Saturday 30 December 2023

क्या फिर फंसने जा रहे हैं राहुल गांधी?

रहे हैं राहुल गांधी? दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए की गईं कथित जेबकतरे वाली टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जारी किए गए नोटिस पर आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लें। कांग्रेस नेता ने पिछले महीने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए जेबकतरे और अन्य टिप्पणियां की थी। अदालत ने उस जनहित याचिका पर सुनवाईं कर रही थी जिसमें राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाईं के साथ-साथ राजनीतिक नेताओं द्वारा इस तरह के कदाचार को रोकने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का अनुरोध किया गया है। कार्यंवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हालांकि कथित बयान उचित नहीं है और निर्वाचन आयोग मामले की जांच कर रहा है और यहां तक कि गांधी को नोटिस भी जारी किया गया है। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने आदेश दिया कि यह मानते हुए कि जवाब दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गईं है और कोईं जवाब नहीं मिला है, अदालत ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह इस मामले पर यथासंभव शीघ्रता से आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लें। अदालत ने कहा कि 23 नवम्बर को भेजे गए नोटिस में निर्वाचन आयोग ने खुद कहा था कि वह इस मामले में उचित कार्रवाईं करेगा। याचिकाकर्ता भरत नागर ने हाईं कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी ने 22 नवम्बर को एक भाषण दिया था जिसमें प्रधानमंत्री सहित उच्चतम सरकारी पदों पर बैठे व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे और उन्हें जेबकरते के रूप में संदर्भित किया गया था। उधर दिल्ली हाईंकोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुरुवार को आदेश दिया कि वह 2021 में बलात्कार का शिकार 50 नाबालिग दलित पीिड़ता की पहचान का खुलासा करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट को हटाएं ताकि बच्ची की पहचान दुनियाभर में उजागर न हो। गांधी ने एक्स पर उस बच्ची के माता-पिता के साथ एक तस्वीर साझा की थी जिसकी एक अगस्त 2021 को संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गईं थी। बच्ची के मातापिता ने आरोप लगाया था कि दक्षिण पश्चिम दिल्ली के ओल्ड नगल गांव के एक शमशान घाट के पुरोहित ने बच्ची से बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी और फिर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। गांधी ने एक्स की इस पोस्ट को अवरुद्ध कर दिया है। दिल्ली हाईं कोर्ट में जो केस जेबकतरे बयान को लेकर चल रहा है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अगर अदालत ने इसे दंडात्मक माना तो राहुल गांधी को वुछ भी सजा हो सकती है। चुनाव आयोग भी हरकत में आ सकता है। 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अगर राहुल पर कोईं सख्त कार्रवाईं होती है तो उससे उन्हें, कांग्रेस पार्टी और इंडिया एलायंस को नुकसान हो सकता है। राहुल और उनके वकीलों को इस केस को गंभीरता से लेना चाहिए और हाईंकोर्ट में केस प्रभावी ढंग से लड़ना चाहिए। यह इसलिए भी जरूरी है कि आगामी तीन-चार महीने अत्यंत महत्वपूर्ण है और राहुल गांधी को चुनावी मैदान से हटाने के लिए बहुत लोग तत्पर हैं। ——अनिल नरेन्द्र

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