पटना में हुई कुछ दिनों पहले राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी संविधान में संशोधन का प्रस्ताव पेश कर पार्टी के सारे फैसले लेने के लिए लालू प्रसाद यादव के साथ तेजस्वी यादव को भी अधिकृत कर दिया गया। इसके साथ ही पार्टी में तेजस्वी यादव युग की शुरुआत हो गई है। पार्टी के गठबंधन से लेकर चुनाव सिंबल बांटने तक का कार्य अब तेजस्वी करेंगे। इस प्रस्ताव पर 5 जुलाई 2025 को पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुहर लगाई जाएगी। साथ ही तय किया गया कि गठबंधन और पार्टी की ओर से बिहार में मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी ही होंगे। बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसका बखूबी निर्वाह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान करेंगे। इसके लिए उन्होंने सभी के प्रति आभार जताया। लालू प्रसाद के नेतृत्व में ही उनके संघर्ष को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि पार्टी का खुला अधिवेशन 5 जुलाई 2025 को बापू सभागार में आयोजित करने का फैसला हुआ है। बैठक में आने वाले चुनाव और सदस्यता अभियान पर भी की चर्चा की गई। बिहार की राजनीति में इस वक्त दो ही युवा चेहरे की चर्चा हो रही है। चिराग पासवान और तेजस्वी यादव। चिराग फिलहाल केंद्रीय मंत्री हैं और इस बार विधानसभा चुनाव में उनके उतरने की संभावना नहीं है। ऐसे में तेजस्वी यादव को कमान सौंपकर आरजेडी की कोशिश है कि बिहार में युवा वोटर्स को अपने साथ जोड़ा जा सके। डिप्टी सीएम रहते बिहार सरकार की ओर से हुई नियुक्तियों का श्रेय भी तेजस्वी को ही दिया जाता है। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि युवाओं के बारे में उन्हें चुनाव में फायदा मिलेगा। बिहार विधानसभा चुनाव इसी साल होने वाले हैं और ऐसे वक्त में पार्टी के अंदर बगावत या परिवार के मतभेद सामने आने से कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ता है। इन परिस्थितियों से बचने के लिए तेजस्वी यादव को घोषित तौर पर उत्तराधिकारी बना दिया गया है।
-अनिल नरेन्द्र
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