Tuesday, 11 February 2025

डंकी रूट के ट्रेवल एजेंटों पर कार्रवाई



यह अच्छी खबर है कि अवैध रूप से अमेरिका जाने वाले भारतीयों के निर्वासन के बाद इसके लिए दोषी माने जा रहे ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने अन्य वरिष्ठ अफसरों के साथ चार सदस्यीय कमेटी बनाई है जो अवैध प्रवास या मानव तस्करी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर जांच करेगी। अमृतसर पुलिस ने इस मामले में पहला केस ट्रेवल एजेंट सतनाम सिंह के खिलाफ दर्ज कर लिया है। वहीं करनाल में भी अमेरिका से निर्वासित किए गए पीड़ितों ने एजेंटों के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराए हैं। धोखाधड़ी के मामले में 7 साल कैद और पंजाब ट्रेवल प्रोफेंशनल्स रेगुलेशन एक्ट के तहत सात साल से दस साल की कैद और दस से 20 लाख रुपए, जमीन तथा आफिस सील किया जा सकता है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खुलासा किया है कि बीते तीन वर्षों में लगभग 4200 भारतीयों के अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने की जांच चल रही है। ईडी ने गुजरात और पंजाब में पीय एजेंटों के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। जो अवैध रूप से भारतीयों को विभिन्न रास्तों से अमेरिका भेजने का काम कर रहे थे। जांच में सामने आया है कि अवैध प्रवास के लिए एजेंटों ने शिक्षा के नाम पर एक जाल बिछाया है। इसके तहत अमेरिका जाने के इच्छुक भारतीय नागरिकों को पहले कनाडा के कालेजों में एडमिशन दिलाया जाता है। इसके आधार पर वे कनाडा का वीजा प्राप्त करते और वहां पहुंचने के बाद कालेज की पढ़ाई छोड़कर अमेरिका की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार इन कालेजों की फीस भुगतान के लिए ई बिक्स कैश नामक एक वित्तीय सेवा कंपनी का इस्तेमाल किया जाता है। जांच में पाया गया है कि 7 सितम्बर 2021 से 9 अगस्त 2024 के बीच गुजरात से कनाडा स्थित विभिन्न कालेजों में 8,500 ट्रांजेक्शन किए गए। इन में से 4300 दोहराए गए ट्रांजेक्शन ऐसे थे जिनका इस्तेमाल अवैध रूप से अमेरिका जाने के लिए किया गया। ईडी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि एजेंटों को प्रत्येक व्यक्ति को अवैध रूप से अमेरिका भेजने के लिए 40 से 50 लाख रुपए तक की राशि मिलती थी। इसके बाद वे छात्रों के नाम से कनाडा के कालेजों में प्रवेश दिलवाते और फीस भरते थे। जब व्यक्ति कनाडा पहुंच जाता तो किसी ने किसी बहाने कालेज से दाखिला रद्द कर दिया जाता। सरकार ने पावार को लोकसभा में बताया कि वर्तमान में विदेशी जेलों में बंद भारतीय कैदियों की संख्या 10,152 है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ये डाटा साझा किया। साझा किए गए डाटा के मुताबिक सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, नेपाल, पाकिस्तान, अमेरिका, श्रीलंका, स्पेन, रूस, इजरायल, चीन, बांग्लादेश और अर्जेंटीना सहित 86 देशों की जेलों में भारतीय कैदियों के आंकड़े शामिल हैं। उम्मीद की जाती है कि अवैध तरीके से भारतीयों को विदेश भेजने वाले इन ट्रैवल एजेंटों पर सख्त कार्रवाई होगी महज लीपापोती नहीं। इनकी वजह से आज भारत पूरी दुनिया में बदनाम हो रहा है। सारी दुनिया ने देखा कि किस तरह बेड़ियों में जकड़े अवैध प्रवासी अमृतसर हवाई अड्डे उतरे। भारत सरकार ने ट्रंप प्रशासन से अनुरोध भी किया है कि इनसे मानवीय व्यवहार किया जाए।

-अनिल नरेन्द्र


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