर नई सरकार को शपथ लेनी पड़ेगी। क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवम्बर को खत्म हो रहा है। नई सरकार इससे पहले बनना संवैधानिक बाध्यता है, दरअसल नतीजे 23 को देर शाम तक आएंगे। फिर विजेताओं को निर्वाचन आयोग सर्टिफिकेट देगा। बहुमत वाली पार्टी या गठबंधन 24 को राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा करेगा। राज्यपाल जरूरी शर्तों की समीक्षा के बाद सरकार बनाने के लिए दावेदार को बुलाएंगे फिर शपथ ग्रहण होगा और सरकार बनेगी। बड़ा सवाल यह है कि यदि किसी को बहुमत न मिला तो राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं। हालांकि यह न्यौता पाने वाले पर निर्भर है कि वह सरकार बनाए या नहीं। मान लें किसी गठबंधन के पास संख्या बल है पर घटक दलों में तनातनी हो जाए तो सरकार बनाने का रास्ता कठिन हो जाएगा। ऐसे में राष्ट्रपति शासन ही विकल्प बचेगा और इसका फैसला तुरन्त लेना पड़ेगा। यदि किसी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला तो उसे 24 को राज्यपाल से मिलने का समय लेना होगा। राजभवन को तत्काल मिलने का समय देना होगा, इसमें देरी भी हो सकती है। ऐसे में गठबंधन या पार्टी विधायक दल के नेता को 25 तक सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को बुलाना होगा। 26 को शपथ ग्रहण करना होगा। महाराष्ट्र एक बहुत बड़ा राज्य है। दूरदराज इलाकों से जीते हुए विधायकों को भी समय पर पहुंचना होगा, जो काम आसान नहीं होगा। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए केवल 48 घंटे का समय निर्धारित किया जाना भाजपा की चाल है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाने का दावा करने में असमर्थ हो जाए। राज्यसभा सासंद ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया। अमित शाह के साथ भाजपा ने यह स्वीकार कर लिया है कि पार्टी महाराष्ट्र चुनाव नहीं जीत पाएगी। ऐसा लगता है कि महाविकास अघाड़ी को सरकार बनाने के बारे में चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए समय सीमित करने की रणनीति है। अगर एमवीए के घटक दावा करने में विफल रहते हैं, तो राज्यपाल छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करेंगे। उन्होंने कहा कि मतगणना 23 नवम्बर को होगी, जिसका मतलब है कि एमवीए के घटक दलों - शिवसेना (यूवीटी), कांग्रेस - राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) और अन्य छोटे दलों के पास सरकार बनाने के लिए केवल 48 घंटे होंगे। यह सही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग का यह कदम भाजपा प्रवक्ता के समान है। आयोग ईवीएम का समर्थन करता है, लेकिन जब हरियाणा चुनावों में इन मशीनों के साथ की गई छेड़छाड़ के बारे में कहते हैं तो यह चुप्पी साध लेती है, आयोग ने लोकसभा चुनावों के दौरान धन के दुरुपयोग की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लगभग 200 विधानसभा क्षेत्रों में 15 करोड़ रुपए वितरित करने का फैसला किया है और यह सरकारी धन है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment