Saturday 23 December 2023

पाक में चुनाव की उल्टी गिनती शुरू

लंबे इंतजार के बाद आखिर पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनावों का कार्यंव््राम जारी कर दिया गया। कार्यंव््राम जारी होने के बाद राजनीतिक दलों ने राहत की सांस ली है। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईंसीपी) ने शुव््रावार देर रात चुनाव कार्यंव््राम जारी किया। इससे वुछ ही घंटों पहले उच्चतम न्यायालय ने आम चुनावों के लिए नौकरशाहों को निर्वाचन अधिकारी के रूप में नियुक्त करने के निर्वाचन आयोग के पैसले को स्थगित करने वाले लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के निर्णय को खारिज कर दिया था। ईंसीपी की अपनी सूचना के अनुसार, उम्मीदवार 20 दिसम्बर तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। नामांकन भरने वाले उम्मीदवारों के नाम 23 दिसम्बर को प्राकाशित किए जाएंगे और उनके दस्तावेजों की जांच 24 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक की जाएगी। नामांकन पत्रों को खारिज या स्वीकार करने के निर्वाचन अधिकारी के पैसले के खिलाफ अपील दायर करने की अंतिम तिथि 3 जनवरी होगी। उम्मीदवारों की संशोधित सूची 11 जनवरी को प्राकाशित की जाएगी और उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 12 जनवरी है। मतदान 8 फरवरी को होगा। बता दें कि पाकिस्तान में नए परिसीमन के बाद नेशनल असेंबली में वुल 336 सीटें होंगी, इससे पहले इनकी संख्या 342 थी। पूरे पाकिस्तान में प्रांतीय असेंबली और संसद का चुनाव कराने की प्राव््िराया को पूरा करने में 54 दिन का वक्त लगेगा। हालांकि पहले की तरह पाकिस्स्तान में चुनावी माहौल ठंडा पड़ा हुआ है। तोशाखाना मामले में पूर्व प्राधानमंत्री इमरान खान को अगले 5 साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया है। पिछले वुछ महीनों से चुनाव आयोग ने पीटीआईं (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) को निशाने पर ले रखा था और अंतर पाटा चुनाव को विवादित घोषित कर रद्द कर दिया। आयोग ने आतंरिक चुनाव कराने के लिए पाटा को 20 दिन का समय दिया और वो भी इस हिदायत के साथ कि अगर वो ऐसा करने में असफल रहती है तो इनका चुनाव चिह्न् व््िराकेट बैट खो देगी। माना जा रहा है कि इमरान की पाटा टूट चुकी हैं और शायद ही चुनाव में खड़ी हो पाए। पाकिस्तान की दो पार्टियां कानूनी मोच्रे पर अपने वजूद का संघर्ष कर रही हैं। इमरान खान के अलावा नवाज शरीफ को कईं मामलों में 2018-19 में दोषी ठहराया जा चुका है और वे अपनी क्लीन चिट की कोशिश में जुटे हुए हैं। सिर्प हालात बदले हैं। पिछली बार नवाज शरीफ सेना के खिलाफ खड़े थे, इस बार निशाने पर इमरान खान हैं। सेना को पाकिस्तानी राजनीति का असली किग मेकर माना जाता है।राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इमरान खान का भविष्य धुंधला है जबकि नवाज शरीफ अगले प्राधानमंत्री हो सकते हैं। अक्तूबर में जब से नवाज शरीफ पाकिस्तान लौटे हैं। कोईं बड़ी रैली नहीं की है, चुनाव से पहले वो अपने सारे केस रफा-दफा कराने में लगे हैं। चुनाव आयोग लगातार कह रहा है कि चुनाव तय समय पर होंगे लेकिन लगता है कि लोगों ने भरोसा खो दिया है हमने पहले की संसद भंग होने के 90 दिनों के अन्दर चुनाव कराए जाने की सीमा को तोड़ दिया है, इसलिए लोगों को भरोसा नहीं है। एक विश्लेषक का कहना है कि राज्य और इसके विषय के बीच भरोसे का बांध टूट चुका है, लोगों का मोह भंग है। हो सकता है कि चुनाव करीब आते-आते सियासी माहौल गर्म हो जाए पर फिलहाल तो यह ठंडा है। —— अनिल नरेन्द्र

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