Tuesday, 28 January 2025

अमेरिका में 538 अवैध प्रवासियों को बाहर निकाला


डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के चार दिन मात्र ही अवैध प्रवासियों को लेकर अपने वादे पर अमल करना शुरू कर दिया। अमेरिका ने सैन्य विमानों के जरिए अवैध प्रवासियों के लिए निर्वासन उड़ाने शुरू भी कर दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में रह रहे कितने भारतीय प्रभावित होंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि ट्रंप की सीमा नीतियों के कारण पहले ही 538 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ट्रंप प्रशासन ने 538 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार कर निर्वासित कर दिया है। इनमें एक संदिग्ध आतंकवादी भी है। राष्ट्रपति ट्रंप पूरी दुनिया को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश देते हैं कि अगर आप अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते हैं तो आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। ट्रंप के इस आदेश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार का भी समर्थन मिल गया है। सोशल मीडिया पर अमेरिका से अवैध प्रवासी डिपोर्ट करने की तस्वीर सामने आने के बाद तत्काल बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह उन भारतीयों को वापस लाएंगे जो बिना उचित दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं। हालांकि भारत ने इसमें एक शर्त भी लगाई है कि वे भारतीय वापस लाए जाएंगे जिनकी राष्ट्रीयता का सबूत देश यूएस। 1 नवम्बर 2024 तक ट्रंप प्रशासन के निर्वासन के कदम से 20,000 से अधिक बिना दस्तावेज वाले भारतीय प्रभावित हो सकते हैं। ये भारतीय या तो अतिम निष्कासन आदेश का सामना कर रहे हैं। जिसका अर्थ है कि उन्हें देश छोड़ना होगा का संभावित हिरासत और भविष्य में पुन प्रवेश में बाधाओं सहित कानूनी परिणामों का सामना करना होगा या वर्तमान में आईसीई के हिरासत केंद्र में हैं। इनमें से 17,940 बिना दस्तावेज वाले भारतीय हिरासत में नहीं हैं और अंतिम आदेस के तहत हैं। नियमों के अनुसार विदेशी के रूप में वर्गीकृत एक गैर नागरिक जो अन्यथा त्वरित निष्कासन के अधीन है, जो शरण के लिए आवेदन करने का इरादा रखता हो या किसी विशेष उत्पीड़न का किसी को डर है, हटाए जाने से पहले उस दावे को प्रशासनिक समीक्षा का हकदार है। अपुष्ट खबरों के अुसार इस समय भारतीय मूल के अप्रवासियों की संख्या दो लाख से ऊपर बताई जा रही है जो मुश्किल में पड़ सकते हैं। इमिग्रेशन एक्टिविस्ट और एनडीओ के अनुसार 20 जनवरी को ट्रंप के शपथ ग्रहण तक लगभग 6 लाख अवैध भारतीय प्रवासी इलिनाम, वोस्टन, कैलिफोर्निया और न्यूयार्क जैसे दो दर्जन राज्यों में जा बसे हैं। अवैध प्रवासी इन राज्यों को सेफ कहते हैं क्योंकि ये बाइडेन-कमला की पार्टी डेमोक्रेटिक में शामिल हैं। ये अमेरिकी राज्य अवैध प्रवासियों पर सख्त नहीं है। कई अमेरिकी राज्यों में अवैध प्रवासियों को ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है। इसके आधार पर वे सोशल सिक्युरिटी नंबर तो पाते हैं। अवैध प्रवासी ट्रंप वाले रिपब्लिकन राज्यों में जाने से बचते हैं। बगैर रजिस्ट्रेशन के अनुरूप कनाडा बार्डर से 2.75 लाख, मैक्सिको बार्डर से 2.25 लाख और वीजा ओवर स्टे पर 2.25 लाख भारतीय अमेरिका आए। अमेरिका में अवैध प्रवासियों भारतीयों की वर्कफोर्स लगभग 2 फीसदी हिस्सेदारी है। ये कंस्ट्रक्शन वर्कर, होटल, रेस्तरां, ग्रासरी स्टोर और ड्राइवर का जॉब करते हैं। ड्राइवर के जॉब में भी भारतीयों को सैलरी लगभग साढ़े तीन लाख रुपए मिल जाती है। जॉब पर रखने वाले भी अवैध प्रवासी को मार्केट रेट से कम सैलरी देकर खुद भी फायदा उठाते हैं।

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