Thursday, 28 December 2023

जम्मू-कश्मीर में कम नहीं हो रही आतंकी हिंसा!

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर लगातार हमले हो रहे हैं और तमाम दावों के बावजूद हिंसा की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है. ताजा मामला ये है कि कश्मीर के बारामूला में आतंकियों ने रिटायर वरिष्ठ पुलिस एसपी शफी मीर की गोली मारकर हत्या कर दी. जब वह मस्जिद में नमाज पढ़ने जा रहा था तो उसे पीट-पीट कर मार डाला गया. पुलिस के मुताबिक, वह मस्जिद की सीढ़ियों पर खड़े होकर फज्र की नमाज पढ़ रहा था. उसी वक्त आतंकियों ने उसे गोलियों से भून डाला. कुछ दिन पहले इससे पहले सेना सीमावर्ती जिले में दाखिल हुई थी. आतंकियों ने दो गाड़ियों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे और 2 घायल हो गए थे. एक दिन बाद विशेषज्ञों ने कहा कि इलाके में आतंकियों की बढ़ती सक्रियता के कारण सुरक्षा व्यवस्था और गुप्त सुरक्षा व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है. जम्मू में एलओसी। मशीनरी को मजबूत करने की जरूरत है। 2023 में इस क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं में 24 सुरक्षाकर्मियों और 28 आतंकवादियों सहित 69 लोग मारे गए थे, लेकिन ये ताजा घटनाएं बताती हैं कि सख्ती के तमाम दावों के बावजूद। की विफलता आतंकियों का पूरी तरह से हतोत्साहित होना ऐसे हमलों में एक नए चलन को भी दर्शाता है, जहां आतंकी अब विशेष रूप से सेना और अर्धसैनिक बलों को निशाना बना रहे हैं। जी हां, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद एक नए तरीके से जटिल स्थिति बन गया है। सुरक्षा बलों द्वारा जानकारी प्राप्त की जा सकती है। स्थानीय लोग भी सुरक्षित हैं। पथराव बंद हो गया है और यह भी सच है कि पड़ोसी देश ने अपनी नीति बदल दी है और उसे निशाना बनाकर मारा जा रहा है। इस वजह से कई आतंकवादी मारे गए हैं और आतंकी स्थिति को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। तदनुसार, सेना और नए सैन्य बल को भी इस क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ एक नई रणनीति पर विचार करने की आवश्यकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात गुप्त तंत्र को मजबूत करना है और हमारे सुरक्षा बल अधिक हैं वे तभी सफल होते हैं जब उनके पास मजबूत ज्ञान होता है और वे उसे नष्ट करने में भी सफल होते हैं۔ अनिल नरेंद्र.

No comments:

Post a Comment