Saturday, 27 April 2024

ननद-भाभी की सियासी प्रतिष्ठा दांव पर

महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट पर सियासी लड़ाई दो दलो में बंट चुके पवार परिवार के बीच है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले तो अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार आमने-सामने है। लोकसभा चुनाव में बारामती की जनता को रिश्ते में ननद और भाभी लगने वाली दो उम्मीदवारों में से किसी एक को संसद पहुंचाना है। क्षेत्र में एक ही परिवार के दो लोगों के बीच कांटे की टक्कर में दूसरे उम्मीदवार की मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। चुनाव लड़ने के लिए कुल 51 लोगों ने नामांकन किया था और 46 का नामांकन वैध माना गया है। ऐसे में मतदाताओं का वोट बिखरता है तो राजनीतिक स्थिति रोचक हो सकती है। पवार परिवार की परम्परा रही है कि बारामती सीट पर चुनाव प्रचार का अंत बारामती शहर में मौजूद क्रिश्चियन कालोनी के मैदान में होता था। यहां पूरा पवार परिवार जुटता था, यहीं भोजन करता था और इसके बाद मैदान में ही मौजूद भीड़ को संबोधित करते थे। चार दशक में ऐसा पहली बार हुआ जब इस चुनाव में पवार परिवार की यह परम्परा टूट गई है। अजीत पवार ने रैली के लिए मैदान को 5 मई के लिए बुक कर लिया है। वहीं सुप्रिया सुले रैली के लिए नई जगह तलाश रही हैं। सीट पर सात मई को चुनाव है और पांच मई को प्रचार का अंतिम दिन है। मैदान पर चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभा की शुरुआत शरद पवार ने उस वक्त की थी जब अजित पवार राजनीति में नहीं आए थे। पवार परिवार प्रचार की शुरुआत करन हेरो गांव से करता है। इसकी शुरुआत भी शरद पवार ने 1967 में की थी। इस बार भी दोनों गुट यहीं से शुरुआत करेंगे। शरद पवार के भतीजे अजित पवार बारामती से विधायक हैं, राजनीतिक इतिहास के अनुसार शरद पवार बारामती से पहला लोकसभा चुनाव 1984 में जीते थे। 1991 में इस सीट से अजीत पवार जीते, लेकिन चाचा को सीट से सांसद बनाने के लिए उन्होंने अपनी सीट छोड़ दी थी। इसके बाद शरद पवार 2004 तक यहीं से जीतते रहे। बाद में पिता की सीट को सुप्रिया सुले ने 2009 में संभाला। वह लगातार तीन बार सीट से सांसद रह चुकी हैं। चुनाव आयोग के अनुसार बारामती सीट पर कुल 19 बार चुनाव हुए हैं। इसमें चार उपचुनाव हैं। शरद पवार इस सीट से कई बार जबकि उनकी बेटी सुप्रिया सुले तीन बार सांसद चुनी गई हैं। शरद पवार ने एनसीपी की स्थापना 10 जून 1990 को की थी, जो अब अजीत गुट के पास है, इससे पहले शरद पवार कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से जीतते थे। 1977 का चुनाव जनता पार्टी ने जीता था। इसके बाद से कांग्रेस और एनसीपी का ही इस सीट पर एकछत्र राज है। सुप्रिया सुले का जन्म 30 जून 1969 को पुणे में हुआ था। मुंबई के जयहिंद कालेज से माइक्रोबायोलिजी में बीएससी हैं। 60 वर्षीय सुनेत्रा पवार अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ रही हैं। वह एनसीपी की पूर्व नेता पदमा सिंह पाटिल की बेटी हैं। एक दौर था जब पाटिल को शरद पवार का सबसे करीबी माना जाता था। 4 जून को पता चलेगा कि ननद-भाभी की इस लड़ाई में बाजी कौन मारता है? -अनिल नरेन्द्र

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