Saturday 13 April 2024

बिहार की अतिप्रतिष्ठित लोकसभा सीट


बिहार की सारण लोकसभा सीट पर न केवल बिहार की बल्कि पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। कारण है यहां के दो बने उम्मीदवार। बिहार की सारण लोकसभा सीट पर आरजेडी ने लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को चुनाव मैदान में उतारा है। करीब डेढ़ साल पहले पिता लालू प्रसाद यादव को अपनी किडनी दान देने के बाद रोहिणी आचार्य सुर्खियों में आई थीं। अब रोहिणी के सामने सारण की उस सीट को जीतने की चुनौती है जहां से लालू पहली बार सांसद बने थे। लेकिन पिछले दो चुनावों में इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। रोहिणी का इस सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्राrय मंत्री राजीव प्रताप रुडी से माना जा रहा है। रुडी साल 2014 से ही लगातार इस सीट से सांसद हैं। खास बात यह है कि सारण सीट को लालू प्रसाद यादव का गढ़ माना जाता है। वो 4 बार इस सीट से सांसद रहे हैं। सारण सीट से लालू की पत्नी राबड़ी देवी और समधि चंद्रिका राय भी रुडी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। लेकिन दोनों ही चुनाव हार गए थे। इस लिहाज से सारण सीट पर रुडी का मुकाबला लगातार लालू या उनके परिवार के किसी सदस्य से चल रहा है। इसी सिलसिले में अब लालू की बेटी रोहिणी आचार्य पहली बार चुनाव मैदान में हैं। रोहिणी आचार्य ने बातचीत में कहा है, राजनीति मेरे लिए नई चीज नहीं है। मैं बचपन से यह सब देखती आई हूं। मैं राजनीतिक परिवार से हूं। मां-पिताजी और भाई राजनीति में पहले से हैं। मुझे सारण की जनता से जो प्यार मिला है, उससे मैं हैरान हूं। इस तेज धूप में इतने लोग स्वागत में आए हैं। इस सीट पर ग्रामीण इलाको में लालू लालू प्रसाद यादव का समर्थन स्पष्ट तौर पर दिखता है। यहां रोहिणी आचार्य को देखने के लिए सड़कों पर लोगों की भीड़ भी नजर आती है। रोहिणी को लेकर महिला वोटरों के बीच खासा उत्साह दिखता है। साल 1977 में पहली बार लालू प्रसाद यादव इसी इलाके से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। उस समय यह सीट छपरा लोकसभा सीट कहलाती थी। साल 2004 में छपरा लोकसभा सीट से लालू प्रसाद यादव ने भाजपा के राजीव प्रताप रुडी को हराकर जीत दर्ज की थी। साल 2008 में परिसीमन के बाद इस सीट का नाम सारण लोकसभा सीट हो गया था। सारण लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीट हैं। पिछले चुनाव में 4 सीटों पर आरजेडी ने जीत दर्ज की थी और दो भाजपा के खाते में गई थी। रोहिणी की शादी 24 मई 2002 को समरेश सिंह से हुई थी। समरेश सिंह सिंगापुर में ही आईटी सेक्टर में नौकरी करते हैं। शादी के कुछ समय बाद से ही रोहिणी अपने पति के साथ सिंगापुर में रह रही थीं। सारण लोकसभा क्षेत्र के सोनपुर इलाके में रोहिणी का भव्य स्वागत हुआ। यहां गंगा के किनारे यादवों के बड़े गांवों का इलाका है। रोहिणी को देखने के लिए यहां महिलाओं की बड़ी संख्या सड़कों, छतों, गलियों में नजर आती है। माना जाता है कि लालू को किडनी दान देने के बाद रोहिणी आचार्य के प्रति लोगों की सांत्वना हो सकती है। राजीव प्रताप रुडी भी रोहिणी आचार्य के लिए काफी सधे हुए शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। रुडी कहते हैं जो दो-तीन दिन चुनाव मैदान में आया हो उसके बारे में मुझे बहुत जानकारी नहीं है। हर पिता को ऐसी बेटी (रोहिणी) मिलनी चाहिए। बेटियां सबसे खूबसूरत और प्यारी होती हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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