Tuesday, 30 April 2024

मोदी के बयान पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया

सत्ताधारी भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए अपना पूरा दमखम लगा रही है, तो वहीं इंडिया गठबंधन भी ऐड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है। ऐसे में नेताओं के भाषण, उनके दावे और दूसरी पार्टियों के नेताओं को लेकर दिए बयान रोज अखबारों की सुर्खियों में आ रहे हैं। लेकिन पहले चरण के मतदान के बाद प्रधानमंत्री का दिया एक भाषण विशेष रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है। भारतीय मीडिया के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने भी इसे अपने पन्नों पर जगह दी है। इस्तेमाल किए गए कुछ खास शब्दों के कारण ये भाषण चुनाव आयोग में पीएम मोदी की शिकायत का कारण भी बना है। 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग खत्म हुई, इसके बाद 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली में दिए गए भाषण में पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक पुराने भाषण का हवाला दिया और मुसलमानों पर टिप्पणी की। पीएम मोदी ने अपने भाषण में समुदाय विशेष को घुसपैठिए और ज्यादा बच्चे पैदा करने वाला जैसी बातें कहीं। अपने भाषण में मोदी ने कहा पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे, क्या आपको यह मंजूर है। हालांकि पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के जिस 18 साल पुराने भाषण का जिक्र किया है, उसमें मनमोहन सिंह ने ऐसा कुछ नहीं कहा था। साल 2006 में मनमोहन सिंह ने कहा था, अनुसूचित जातियों, जनजातियों को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। हमें नई योजनाएं लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और खासतौर पर मुसलमानों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके। इन सभी का संसाधनों पर पहला दावा होना चाहिए। अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने 22 अप्रैल को इसे लेकर मोदी पर चुनावी रैली में मुसलमानों के खिलाफ नफरती भाषण देने का आरोप शीर्षक से रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर छापी। उसने लिखा है कि बांसवाड़ा में दिए। भाषण के बाद 22 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में मोदी ने इसी तरह का एक और भाषण दिया। इस रिपोर्ट में भारत की नागरिकता कानून का भी जिक्र किया गया। लिखा गया है कि इस कानून की ये कहकर आलोचना की गई कि इसमें धर्म के आधार पर नागरिकता देने की बात कही गई है जो देश की धर्मनिरपेक्षता के मूलभूत सिद्धांतों से अलग है। टाइम मैगजीन ने भी लिखा है कि भारत की आबादी 1.44 अरब है और मोदी जी और भाजपा की आलोचना मुस्लिम समुदाय को बाहर से आए विदेशियों के रूप में देखने के लिए होती रही है। आलोचक कहते हैं कि मोदी की टिप्पणी का आधार विभाजनकारी हिन्दु राष्ट्रवाद है जिसके तार सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़े हैं। न्यूयार्क टाइम्स ने इस पर 23 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मोदी ने भारत के मुसलमानों को घुसपैठिया क्यों कहा? क्योंकि वो ऐसा कर सकते थे। न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है कि अपनी सत्ता को सुरक्षित मानकर पीएम मोदी आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर देश के विकास को लेकर वैश्विक नेता के तौर पर खुद को पेश कर रहे थे। ऐसा करके वो पार्टी के प्रचलित विभाजनकारी रवैये से खुद को अलग रखे हुए थे। इस तरह के मामलों में उनकी चुप्पी थी। इस बीच कट्टरपंथ सोच वाले गैर हिन्दू समुदायों को निशाना बना रहे थे और उनकी पार्टी के सदस्य संसद में नस्लीय और नफरती शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे। अल जजीरा ने लिखा है कि स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्हें मोदी के भाषण से जुड़ी शिकायतें मिली हैं जिनकी वह जांच कर रही है। -अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment