Tuesday, 7 January 2025

एक और खोजी पत्रकार शहीद हुआ

छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित बीजापुर के टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को एक सैप्टिक टैंक से बरामद किया गया है। 33 वर्षीय मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी 2025 की रात से ही अपने घर से लापता थे। मुकेश स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर एनडीटीवी के लिए काम करते थे, इसके अलावा वो यूट्यूब पर एक लोकप्रिय चैनल बस्तर जंक्शन का भी संचालन करते थे, जिसमें वे बस्तर की अंदरूनी खबरें प्रसारित करते थे। बस्तर में माओवादियों की ओर से अपहृत पुलिसकर्मियों या ग्रामीणों की रिहाई में मुकेश ने कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर मुकेश चंद्राकर की हत्या की निंदा की और मांग की है कि निश्चित समय के भीतर जांच पूरी की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बस्तर के आईजी पुलिस सुंदरराज पी ने कहा, पत्रकार मुकेश चंद्राकर के भाई की शिकायत के बाद से ही पुलिस की विशेष टीम जांच कर रही थी। शुक्रवार की शाम हमने चट्टान पारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक सैप्टिक टैंक से मुकेश चंद्राकर का शव बरामद किया है। इस मामले से संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मुकेश के मोबाइल के अंतिम लोकेशन ओर फोन काल के आधार पर जांच चल रही है। इसी दौरान ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की ओर से अपने मजदूरों के लिए बनाए गए आवासीय परिसर में पुलिस ने खोजबीन शुरू की तो उन्हें एक ताजा कंक्रीट की ढलाई नजर आई। पता चला कि यह पुराना सैप्टिक टैंक है, जिसके ढक्कन को बंद करके दो दिन पहले ही कंक्रीट की ढलाई की गई है। पुलिस ने शव के आधार पर उस सैप्टिक टैंक को तोड़ा तो उन्हें पानी के भीतर पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव मिला। उनके शर पर गहरी चोट थी। यूकेश चंद्राकर के बड़े भाई और टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने बताया कि मुकेश चंद्राकर बुधवार (1 जनवरी 2025) की शाम को घर से लापता हुए थे। लेकिन घरवालों को अगली सुबह पता चला। शुरू में तो यूकेश ने सोचा कि उनके भाई किसी खबर के लिए आसपास के किसी इलाके में चले गए होंगे। लेकिन जब उनका फोन बंद मिला तो उन्हें चिन्ता हुई। मुकेश के अनुसार मैं और यूकेश अलग-अलग रहते हैं। यूकेश ने कहा, ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की ओर से बनवाई गई सड़क के निर्माण में भ्रष्टाचार की एक खबर एनडीटीवी पर प्रसारित हुई थी जिसके बाद सरकार ने इस मामले की जांच की घोषणा कर दी थी। बताया जा रहा है कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर इस खबर के छपने से बहुत परेशान के और उन्होंने मुकेश चंद्राकर को अपने घर मिलने के लिए बुलाया। सोशल मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पहले तो मुकेश मुलाकात टालता रहा पर अतत पहली जनवरी शाम को सुरेश चंद्राकर से मिलने उनके घर गया। वहीं से वह गायब हो गया और फिर 3 जनवरी को सुरेश चंद्राकर द्वारा बनाए गए मजदूरों के लिए आवासों में बने एक सैप्टिक टैंक से उनका शव बरामद हुआ। एक और खोजी पत्रकार अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हुआ। हम मुकेश चंद्राकर को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी खोजी पत्रकारिता को सलाम करते हैं। उम्मीद करते हैं कि पुलिस हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करेगी और उन्हें अदालत से कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएगी। राज्य सरकार से भी अनुरोध है कि यह इस मामले को राजनीति से दूर रखे और मुकेश चंद्राकर और उनके परिवार को न्याय दिलवाने में पूरी मदद करे। -अनिल नरेन्द्र

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