Sunday, 13 August 2023

आपने भारत की हत्या की है

कांग्रोस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को मणिपुर में जारी हिसा के मुद्दे पर संसद में सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रास्ताव पर मोदी सरकार की तीखी आलोचना की। पिछले महीने 20 जुलाईं से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में राहुल गांधी का यह पहला भाषण था। इससे पहले तक मोदी सरनेम विवाद में अपनी संसद सदस्यता खोने की वजह से वह लोकसभा की कार्यंवाही में शामिल नहीं हो पा रहे थे। राहुल गांधी ने अपने 37 मिनट लंबे भाषण में से लगभग 50 प्रातिशत वक्त मणिपुर को दिया। भाषण की शुरुआत में उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा और उससे मिले अनुभवों का जिव््रा किया। इसके बाद मणिपुर में जारी हिसा पर उन्होंने बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा—मैं वुछ ही दिन पहले मणिपुर गया। हमारे प्राधानमंत्री आज तक नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिन्दुस्तान नहीं है, मणिपुर को आपने दो भागों में बांट दिया है। अपने मणिपुर दौरे के दौरान मिले अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा—एक औरत ने मुझसे कहा कि उनका बेटा हिसा में मारा गया और वो उसकी लाश के साथ पूरी रात रहीं। वो अपना घर-बार छोड़कर आ गईं और उनके पास सिर्प अपने मारे गए बेटे की फोटो थी। मैं एक दूसरी औरत से मिला जिससे मैंने पूछा कि तुम्हार साथ क्या हुआ तो वो औरत कांपने लगी और बेहोश हो गईं। मैंने यह सिर्प दो उदाहरण दिए हैं। इन्होंने मणिपुर का नहीं बल्कि हिन्दुस्तान का कत्ल किया है। जब राहुल गांधी हिन्दुस्तान का कत्ल किए जाने की बात कर रहे थे तभी उनके साथ बैठे किसी सांसद ने भारत माता शब्द इस्तेमाल करने की ओर इशारा किया। इसके बाद राहुल ने कहा कि मणिपुर के लोगों की हत्या करके आपने भारत माता की हत्या की है। आपने यह करके देशद्रोह किया है। इस वजह से पीएम मोदी मणिपुर में नहीं जाते हैं। एक ओर मेरी मां यहां बैठी हैं और दूसरी मां को आपने मणिपुर में मारा है। भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है। क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा में पहले दो-तीन में मेरे घुटने में दर्द शुरू हो गया। जब भी यह (घुटनों को लेकर) डर बढ़ता था तब कोईं न कोईं शक्ति आ जाती थी। इसके साथ ही उन्होंने रामायण का जिव््रा करते हुए कहा कि रावण की लंका को हनुमान ने नहीं, उसके अहंकार ने जलाया था। उन्होंने कहा—रावण दो लोगों की सुनता था, मेघनाथ और वुंभकरण। इसी तरह नरेंद्र मोदी जी दो लोगों की सुनते हैं—अमित शाह और अडानी की। लंका को हनुमान ने नहीं बल्कि रावण के अहंकार ने जलाया था। राम ने रावण को नहीं मारा था बल्कि रावण के अहंकार ने उसे मारा था। विश्लेषकों का कहना है कि राहुल गांधी ने जिस अंदाज में भाषण दिया, उसमें नैतिक साहस की झलक मिलती है। वह जो भी कह रहे थे दिल से कह रहे थे। राहुल गांधी ने जिस तरह भाषण दिया, उसमें आत्मविश्वास, नैतिक साहस और दृढ़निाय नजर आया। मणिपुर पर बोले तो दिल से बोले। एक खास बात देखने को मिली। भाषण के दौरान सत्तापक्ष शोरशराबा, टोकाटाकी करता रहा, पर राहुल ने इनकी बिना परवाह करते अपना संबोधन जारी रखा। बिना कहीं अटके उन्होंने पूरी बात रखी। राहुल गांधी ने बेहद पैनेपन के साथ कम समय में अपनी पूरी बात रखी। अब राहुल उभरते हुए राजनेता की तरह दिखने लगे हैं।

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