Thursday, 14 December 2023
मायावती ने दानिश अली को क्यों निकाला
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने सांसद दानिश अली को पार्टी से निलंबित कर दिया है। दानिश अली अमरोहा से बसपा के सांसद हैं, लेकिन उनका राजनीतिक सफर कर्नाटक में जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) से शुरू हुआ था। वह पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के काफी करीबी थे। बसपा ने 2018 में जेडीएस के साथ कर्नाटक में गठबंधन किया था। इसके बाद देवगौड़ा के कहने पर 2019 में दानिश को बसपा ने अमरोहा से लोकसभा का टिकट दिया और वह जीत गए। लेकिन वह चर्चा में तब आए जब भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में उनको अशब्द कहे। इसके तुरंत बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी उनके घर पहुंच गए। दानिश ने भी राहुल की खुलकर तारीफ की। राहुल गांधी के अलावा अन्य दलों के नेताओं ने भी उनके प्रति सहानुभूति जताईं थी। बिहार के सीएम नीतीश वुमार से भी उनकी मुलाकात चर्चा में रही। कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष बनने के बाद अजय राय ने भी दानिश से मुलाकात की और हमदर्दी जताईं। अब तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के समर्थन में दानिश का बयान भी चर्चा में आया। उन्होंने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर आपत्ति जताईं। उन्होंने कहा कि बहुमत का मतलब यह नहीं कि किसी को भी फांसी पर लटका दिया जाए। वर्तमान लोकसभा के सत्र में वह कांग्रेस नेताओं के साथ ही देखे गए। ऐसी ही कईं वजहें हैं जो उनके निष्कासन का कारण बनीं। बात सिर्प दानिश तक ही सीमित नहीं है। बसपा के कईं सांसद 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नया ठिकाना तलाश रहे हैं। हाल ही में सहारनपुर से सांसद हाजी फजलर्रहमान की जगह बसपा ने वहां से दानिश अली को लोकसभा प्रभारी बना दिया था। माना जा रहा है कि उनका भी टिकट कट सकता है। बसपा ने सांसद वुंवर दानिश अली को पार्टी से छह साल के लिए निलंबित करने संबंधी एक पत्र जारी कर इसकी वजह बताईं है। बसपा ने अमरोहा सांसद वुंवर दानिश अली को पार्टी से निकालने पर जारी एक पत्र में कहा है कि अमरोह सांसद को कईं बार मौखिक रूप से और शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी की नीतियों, विचारधारा और गतिविधियों के खिलाफ जाकर बयानबाजी न करने की नसीहत दी थी। लेकिन उन्होंने इसकी अनसुनी की। इसमें यह भी कहा गया है कि 2018 तक दानिश अली कर्नाटक की पार्टी जनता दल (एस) के संस्थापक एचडी देवगौड़ा के साथ मिलकर काम कर रहे थे। देवगौड़ा के कहने पर ही दानिश अली को बहुजन समाज पार्टी ने 2019 में अमरोहा से टिकट देकर लोकसभा चुनाव में जितवाया। लेकिन दानिश अली लगातार पार्टी के आदेशों की अवहेलना कर पार्टी विरोधी गतिविधि में लिप्त पाए गए।वुंवर दानिश अली बसपा से निकाले जाने के बाद कांग्रेस या सपा का दामन थाम सकते हैं। मुस्लिम बहुल इलाके में दानिश अली की मजबूत पकड़ मानी जाती है। अमरोहा में करीब 30 फीसदी आबादी मुस्लिम है। सवाल है कि क्या वह भी इमरान मसूद की तरह कांग्रेस में जाएंगे? या भाजपा को सबसे बड़ी टक्कर देने वाली समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का दामन थामेंगे?
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