Saturday, 29 March 2025

क्या स्टालिन विपक्ष का चेहरा बनना चाहते हैं?

लोकसभा सीटों के परिसीमन के संबंध में चेन्नई में आयोजित बैठक में सात राज्यों- तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और ओडिशा के नेताओं ने भाग लिया। चेन्नई में हुई बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और अन्य लोग शामिल हुए। स्टालिन ने कहा, केवल तभी सच्चा संघीय ढांचा बन सकता है जब राज्य स्वायत्तता से काम करेंगे और हम तभी विकास की ओर बढ़ सकते हैं। एक प्रस्ताव पारित किया गया कि लोकसभा सीटों का परिसीमन अगले 25 साल के लिए स्थगित कर दिया जाना चाहिए। स्टालिन ने यह भी कहा कि यदि पुनर्गठन जनसंख्या के आधार पर किया जाता है, तो इसका दक्षिणी राज्यों पर बहुत ज़्यादा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, हम पुनर्गठन का विरोध करते हैं, क्योंकि जिन राज्यों ने सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी जनसंख्या को नियंत्रित किया है, उन्हें लोकसभा में प्रतिनिधित्व के लिहाज से ऩुकसान होगा। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि केंद्र सरकार से मांग की जाए कि 25 साल तक परिसीमन को रोका जाए और इसकी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद में की जानी चाहिए। निर्वाचन क्षेत्र के पुनर्गठन को पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए और साल 1971 की जनगणना के आधार पर संसदीय सीटों की संख्या बरकरार रखी जानी चाहिए। स्टालिन खुद को राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के ख़िल़ाफ एक राजनीतिक नेता के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। इसका अहसास होने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में भाग नहीं लिया। स्टालिन पूरे देश को अपनी अहमियत दिखाने के लिए इस तरह का काम कर रहे हैं। वो इंडिया अलायंस की तरह अपनी बैठक में सबको आमंत्रित कर ख़ुद की छवि को ऊपर उठाना चाहते हैं। हाल ही में ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन के नेता के रूप में आगे बढ़ाने की मांग उठ रही है। फिलहाल स्टालिन भी खुद को राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। -अनिल नरेन्द्र

मामला कुणाल कामरा का

स्टैंडअप कमेडियन कुणाल कामरा की कॉमेडी के दौरान गाए गए एक गाने पर भारी विवाद हो गया है। कामरा के इस गीत से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर तंज कसा और कथित तौर पर उन्हें गद्दार बताया। इससे खफा शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के उस होटल में बने स्टूडियो में तोड़फोड़ की जहां यह कॉमेडी शूट की गई। महाराष्ट्र की सत्ता में शामिल शिवसेना, भाजपा और एनसीपी ने कुणाल कामरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि कामरा को माफी मांगनी चाहिए। वहीं विपक्ष इसे अभिव्यक्ति की आजादी बता रहा है। बताते हैं, कामरा का यह वीडियो 2 फरवरी को शूट किया गया था। इसमें दिल तो पागल है की धुन पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर कथित तौर पर तंज कसा गया है जो रविवार को सामने आया। इसके बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कामरा ने जहां यह शूट किया था उसमें जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने सोमवार सुबह दो एफआईआर दर्ज की। पहली कुणाल कामरा पर शिंदे के अपमान की, दूसरी स्टूडियो में तोड़फोड़ में 40 शिवसेना कार्यकर्ताओं पर। कुणाल कामरा मंगलवार को पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस के सामने पेश नहीं हुए। यही नहीं कुणाल कामरा ने साथ कहा है कि वह माफी नहीं मागेंगे। हां अगर अदालत चाहेगी तो माफी मांग सकते हैं। वहीं एकनाथ शिंदे ने कहा किसी पर हास्य व्यंग्य करना, कटाक्ष करना गलत नहीं है, लेकिन इसकी भी एक मर्यादा होती है। कुणाल कामरा ने जो किया ऐसा लगता है कि उन्हेंने सुपारी लेकर ऐसा किया है। कटाक्ष करते समय एक शिष्टाचार बनाए रखा जाना चाहिए, नहीं तो एक्शन का रिएक्शन भी होता है। विवाद के बीच कामरा ने दूसरा पैरोडी गीत भी सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। पैरोडी के बोल हम होंगे कामयाब एक दिन...। कामरा ने नई पैरोडी में नाथुराम और आसाराम को जोड़कर अंधविश्वास, बेरोजगारी और गरीबी के साथ संघ के शिष्टाचार पर भी कटाक्ष किया है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, कुणाल कामरा जो सच है, उस जनमानस के सामने लाए है, इसलिए मैं उनके समर्थन में खड़ा हूं। कामरा के स्टूडियो में तोड़फोड़ शिव सैनिकों ने नहीं की। शिवसेना का तोड़फोड़ से कोई संबंध नहीं है। संभवत गद्दारों के गुट के कार्यकर्ताओं ने किया है। यू-ट्यूब पर पोस्ट की गई 36 वर्षीय कामरा की टिप्पणी 36 लाख बार से ज्यादा देखी जा चुकी है और सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रही है। बयान में कामरा ने इस टिप्पणी के लिए कहा है कि यह पहले अजित पवार कह चुके हैं। मैं भीड़ से नहीं डरता और पलंग के नीचे छिपकर मामला शांत होने का इंतजार नहीं करूंगा। कामरा ने मीडिया को भी निशाना बनाते हुए टिप्पणी की है कि ईमानदारी से इस तमाशे की रिपोर्टिंग करें, याद रखें, प्रेस की आजादी के मामले में भारत 159वें स्थान पर है। शिंदे ने व्यंग्य की सीमा तक करने की बात कहते हुए इसे किसी के खिलाफ बोलने की सुपारी लेने जैसा कहा। पैरोडी में किसी विशेष को संबोधित नहीं किया गया है। इसलिए इस कदर त्योरियां चढ़ाना सही नहीं होता। सत्ता और राजनीतिज्ञों की हालिया पौध में बर्दाश्त इस कदर खत्म हो चुकी है कि कोई भी आलोचना, व्यंग्य या मसखरी बर्दाश्त करने को राजी नहीं हैं। प्रेस या अभिव्यक्ति की आजादी पर बखान करना आसान है, मगर यह रचनात्मक आपातकाल सरीखा माहौल रचा जा रहा है। जो बोलने, लिखने, गाने, अभिनय पर कड़ी नजर रखी जा रही है। विरोधस्वरूप उपद्रव कानून को हाथ में लेना भी सरकार विरोधी काम ठहराया जा सकता है।

Thursday, 27 March 2025

धर्म आधारित आरक्षण असंवैधानिक: संघ

कर्नाटक के ठेके में मुस्लिम आरक्षण और औरगंजेब की क्रब को लेकर छिड़े विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने दो टूक कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है। डा. बीआर आंबेडकर द्वारा लिखित संविधान में भी इसे स्वीकार नहीं किया गया था। साथ ही बाहरी आक्रमणकारियों का महिमामंडन करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि आक्रांता जैसी मानसिकता रखने वाले लोग देश के लिए खतरा हैं। देश की संस्कृति के खिलाफ चलने वाला औरंगजेब आदर्श नहीं हो सकता। सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा-स्वतंत्र भारत के लोगों को सोचना होगा कि देश के इतिहास, मिट्टी, संस्कृति और परंपरा के खिलाफ चलने वाले विदेशी आक्रांताओं को अपना आदर्श बनाना हो या नायकों को सम्मान देना है। देश का आदर्श वही हो सकता है, जो भारत के इतिहास, संस्कृति व परंपरा के साथ चले। औरंगजेब इस खांचे में फिट नहीं बैठता। इसमें उसके भाई दाराशिकोह फिट बैठते हैं, जिन्हें गंगा-जमुनी तहजीब की बात करने वालों ने कभी आगे नहीं किया। इन लोगों ने सामाजिक सदभाव में विश्वास करने वाले दाराशिकोह की जगह और औरंगजेब का महिमामंडन किया। सरकारी ठेकों में मुसलमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने के कर्नाटक सरकार के फैसले पर संघ ने कहा कि संविधान धर्म आधारित कोटे की इजाजत नहीं देता। होसबोले ने इस बात पर जोर दिया कि अदालतों ने भी ऐसे आरक्षण के प्रावधानों को खारिज किया है। -अनिल नरेन्द्र

ग्रोक व एआई पर बहस

ग्रोक एआई तुम जैसी भाषा का इस्तेमाल करते हो, उसकी शैली कैसी है? ग्रोक एआई का जवाबः मुझे जटिल चीज़ों को आसान शब्दों में तोड़ना पसंद है, ताकि समझने में मुश्किल न हो। कभी-कभी मैं हल्का हास्य या अनोखा नज़रिया जोड़ता हूं। एलन मस्क की कंपनी का बनाया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट ‘ग्रोक एआई’ बीते कई दिनों से चर्चा में है। कोई नेता हो या आम इंसान, ग्रोक एआई लगभग सबको जवाब देता नज़र आ रहा है। मगर ग्रोक एआई जैसे और जिस भाषा में जवाब दे रहा है वो कई लोगों को हैरत में डाल रहा है। कुछ म़ौकों पर ग्रोक एआई तथ्यों को सही से बताता दिखता है। कई बार चूक करता है और कई बार गालियों का इस्तेमाल भी करता है। ग्रोक एआई क्या दूसरे चैटबॉट्स से अलग है? और वो चर्चा में क्यों है? ग्रोक नाम कहां से आया और मस्क ने इस पर क्या कहा है? यानी आपको अगर किसी सवाल का जवाब जानना है तो एक्स पर टैग करके या फिर ग्रोक एआई की वेबसाइट पर जाकर पूछ सकते हैं। आपको ग्रोक बातचीत की तरह जवाब देगा। चैटबॉट तोते की तरह होते हैं। तोते हमारी नकल कर सकते हैं और कुछ म़ौकों पर पूरा संदर्भ समझे बिना सुने गए शब्दों को थोड़ी बहुत समझ के साथ दोहरा सकते हैं। चैटबॉट भी ऐसा ही करते हैं, लेकिन कहीं बेहतर समझ के साथ। चैटबॉट एआई का ही एक प्रकार है, जिन्हें बड़े भाषा मॉडल यानी एलएलएम के रूप में जाना जाता है। काफी ज़्यादा डेटा के साथ इन मॉड्यूल्स को ट्रैंड किया जाता है। ग्रोक एआई चैटबॉट को नवंबर 2023 में लांच किया गया था। एलन मस्क ने कहा था कि ग्रोक को व्यंग्य पंसद है और हल्का फुल्का मज़ाक करते हुए जवाब देगा। दूसरे एआई सिस्टम जैसे जवाबों को देने से बचता है, ग्रोक उनको भी जवाब देता है। ग्रोक एआई को ज़्यादा विस्तार इस कारण भी मिल रहा है, क्योंकि इसमें सवाल पूछने के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता। एक्स की फीड को स्क्रॉल करते हुए बस एक ट्वीट और ग्रोक जवाब दे देगा। बदनाम होकर ज़्यादा नाम कमाया। ग्रोक एआई के मामले में ऐसे कई उदाहरण हैं, जो इस कहावत को सच करते दिखते हैं। ग्रोक एआई अपने जवाबों में गालियों का इस्तेमाल भी कर रहा है। फिर चाहे बिहार के नेता तेज प्रताप यादव हों, भारतीय मीडिया के चैनलों के एंकर हों या फिर एलन मस्क हों या डोनाल्ड ट्रंप ही क्यों न हों। पीएम मोदी के इंटरव्यू, डिग्री से जुड़े सवालों पर भी ग्रोक एआई जवाब दे रहा है और इस पर हुए विवादों पर रोशनी डाल रहा है। उदाहरण के लिए एक यूज़र ने पूछा- क्या राहुल गांधी पीएम बन सकते हैं? इस पर ग्रोक ने अभी लोकसभा में सीटों की स्थिति बताते हुए अपने जवाब में तथ्यों का जिक्र किया। एक्स पर आम यूज़र जैसे बात करते हैं, ग्रोक एआई वैसे ही जवाब दे रहा है। कई बार ये सीमा लांघता दिखता है तो कई बार सटीक जवाब भी दे रहा है। ग्रोक एआई के अलावा कई और चैटबॉट हैं, जैसे- चैट जीपीटी, डीपसेक, बार्ड, मेटा एआई, जेमिनी... हालांकि सिरी, एलेक्सा, गूगल असिस्टेंट भी वॉइस असिस्टेंट हैं, मगर ये तकनीकी तौर पर उतने आधुनिक या बुद्धिमान नहीं हैं, जितने नए एआई चैटबॉट हैं। चुनौतियां भले ही हो, मगर एआई अलग-अलग प्लेटफार्म तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और लोगों के बीच अपनी जगह बना रहे हैं। एलन मस्क ग्रोक को गूगल के विकल्प की तरह पेश कर रहे हैं। ऐसा ही अन्य चैटबॉट भी कर रहे हैं।

Tuesday, 25 March 2025

मणिपुर का मुश्किल दौर जल्द खत्म होगा

माननीय सुप्रीम कोर्ट का देश आभारी है कि आखिर किसी ने तो जलते मणिपुर की हालत पर मरहम लगाने का प्रयास किया। मणिपुर पिछले दो सालों से जल रहा है और देश के नेतृत्व ने इतनी जरूरत नहीं समझी कि वह इस अशांत क्षेत्र में शांति स्थापित करें। अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई के नेतृत्व में छह जजों की टीम खुद मणिपुर गई और वहां की fिस्थति का जायजा लिया। टीम ने मणिपुर में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर के चूड़चंदपुर जिले का दौरा किया और आतंरिक रूप से विस्थापित लोगों से भी मुलाकात की। टीम ने जिले के मिनी सचिवालय से एक कानूनी शिविर, एक चिकित्सा शिविर और एक कानूनी सहायता fिक्लिनिक का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। टीम ने सद्भवना मंडप राहत केंद्र का दौरा भी किया और वहां मौजूद विस्थापित लोगों से बातचीत की और उनका दुख-दर्द समझने की कोशिश भी की। इसके अलावा मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी कृष्णकुमार और जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलू भी मौजूद थे। मई 2023 से मैतई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। जज जस्टिस बीआर गवई ने उम्मीद जताई है कि जातीय संघर्ष से त्रस्त मणिपुर में मौजूदा मुश्किल दौर कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की सहायता से जल्द खत्म हो जाएगा। सारा देश चाहता है कि मणिपुर में जो आग वर्षों से लगी हुई है वह समाप्त हो। उम्मीद की जाती है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की इस टीम के दौरे के बाद मणिपुर में शांति हो पाएगी। -अनिल नरेन्द्र

एक्स ने केंद्र सरकार पर किया केस

एक तऱफ एलन मस्क की कंपनियां स्टारलिंक और टेस्ला भारत में प्रवेश करने की ओर क़दम बढ़ा रही हैं। वहीं दूसरी तऱफ उनकी कंपनी एक्स ने कर्नाटक हाई कोर्ट में भारत सरकार के ख़िल़ाफ एक याचिका दायर की है। 5 मार्च को दायर अपनी याचिका में एक्स ने कहा है कि भारत सरकार ग़ैर-क़ानूनी तऱीके से वेबसाइट से कंटेंट हटाने का आदेश दे रही है। उन्होंने कहा कि ‘अनगिनत’ सरकारी अ़फसरों को अब ये अधिकार मिल गया है कि वो कंटेंट हटाने का आदेश दे सकें। एक्स ने कोर्ट से इस पर रोक लगाने की माँग की है। साथ ही यह भी कहा कि सरकार ने एक वेबसाइट बनाई है ‘सहयोग पोर्टल’, जिससे सरकार की अलग-अलग एजेंसियां कंटेंट हटाने का आदेश दे सकती हैं। एक्स का कहना है कि ये वेबसाइट भी क़ानून के ख़िल़ाफ है और इस वेबसाइट से जुड़ने से एक्स ने मना कर दिया है। अपनी याचिका में उन्होंने ये मांग की है कि इससे न जुड़ने से एक्स के ख़िल़ाफ कोई कार्रवाई न हो। क़ानून के विशेषज्ञों का मानना है कि ये एक अहम केस है, जिससे सरकार की इंटरनेट पर कंटेंट हटाने कि शक्ति के अहम मुद्दों पर फ़ैसला होगा। एक्स ने सूचना प्रोद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की केंद्र की व्याख्या विशेष रूप से उसके द्वारा धारा 79(3बी) के उपयोग पर चिंता जताई जिसके बारे में एक्स ने दलील दी है कि यह सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लघंन है और डिजिटल मंच पर अभिव्यfिक्ति की स्वतंत्रता को कमतर करता है। बाद में आरोप लगाया गया है कि सरकार धारा 69ए में उल्लिखित कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए एक समांतर सामग्री अवरोधक तंत्र बनाने के लिए उक्त धारा का इस्तेमाल कर रही है। एक्स ने दावा किया कि यह दृfिष्टकोण श्रेया सिंघल मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2015 के फैसले के विरोधाभासी है जिसमें यह स्थापित किया गया था कि सामग्री को केवल उचित न्याय प्रक्रिया या धारा 69ए के तहत कानूनी रूप से परिभाfिषित किया जा सकता है। अपनी याचिका में एक्स ने यह भी कहा है कि प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने ढंग से सेंसरशिप लगाने की कोशिश की जा रही है। कंटेंट ब्लाक का अधिकार नहीं है। कंपनी ने कहा सरकार कंटेंट ब्लाक के लिए समांतर सिस्टम का इस्तेमाल कर रही है। अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी की दलील है कि आईटी अधिनियम धारा 79(3) कानून सरकार को स्वतंत्र रूप से कंटेट ब्लॉक करने की इजाजत नहीं देती। सरकार निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने के बदले धारा 79(3बी) का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल कर रही है। यह आनलाइन अfिभिव्यfिक्ति की स्वतत्रंता को कमजोर करता है। मुकदमा दायर करने की एक वजह यह भी है कि कंपनी किसी गैर कानूनी कंटेट को रोकने के लिए सरकार की तरफ से बनाए सहयोग पोर्टल का हिस्सा नहीं बनना चाहती है। कंटेंट हटाने से जुड़े कई और मुद्दे हैं जो अदालतों के सामने हैं। जैसे सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका लंबित है जिसमें याचिकाकर्ताओं का ये कहना है कि धारा 69ए के अंतर्गत नियमों में दी गई प्रक्रिया का उल्लघंन करके सरकार कंटेंट हटाने का आदेश देती है। देखते हैं कि कर्नाटक हाईकोर्ट में यह केस कैसे आगे बढ़ता है।

Saturday, 22 March 2025

दर्ज 193 मामले, सजा सिर्फ दो को



प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सांसदों, विधायकों सहित नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों में दोषसिद्धि की दर बेहद कम है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने संसद में दी है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बुधवार को संसद में बताया कि पिछले 10 वर्ष में ईडी ने राजनीतिक व्यक्तियों के खिलाफ 193 केस दर्ज किए जिनमें केवल दो में दोषसिद्धि हुई। इस अवधि में किसी भी मामले में आरोपित को निर्दोष करार नहीं दिया गया। माकपा सांसद एए रहीम ने राज्यसभा ने पूछा था कि ईडी ने दस वर्ष में कितने नेताओं पर केस दर्ज किए? क्या विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई बढ़ी है? ]िकतनों को सजा हुई और कितने निर्दोष करार हुए? उन्होंने जानकारी राज्य और वर्ष के अनुसार मांगी थी। हालांकि मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसा डेटा नहीं रखती। 2016-17 में और दूसरी 2019-20 में जिन दो मामलों में दोषसिद्धि हुई। उनमें एक 2016-17 में और दूसरी 2019-20 में हुई। सरकार ने कहा है कि ईडी जांच केवल विश्वसनीय साक्ष्यों और सामग्री के आधार पर करती है। ईडी की सभी कार्रवाई न्यायिक समीक्षा के लिए हमेशा खुली रहती है। दोषी करार दोनों नेता झारखंड के पूर्व मंत्री हरिनारायण राणा व पूर्व मंत्री अनीस एक्का हैं। राय को मनी लाड्रिंग मामले में सात वर्ष कैद और 5 लाख रुपए जुर्माना जबकि एक्का को सात साल कैद और 2 करोड़ रुपए जुर्माने की सजा हुई। हालांकि इस दौरान किसी मामले में कोई आरोपी बरी नहीं हुआ है। मनी लाड्रिंग के मामले में दोषसिद्धि दर पर कई क्षेत्रों में सुप्रीम कोर्ट सख्त टिप्पणी कर चुका है। नवम्बर 2023 तृणमूल कांग्रेस विधायक पार्थ चटर्जी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहाö ईडी की दोषसिद्धि दर खराब है। किसी को अनिश्चित काल तक विचाराधीन बंदी नहीं रख सकते। अगस्त 2024 ः एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दस वर्षों में ईडी ने 5000 केस दर्ज किए, 40 में दोषसिद्धि हुई। ईडी अभियोजन सुधारे। दिसम्बर 2024 ः सरकार ने संसद में बताया कि ईडी ने 1 जनवरी 2019 से 31 अक्टूबर 2024 के बीच 911 शिकायतें दर्ज की। 654 का ट्रायल हुआ, 42 में दोषसिद्धि हुई। हालिया चुनावों के बीच में हुआ ईडी का एक्शन। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच कथित क्रिष्टो फंड घोटाले से जुड़े मामले में 20 नवम्बर 2024 को छत्तीसगढ़ में ऑडिट फर्म के कर्मचारी के यहां ईडी के छापे। यह मामला एनसीपी (शरद पवार) की सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से जुड़ा था। विधानसभा चुनाव के मतदान से ठीक एक दिन पहले ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में 12 नवम्बर 2024 को कथित बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर झारखंड और पश्चिम बंगाल में 17 स्थानों पर छापे मारे। समूचा विपक्ष बार-बार संसद के अंदर और बाहर यह आरोप लगाता रहता है कि ईडी सत्ता के हाथों विपक्ष को हैरान-परेशान का एक हथियार बन गया है। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि ईडी चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास करती हैं।

-अनिल नरेन्द्र

क्या वास्तविक लाभार्थियों को मिल रहा है लाभ?



सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को टिप्पणी की कि राशन कार्ड पापुलरिटी कार्ड बन गया है और सवाल किया कि क्या गरीबों के लिए निर्धारित लाभ आम लोगों तक पहुंच रहे हैं? शीर्ष कोर्ट ने कहा कि सब्सिडी का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ कोविड-19 महामारी के दौरान प्ररासी कामगारों की परेशानियां दूर करने के लिए शुरू किए गए एक स्वत संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी। इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हमारी चिंता यह है कि क्या वास्तविक गरीबों को मिलने वाले लाभ उन लोगों तक पहुंच रहे हैं जो इसके हकदार हैं? राशन कार्ड अब पापुलरिटी कार्ड बन गया है। उन्होंने कहा ये राज्य बस यही कहते हैं कि हमने कितने कार्ड जारी किए हैं। कुछ ऐसे राज्य हैं जो अपना विकास दिखाना चाहते हैं तो कहते हैं कि हमारी प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है। जब हम गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के लोगों की बात करते हैं तो वे कहते हैं कि 75 प्रतिशत आबादी बीपीएल है। इन तथ्यों को कैसे जोड़ा जा सकता है? विरोधाभास अंतर्निहित है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें जब विकास सूचकांक पेश करती हैं तो प्रति व्यक्ति आय को हाई दिखाती हैं, लेकिन जैसे ही सब्सिडी की बात आती है तो वे 75 प्रतिशत आबादी को गरीबी रेखा (बीपीएल) के नीचे मानती है। सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या वाकई 75 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है, जबकि राज्यों का दावा है कि उनकी प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस कोटिश्वर सिंह की बैंच ने कहा सब्सिडी का लाभ सिर्फ गरीबों को मिलना चाहिए। हमारा मुख्य मुद्दा यह है कि क्या गरीबों को निर्धारित लाभ सही पात्रों तक पहुंच रहे हैं या वे उन लोगों तक जा रहे हैं जो उसके योग्य नहीं है? शीर्ष अदालत ने कहा राशन कार्ड अब एक लोकप्रियता कार्ड बन चुका है, क्योंकि कई राज्यों में गरीबों की जगह इसे पॉलिटिकल फायदे के लिए दिया जा रहा है। एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि आय में असमानता के कारण यह विरोधाभास उत्पन्न हुआ है। कुछ मुट्ठीभर लोग बेहद अमीर हैं, जबकि बड़ी आबादी गरीब बनी हुई है। प्रति व्यक्ति आय की गणना कुल राज्य की आय का औसत निकालकर की जाती है। जिसमें असमानता की वास्तविक तस्वीर सामने नहीं आती है।

Thursday, 20 March 2025

चिंता न करें इंडसइंड के जमाकर्ता



रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, यानि आरबीआई ने शनिवार को ग्राहकों को आश्वस्त किया कि इडंसइंड बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है। केंद्रीय बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को निर्देश दिया कि वह अनुमानित 2100 करोड़ रुपए की लेखा विसंगित से संबंधित सुधारात्मक कार्रवाई इसी महीने पूरा कर लें। इंडसइंड बैंक ने इसी सप्ताह लेखांकन में गड़बड़ी का खुलासा किया था। इसका बैंक के निवल मूल्य पर 2.35 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है। खुलासे के तुरन्त बाद, बैंक के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट देखी गई। आरबीआई ने एक बयान में कहा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध खुलासों के आधार पर बैंक ने पहले ही अपने मौजूदा तंत्र की व्यापक समीक्षा करने और वास्तविक प्रभाव का आंकलन करने और इसका हिसाब लगाने के लिए एक बाहरी लेखा परीक्षा टीम को नियुक्त कर लिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा बोर्ड और प्रबंधन को रिजर्व बैंक द्वारा निर्देश दिया गया है कि वे सभी हितधारकों को आवश्यक खुलासे करने के बाद जनवरी-मार्च तिमाही में पूरी तरह से सुधारात्मक कार्रवाई पूरी कर लें। ग्राहकों की चिंताओं को दूर करते हुए आरबीआई ने कहा, जमाकर्ताओं को इस समय सवालों पर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं है। आरबीआई ने कहा इंडसइंड बैंक लिमिटेड से संबंधित कुछ अटकलें लगाई गई हैं, जो शायद बैंक से संबंधित हाल की घटनाओं से उत्पन्न हुई हैं। केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों और निदेशकों को आश्वासन दिया कि बैंक को वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई है और वह इस पर बारीकी से नजर रखे हुए है। दरअसल, इंडसइंड बैंक ने लेखांकन में गड़बड़ी का इसी सप्ताह खुलासा किया था। इससे बैंक को निवल मूल्य पर 2.35 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है। खुलासे के तुरन्त बाद बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। इससे शंका पैदा हो गई कि ग्राहकों और निवेशकों में अफरातफरी न फैल जाए। ऐसा होता तो समूचे बैंकिंग क्षेत्र पर नकारात्मक असर का अंदेशा होगा। बैंकिंग क्षेत्र की बुनियाद ही विश्वास है और इसी पर बैंकिंग के कार्यकलाप निष्पादित किए जाते हैं। यदि विश्वास डगमगाया तो मानकर चलिए कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र इसकी चपेट में आ सकते हैं। कई देशों में ऐसा हुआ है कि बैंक पर विश्वास डगमगाते ही बैंक के बाहर ग्राहकों की लाइन लग जाती है। ग्राहक का मन विचलित होते ही जो हालात बनते हैं, उन्हें उनमें विश्वास बनाने में अरसा लग जाता है। केंद्रीय बैंक की भूमिका ऐसी परिस्थिति को बनाए रखने की होती है जो नॉन बैंकिंग क्षेत्र को विकासवान रख सके। यही रिजर्व बैंक कर रहा है। वह हर हाल में बैंक के हितधारकों का बैंक में विश्वास बनाए रखना चाहता है। इंडसइंड बैंक के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था के लिए स्थितियों को सहज बनाए रखना चाहता है। अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्र परस्पर निर्भर होते हैं। बैंकिंग ंभी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें घबराहट और अटकल बाजियों का माहौल कहर बरपा सकता है।

-अनिल नरेन्द्र

 

अब लीजिए दिल्ली में गहरी सांस



एनसीआर में खुलकर सांस लेने के दिन अंतत आ गए हैं। एयर क्वॉलिटी बताने वाला इंडेक्स शनिवार को दिल्ली में 85 रहा। यह 1 जनवरी से 15 मार्च के बीच पिछले तीन वर्षों में सबसे साफ दिन रहा। प्रदूषण के लिहाज से देखें तो इस सीजन में पहली बार दिल्ली और आसपास के शहरों में इसका स्तर संतोषजनक पर पहुंचा है। एक्यूआई जब 50 से 101 के बीच रहे तो उसे संतोषजनक माना जाता है। प्रदूषण में कमी के बाद शनिवार को ग्रैप-1 की बंदिशें तुरन्त प्रभाव से वापस ले ली गई हैं। इस तरह अब यह पूरा इलाका ग्रैप-फ्री हो गया है। साथ ही यह साल का पहला मौका है जब सूचकांक 100 से नीचे आया है। बीते दो वर्षों की तुलना में इस बार संतोषजनक स्तर के दिन का इंतजार कम करना पड़ा। इससे पहले 29 अक्टूबर 2024 को एक्यूआई 79 रहा था। तेज हवाओं और बूंदाबांदी के कारण भी प्रदूषण के स्तर पर कमी आई है। दिल्ली के अलीपुर में शनिवार को एक्यूआई महज 50 रहा। अगर एक्यूआई 1 से 50 के बीच हो तो हवा साफ मानी जाती है। मौसम विभाग का अनुमान है कि रविवार को भी हवा संतोषजनक रहेगी। सोमवार और मंगलवार के प्रदूषण में थोड़ा इजाफा होगा। उधर दिल्ली सरकार ने राजधानी में वायू प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण सुधार के लिए एक व्यापक अभियान की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता में और सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। दरअसल दिल्ली को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए विभिन्न विभागों को त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। रेखा गुप्ता ने बताया कि इस योजना के तहत दिल्ली की पूरी रिंग रोड को साफ करने वाली मशीनों का नियमित उपयोग किया जाएगा और सड़क किनारे धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी के फव्वारे लगाए जाएंगे। इसके अलावा निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण प्रकोष्ठ को सख्ती से लागू किया जाएगा। साथ ही पीयूसी जांच की सघनता बढ़ाई जाएगी। हम मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली सरकार को बधाई देते हैं कि उन्होंने पदभार संभालते ही इस ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान दिया। पिछले दस सालों से इस समस्या का कोई संतोषजनक परिणाम नहीं निकल सका। दिल्ली की भाजपा सरकार ने पदभार संभालते ही इस ज्वलंत समस्या पर ध्यान दिया और सही दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

Tuesday, 18 March 2025

अभिनेत्री रान्या और सोना तस्करी



प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोना तस्करी गिरोह की बड़ी साजिश से संबंध धनशोधन जांच के तहत गुरुवार को बंगलुरू और कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। कर्नाटक के राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने हाल में सोना तस्करी के मामले में एक फिल्म अभिनेत्री रान्या को गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने बताया कि हाल में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी और डीआरआई के एक मामले का संज्ञान लेते हुए धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत मामले को दर्ज किया गया है। डीआरआई के मामले में रान्या राव को सोना तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि जांच का उद्देश्य हवाई अड्डों के माध्यम से सोने की तस्करी की बड़ी साजिश और प्रभावशाली व्यक्तियों, सरकारी अधिकारियों एवं राजनीतिक व्यक्तियों सहित विभिन्न लोगों द्वारा अपराध से धन अर्जित करने की पड़ताल करना है। सूत्रों के अनुसार कर्नाटक में बंगलुरू सहित कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। डीआरआई ने तीन मार्च को दुबई से लौटने के बाद यहां केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अभिनेत्री रान्या राव के पास से 12.56 करोड़ रुपए मूल्य की सोने की छड़ें जब्त की थी। जिसके बाद रान्या को गिरफ्तार किया गया। अभिनेत्री वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं जो वर्तमान में कर्नाटक राज्य पुलिस आवास और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। पुलिस अधिकारी ने रान्या की कथित अवैध गतिविधियों से किसी भी तरह के संबंध से इंकार किया है। रान्या ने बताया कि उसने सोने को अपनी जींस और जूतों में छिपाया था, कुछ सोने को शरीर में भी छिपाया था। उसे तस्करी का सोना हवाई अड्डे के पास इंतजार कर रहे व्यक्ति को देना था। गौरतलब है कि रान्या की गिरफ्तारी के बाद 6 मार्च को छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दुबई से आए दो विदेशियों (ओमान और यूएई) के नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। जो 18 करोड़ 92 लाख रुपए मूल्य के 21.28 किलोग्राम सोने की भारत में तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे। दुबई से सोना लाने वाले कथित तस्करों की गिरफ्तारी से तस्करी सिंडिकेट का संकेत मिलता है।

-अनिल नरेन्द्र

स्टार लिंक...सीमा से स्पेस तक जोखिम



देश में उपग्रह कम्युनिकेशन के लिए अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को एंट्री देने के लिए दो दूरसंचार दिग्गजों - एयरटेल और रिलायंस जियो ने करार पर हस्ताक्षर कर लिए हैं। स्टारलिंक सैटेलाइट इंटनेट सर्विस है, जिसका संचालन एलन मस्क की कंपनी स्पेस करती है। सैटेलाइट ब्राडबैंड, सैटेलाइट कवरेज के अंदर कहीं भी इंटरनेट की सुविधा मुहैया करा सकता है। स्टार लिंक हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस मुहैया करानी है और इससे दूरदराज के उन इलाकों में भी इंटरनेट सर्विस पहुंच सकती है। जहां पारम्परिक इंटरनेट सर्विस पहुंचने में दिक्कत आती है। स्टारलिंक की सेवाएं फिलहाल 100 से ज्यादा देशों में उपलब्ध हैं। भारत के पड़ोसी देश में भी इसकी सेवाएं हैं। इससे भारत में मोबाइल कम्युनिकेशन में ाढांति का दावा किया जा रहा है। हालांकि इस तरह के कम्युनिकेशन के लिए अमेरिकी कंपनी पर निर्भरता जोखिम भरा जरूर है। एयरटेल, जियो और स्पेस एक्स के बीच करार के विस्तृत बिंदु अभी सार्वजनिक होने बाकी हैं और अभी इस करार को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलनी भी बाकी है। लेकिन ऐसी कई चिताएं हैं जिन पर चर्चा जरूरी है। सबसे बड़ा सवाल सुरक्षा का है। पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा और चीन से लगी एलएसी का उपग्रह का अनियंत्रित एक्सेस मिला तो दुश्मन या विद्रोही तत्वों द्वारा इसका बेजा फायदा उठाने की आशंका होगी। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी पुख्ता इंतजाम किए जाने जरूरी हैं। दूसरी चिंता डेटा की सुरक्षा को लेकर है। सैटेलाइट के जरिए बातचीत का पूरा डेटा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर यानी अमेरिकी कंपनी के पास रहेगा। ऐसे में संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा रहेगा। अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को सोशल मीडिया से अपनी पोस्ट डिलीट कर दी उन्होंने लिखा था स्टारलिंक का भारत में स्वागत है। दूरदराज के इलाकों में रेलवे परियोजनाओं के लिए यह बेहद उपयोगी रहेगा। मस्क की कंपनी स्टारलिंक के पास फिलहाल आर्बिट में लगभग 7000 सैटेलाइट मौजूद हैं। इसको 100 देशों में 40 लाख सब्पाइबर्स हैं। मस्क ने कहा है कि वह हर पांच साल में नई टेक्नोलॉजी से इसे अपने नेटवर्क को अपग्रेड करते रहेंगे। इटली ने कुछ देशों में अपने दूतावास के लिए स्टारलिंक की सेवाएं ली थीं, लेकिन उसने नेशनल सिक्यूरिटी कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसी तरह कंपनी कई अफ्रीकी देशों में सेवाएं दे रही है। लेकिन नामिबिया ने हाल ही में बिना लाइसेंस इंटरनेट सुविधा देने पर स्टारलिंक को अपना आपरेशन समेटने को कहा था। भारत के 140 करोड़ लोगों में से लगभग 40 फीसदी लोगों के पास अब भी इंटरनेट की पहुंच नहीं है। इनमें ज्यादातर ग्रामीण इलाकों से हैं। भारत में इंटरनेट अपनाने की दर अभी भी वै]िश्वक औसत से पीछे है। फिलहाल यह 66.28 फीसदी है। लेकिन हाल में हुए अध्ययनों से पता चलता है कि देश इस अंतर को कम कर रहा है। अगर कीमत सही से तय की जाए और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए तो सैटेलाइट ब्रांडबैंड इस अंतर को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

Sunday, 16 March 2025

हरियाणा में ट्रिपल इंजन की सरकार


हरियाणा विधानसभा चुनावों में जीत की हैट्रिक बनाने के छह महीने से भी कम समय में सत्तारूढ़ भाजपा ने बुधवार को राज्य के निकाय चुनावों में एकतरफा जीत दर्ज की है। विधानसभा चुनाव के बाद यह चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ही परीक्षा जैसा था, जिसमें कांग्रेस फिर से ट्रोल होती दिखी है। हालात यह रही है कि हरियाणा के कुल 10 नगर निगमों में से 9 पर भाजपा ने जीत हासिल की है। इस तरह हरियाणा में ट्रिपल इंजन की सरकार बन गई है। वहीं मानेसर नगर निगम में निर्दलीय मेयर प्रत्याशी डॉ. इंद्रजीत यादव विजयी रहे हैं। कांग्रेस का 10 में से किसी भी एक सीट पर खाता नहीं खुलासा है। इसके अलावा 21 नगर परिषदों के चुनाव में भी कांग्रेस को करारा झटका लगा है। कांग्रेस को अपने गढ़ में भी हार का सामना करना पड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक में भाजपा फिर मेयर की कुर्सी पर काबिज हो गई है। वहीं कुमारी शैलजा का क्षेत्र सिरसा नगर परिषद में पहली बार भाजपा को जीत हासिल हुई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि फरीदाबाद में मेयर पद पर भाजपा प्रत्याशी प्रवीण बत्रा जोशी ने देश में सबसे बड़ी जीत हासिल की है। उन्होंने 3,16,852 वोटों से कांग्रेस की लता रानी को हराया है। प्रचार में भाजपा का नारा ट्रिपल इंजन की सरकार काम कर गई। विधानसभा की तरह बूथ स्तर पर संगठन की मजबूती नजर आई। मुख्यमंत्री सैनी की मेहनत भी रंग लाई। कांग्रेस का बिखराव जारी है।

-अनिल नरेन्द्र

आतंक पालने वाला पाकिस्तान खुद आतंकी शिकार


इमरान खान के पाकिस्तान के पीएम पद से हटने के बाद ब्लूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत वर्तमान पीएम शहबाज शरीफ के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। इन दोनों प्रांतों में पाक सेना और तेजी से बढ़ी है। पाकिस्तान हिंसाग्रस्त ब्लूचिस्तान प्रांत में दशकों से अलगाववादी संगठन ब्लूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने मंगलवार को करीब 400 यात्रियों से भरी जाफर एक्सप्रेस का अपहरण कर लिया। यह घटना पाकिस्तान की सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई। बीएलए ने दावा किया कि उसने करीब 180 यात्रियों को बंधक बना लिया है। हालांकि पाकिस्तान की सेना के हवाले से बताया गया कि 80 बंधकों को छुड़ा लिया गया जिनमें 26 महिलाएं और 22 बच्चे हैं। ब्लूचिस्तान से गुजरने वाली जाफर एक्सप्रेस पर यह कोई पहला हमला नहीं है। दरअसल इस ट्रेन पर अक्सर सरकारी कर्मचारी, सैनिक और अन्य अधिकारी चलते हैं, इसलिए बीएलए की इस ट्रेन पर नजर रहती है। उल्लेखनीय है कि बीएलए अफगानिस्तान के दक्षिण हिस्से में सक्रीय एक ब्लूच चरमपंथी संगठन है, जिसका उद्देश्य ब्लूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर स्वतंत्र राष्ट्र बनाना है। ब्लूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों की पुष्टि से भी समृद्ध प्रांत है और उसकी लड़ाई इस बात को लेकर है कि पाकिस्तान उसके संसाधनों का दोहन करता है लेकिन बदले में स्थानीय लोगों को कोई फायदा नहीं मिलता। पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ यह पिछले करीब सात दशकों से लड़ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि साल 2024 पाकिस्तान के लिए लगभग एक दशक में सबसे घातक था। इस दौरान आतंकी हमलों में 2526 लोगों ने जान गंवाई। यह 2023 के मुकाबले 90 प्रतिशत ज्यादा है। इनमें 700 पुलिसकर्मी, 900 से अधिक आम नागरिक और 900 तक सशस्त्र जवान शामिल थे। पाक सरकार के सूत्र बताते हैं कि ब्लूचिस्तान में बढ़ती सैन्य मौजूदगी और राज्य के राजनीतिक हालात इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। यहां के नवाब राजनीतिक हालातों पर पकड़ खो चुके हैं। दूसरी ओर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंकों ने सबसे तेजी से बढ़ने वाला आतंकी समूह करार दिया है। टीटीपी खैबर प्रांत में सबसे तेजी से फैल रहा है। पाकिस्तान इसमें अफगानिस्तान का हाथ बताता है। ब्लूचिस्तान ट्रेन हाईजैक के 34 घंटे बाद पाकिस्तान सेना ने ऑपरेशन पूरा होने का दावा किया है। सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने कहा, जाफर एक्सप्रेस पर हुए हमले में 21 यात्रियों और 4 सैनिकों की मौत हुई है। सेना ने सभी 33 हमलावरों को मारकर बंधकों को छुड़ा लिया है। वहीं बीएलए ने दावा किया, पाक सेना के आपरेशन के बाद हमने बंधक बनाए पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला। इससे पहले बीएलए ने कहा था कि उसके आत्मघाती हमलावर ट्रेन से बंधक बनाए सेना के 214 जवानों को लेकर खंदकों में छिपे हैं। यदि सेना बंधकों को छुड़ाने का ऑपरेशन करेगी तो आत्मघाती दस्ता खुद को उड़ा लेगा। बीएलए ने कुल 100 पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा किया है। दोनों पक्षों के बयानों में विरोधाभास है। धीरे-धीरे सत्य का पता चलेगा। इतना तय है कि आतंक पालने वाला पाकिस्तान आज खुद आतंकवाद का शिकार बन चुका है।

Thursday, 13 March 2025

भारत शुल्क कटौती करने पर सहमत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत अपने शुल्क में पर्याप्त कटौती करने के लिए सहमत हो गया है, क्योंकि भारत अमेरिका पर बहुत अधिक शुल्क लगाता है, जिससे वहां के उत्पाद बेचना मुश्किल हो जाता है। ट्रंप ने गत शुक्रवार को ओवल आफिस (अमेरिका के राष्ट्रपति का अधिकारिक कार्यालय) से दिए बयान में कहा, आर्थिक, वित्तीय और व्यापारिक दृष्टिकोण से हमारे को दुनिया के लगभग हर देश ने पूरी तरह से ठगा है। उन्होंने कहा, कनाडा में किसको और फिर आप सीधे लाइन में चले जाइए। भारत हम पर बहुत ज्यादा शुल्क लगाता है। बहुत ज्यादा आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। लगभग प्रतिबंधात्मक है। हम भारत के अंदर बहुत कम व्यापार करते हैं। ट्रंप ने कहा, वैसे वे इस बात पर सहमत हो गए हैं कि अब वे अपने शुल्क में कटौती करना चाहते हैं। क्योंकि अब कोई तो उनके किए की पोल खोल रहा है। उन्होंने कहा चीन के साथ भी यही बात है। अन्य कई देशों के साथ भी यही बात है तथा यूरोपीय संघ इन देशों का बहुत ज्यादा दुरुपयोग कर रहा है। ट्रंप की यह टिप्पणी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की उनकी अमेरिकी समकक्ष हार्वड लुटनिक के साथ व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका यात्रा के बाद आई है। ट्रंप ने इस सप्ताह तीसरी बार भारत द्वारा लगाए गए उच्च शुल्क की आलोचना की है। डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने को राजी हो गया है। इस बयान पर कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को कहा कि अगर ट्रंप की बात सही है तो यह मोदी सरकार का आत्मसमर्पण है और इससे भारत की अर्थव्यवस्था अधिक कुचल जाएगी। कांग्रेस ने पीएम से इस मुद्दे पर संसद में जवाब देने की मांग की है। पवन खेड़ा ने कहा कि पीएम मोदी के अमेरिका के आगे समर्पण करने से न सिर्फ भारत की छवि कमजोर हुई है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी नुकसान पहुंचा है। भारत सरकार को बताना चाहिए कि आखिर भारत ने क्या सहमति दी है? उधर सूत्र कहते हैं कि टैरिफ मुद्दे पर बातचीत शुरू हो चुकी है। ऐसे में इसके डिटेल्स पर बात करना जल्दबाजी होगी। भारत ने यूएई, स्विटजरलैंड, नार्वे, आस्ट्रेलिया के सभी द्विपक्षीय समझौते के तहत औसत तौर पर लगाए जाने वाले टैरिफ को काफी कम कर दिया है। ऐसी बातचीत यूरोपीय यूनियन और यूके के साथ भी हो रही है। -अनिल नरेन्द्र

भारत की जीत पर पाक की प्रतिक्रिया

भारत ने चैपियंस ट्राफी 2025 के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर 12 साल बाद यह खिताब अपने नाम कर लिया है। रविन्द्र जडेजा ने 49वें ओवर की आखिरी गेंद पर चौका जड़कर जीत दिलाई। दुबई की धीमी पिच पर न्यूजीलैंड के 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करना कोई आसान काम नहीं था लेकिन भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने 83 गेंद में 76 रन की शानदार पारी खेल मजबूत बुनियाद रख दी थी। बाकी काम भारत के स्पिनर्स वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, रविन्द्र जडेजा ने पूरा कर दिया। इस बार की चैंपियंस ट्राफी की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा था। लेकिन भारत के पाकिस्तान जाने से इंकार के बाद कुछ मैच दुबई में शिफ्ट करने पड़े थे। भारत ने अपने सारे मैच दुबई में ही खेले। भारत के इस रुख को लेकर पाकिस्तान के लोग खासी नाराजगी जता रहे थे। भारत से खेलने के लिए पाकिस्तानी टीम के दुबई जाने से पहले पाक के पूर्व स्पिनर सकलैन मुस्ताक ने कहा था, मुझे उम्मीद है कि उन्हें ठीक से सबक सिखाएंगे लेकिन पाकिस्तान न तो भारत को हरा पाया, न ही टूर्नामेंट में टिक पाया और मेजबान होने के बावजूद फाइनल अपने घर में नहीं करा पाया। भारत की जीत पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर सकलैन मुश्ताक ने एक न्यूज चैनल में कहा, इस जीत का श्रेय मैं भारत से लेना नहीं चाहता था लेकिन दुनियाभर के जितने भी क्रिकेट बोर्ड हैं उन्हें आईसीसी से पूछना चाहिए कि क्या सारी चीजें निष्पक्ष तरीके से हुई हैं? कौन लाड़ला है, कौन नहीं। क्या इसी तरह भी आगे क्रिकेट चलेगा? आगे इसी तरह एशिया कप है। अब एशिया कप का मॉडल क्या होगा? खेल की भावना निकल जाएगी और क्रिकेट फिर पावर का गेम हो जाएगा। दरअसल सकलैन का कहना है कि टीम इंडिया को कहीं भी ट्रेवल्स नहीं करना पड़ा और सारे मैच दुबई के एक स्टेडियम में खेलने का फायदा मिला। वहीं पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक ने कहा कि ठीक है कि कुछ चीजें भारत के पक्ष में थीं लेकिन इसके बावजूद सारी टीमों को हराना और इस तरह खेलना, क्रेडिट तो जाता है। रोहित ने खुद भी बढ़िया खेला और टीम को भी अच्छे से मैनेज किया। इंजमाम ने कहा जो सकमैन बात कह रहा है, उसमें सच्चाई है। पहले इन चीजों को लेकर केवल पाकिस्तान शोर मचाता था लेकिन अब दूसरे देशों के क्रिकेटरों ने भी आपत्ति जताई है। भारत की जीत में आलराउंडर प्रदर्शन अच्छा था। इसी शो में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वकार युनुस ने कहा कि मुझे लगता है कि कुलदीप यादव ने कमाल किया है। हम लोगों को लग रहा था कि कुलदीप को रोहित 20 ओवर के बाद लाएगा लेकिन उसको पहले लाकर सबको सरप्राइज कर दिया। मुझे नहीं लगता कि न्यूजीलैंड के ओपनर्स को उम्मीद रही होगी कि कुलदीप आएगा। कुलदीप को लाना वाकई बढ़िया रणनीति थी। वसीम अकरम ने रोहित शर्मा की तारीफ करते हुए कहा, रोहित ने पिछले चार सालों में पावर प्ले में 70 छक्के मारे हैं। आज भी रोहित बिलकुल बिना अतिरिक्त कोशिश के सहज बैटिंग कर रहे थे। पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और कमेंटेटर रमीज राजा ने कहा, भले आप कह ले कि भारत को एक पिच पर खेलने का फायदा मिला लेकिन जीत के लिए अच्छा खेलना होता है। भारत ने बिना कोई मैच हारे खिताब जीत लिया। भारत अब बहुत आगे निकल चुका है। चार-पांच स्पिनरों का इस्तेमाल करना इतना आसान नहीं होता। कुलदीप यादव ने कमाल किया है। रविंद्र जडेजा और कुलदीप ने न्यूजीलैंड की कमर तब तोड़ दी जब विलियम्सन को आउट कर दिया, इसके बाद न्यूजीलैंड अपने आप को संभाल नहीं पाया। हम रोहित शर्मा और तमाम भारतीय क्रिकेट टीम को इस शानदार जीत पर बधाई देते हैं।

Tuesday, 11 March 2025

निशाने पर राम मंदिर

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से ताल्लुक रखने वाले बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के फरार आतंकी लजर मसीह को कौशांबी से गिरफ्तार किया गया है। यूपी विशेष कार्यबल (एसटीएफ) और पंजाब पुलिस ने संयुक्त अभियान में मसीह को दबोचा। आईएसआई व बीकेआई के इशारे पर मसीह ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान बड़ा हमला और देश को दहलने की साज़िश रची थी। हालांकि कड़े सुरक्षा इंतजाम के चलते वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हुआ। आतंकी के पास तीन हैंड ग्रेनेड, दो डेटोनेटर, ज़िलेटिन रॉड, एक रूसी पिस्टल, 13 कारतूस व सफेद विस्फोटक बरामद हुआ है। अमृतसर में रहने वाला लजर पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के हैडलरों के सम्पर्क में था। लजर से एक फर्जी पते बी-55 रामप्रस्थ कालोनी से चंदन नगर पर बना आधार कार्ड भी बरामद हुआ है। दर्शाए गए पते पर तीन मज़िला बिल्डिंग में रह रहे लोगों के अनुसार वहां लजर मसीह नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता है। बीते दिनों अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादी गुरुतवंत सिंह पन्नू ने महाकुंभ में आतंकी हमले की धमकी दी थी जिसके बाद से ही केंद्रीय एजेंसियों के साथ यूपी पुलिस चौकन्नी थी। डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार लजर प्रयागराज भी गया था पर सघन चेकिंग से वह शहर में घुस नहीं सका। ताजा इनपुट के बाद उसे बुधवार रात करीब सवा तीन बजे कौशांबी से दबोच लिया गया। लजर बीकेआई के जर्मन माड्यूल के मुखिया स्वर्ण सिंह उर्फ जतिन फौजी का करीबी और असलह व ड्रग्स का बड़ा सप्लायर है। वह तस्करी के ही मामले में अमृतसर की जेल में बंद था। उसके पिता कुलविंदर ने मतांतरण कर ईसाई धर्म अपना लिया था। डीजीपी ने बताया पंजाब पुलिस ने सूचना दी थी कि मसीह को पाकिस्तान में बैठे उसके आका ड्रोन के जरिए गोला बारूद व असलहा मुहैया कराते थे। इनका इस्तेमाल मसीह और उसके साथी आतंकी हमलों में करते थे। पंजाब पुलिस ने उसकी तस्वीर के साथ सूचना दी थी कि पंजाब में पुलिस चौकियों पर हुए ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी बब्बर खालसा इंटरनेशनल के जर्मनी आधारित माड्यूल के सरगना जीवन फौजी उर्फ स्वर्ण सिंह ने ली थी। संदिग्ध आतंकी के पकड़े जाने के बाद राम मंदिर परिसर के चारों और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। मंदिर में लगी लोहे की बैरिकेडिंग पर रात भर गश्त के साथ ही रोशनी भी बढ़ा दी गई है। इसी के साथ परिसर से सटे भवन स्वामियों को किसी भी संदिग्ध के दिखने पर पुलिस को तत्काल सूचित करने को कहा गया है। वर्ष 2005 में रामजन्म भूमि पर फिदायिन हमला हुआ था। आतंकी पंचकोसी परिक्रमा मार्ग से होते परिसर के समीप पहुंच गए और ब्लास्ट कर परिसर में प्रवेश कर गए थे। हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें मारकर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था। हमले से सबक लेकर एक बार फिर सुरक्षा बंदोबस्त फुलप्रूफ किए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक परिसर के चारो तरफ खासकर रात के समय चौकसी बढ़ा दी गई है। पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को रात भर गश्त करने की व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई अपनी पुरानी हरकतों से बाज आने वाली नहीं है। हमें कड़ी चौकसी रखनी होगी। फुल अलर्ट पर रहना होगा। -अनिल नरेन्द्र

हम हर तरह की जंग के लिए तैयार हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले पर पलटवार करते हुए चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह किसी भी तरह के युद्ध के लिए तैयार है। ट्रंप ने सभी चीनी वस्तुओं पर टैऱिफ बढ़ाने की घोष़णा की है और इस घोषणा के बाद से दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाओं में ट्रेड वॉर का ख़तरा बढ़ गया है। इसके तुरंत बाद ही चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 10-15ज्ञ् टैऱिफ लगाने की घोषणा की। चीनी दूतावास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, चाहे टैऱिफ वॉर हो, ट्रेड वॉर हो या कोई अन्य जंग, अमेरिका अगर जंग चाहता है तो हम इसके अंजाम तक जंग लड़ने को तैयार हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से चीन की ओर से यह सबसे तीख़ी बयानबाज़ी है और ऐसे मौके पर आई है जब नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के सालाना अधिवेशन में बीजिंग में चीन के नेता इकट्ठा हुए है। बुधवार को चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने घोषणा की कि चीन इस साल अपने रक्षा खर्च में 7.2ज्ञ् की बढ़ोतरी करेगा। उन्होंने कहा, पूरी दुनिया में तेज़ गति से ऐसे बदलाव हो रहे हैं जिन्हें एक सदी में कभी नहीं देखा गया। हालांकि रक्षा बजट में यह बढ़ोतरी उम्मीद के मुताबिक है और पिछले साल की घोषणा से मेल खाता है। बीजिंग में नेता चीन की जनता को एक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें भरोसा है कि देश की अर्थव्यवस्था ट्रेड वॉर के ख़तरों के बावजूद बढ़ सकती है। ऐसा लगता है कि चीन अमेरिका के म़ुकाबले अपनी छवि को स्थिर और शांत देश के रूप में पेश करना चाहता रहा है। चीन ने पहले भी कहा है कि वह जंग के लिए तैयार है। पिछले साल अत्तूबर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताईवान के चारों ओर मिलिट्री ड्रिल के दौरान सैनिकों को जंग के लिए तैयार रहने को कहा था। वॉशिंगटन में चीनी दूतावास ने एक दिन पहले विदेश मंत्रालय के बयान का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि ड्रग फ़ेंटानिल की तस्करी के लिए अमेरिका चीन पर बेवजह आरोप मढ़ रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, चीनी उत्पादों के आयात पर अमेरिकी टैऱिफ बढ़ाने के लिए फ़ेंटानिल का मुद्दा एक कमज़ोर बहाना है। बयान के अनुसार, धमकी से हम डरने वाले नहीं। दबंगई का हम पर कोई असर नहीं पड़ता। दबाव, ज़बरदस्ती या धमकियां, चीन से निपटने का सही तऱीका नहीं हैं। चीन की कड़ी प्रतिक्रिया पर अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेट ने फॉक्स न्यूज़ के एक कार्यक्रम में कहा, हम तैयार हैं। जो शांति चाहते हैं, उन्हें जंग के लिए भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, यही वजह है, अमेरिका अपनी सेना को मजबूत कर रहा है और डिटरेंस बहाल कर रहा है। हम एक ख़तरऩाक दुनिया में रह रहे हैं। टेक्नोलॉजी को अत्याधुनिक कर रहे हैं, वे अमेरिका की जगह लेना चाहते हैं। हेगसेट ने कहा कि सैन्य त़ाकत बनाए रखना, तनाव से बचने का मुख्य तऱीका है। उन्होंने कहा, अगर हम चीन या अन्य देशों के साथ युद्ध को रोकना चाहते हैं तो हमें त़ाकतवर होना होगा और राष्ट्रपति ट्रंप जानते हैं कि इसी से शांति आएगी। उनके चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अच्छे संबंध हैं। हम चीन के साथ युद्ध नहीं चाहते और न ही युद्ध करना चाहते हैं और राष्ट्रपति ट्रंप ने इस ऐतिहासिक मौके को इसके लिए इस्तेमाल भी किया।

Saturday, 8 March 2025

ट्रंप की टैरिफ स्ट्राइक

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन सहित अन्य देशों की ओर से उच्च शुल्क (हाई टैरिफ) लगाए जाने की आलोचना करते हुए इसे बेहद अनुचित करार दिया है। ट्रंप ने साथ ही घोषणा की कि अगले महीने यानी 2 अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाए जाएंगे। राष्ट्रपति ने जवाबी शुल्क को लेकर अपना पक्ष रखा और कहा कि ये 2 अप्रैल से लगाए जाएंगे। वह अन्य देशों से आयात पर वही शुल्क (टैरिफ) लगाना चाहते हैं, जो वो देश अमेरिका से होने वाले निर्यात पर लगाते हैं। ट्रंप ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, अन्य देशों से हमारे खिलाफ शुल्क लगाए है और अब हमारी बारी है कि हम उन देशों के खिलाफ इसका इस्तेमाल करें। यूरोपीय संघ (ईयू), चीन, ब्राजील, भारत, मेक्सिको और कनाडा क्या आपने उनके बारे में सुना है। ऐसे अनेक देश हैं जो हमारी तुलना में हमसे बहुत अधिक शुल्क वसूलते हैं। यह बिलकुल अनुचित है। अपने दूसरे कार्यकाल में कांग्रेस को पहली बार संबोधित करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा भारत हमसे 100 प्रतिशत से अधिक ऑटो शुल्क वसूलता है। हम भी ऐसा करने जा रहे हैं। यानी 2 अप्रैल से भारतीय प्रोडक्ट्स पर अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ नीति लागू कर देगा। अपने 44 मिनट के भाषण में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने 43 दिन में जो किया वह कई सरकारें अपने 4 या 8 साल के कार्यकाल में नहीं कर सकीं। चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर रेसिप्रोकल शब्द का मतलब क्या होता है और यह कोई देश किसी दूसरे देश पर कब लगाता है? रेसिप्रोकल का मतलब होता है प्रति शोधात्मक यानी जैसे को तैसा वाली नीति। इसे ऐसे समझिए कि रेसिप्रोकल टैरिफ एक ऐसा टैक्स या व्यापार प्रतिबंध है जो देश दूसरे देश पर तब लगता है जब वह देश भी उसी तरह का टैक्स या प्रतिबंध पहले देश पर लगाता है, मतलब अगर एक देश दूसरे के सामान पर 100 फीसदी टैक्स लगाता है तो दूसरा देश भी उसी तरह का टैक्स लगा सकता है इसका मकसद व्यापार में संतुलन बना होता है। व्यापार संतुलन में यह सुनिश्चित करना कि कोई देश दूसरे देश के सामान पर 100 फीसदी टैक्स लगता है तो दूसरा देश भी उसी तरह का टैक्स लगा सकता है। इसका मकसद व्यापार में संतुलन बनाना होता है। व्यापार संतुलन यह सुनिश्चित करना कि कोई देश दूसरे देश के सामान पर ज्यादा टैक्स न लगाए। रेसिप्रोकल टैरिफ की शुरुआत 1‘वीं सदी में हुई। 1860 में ब्रिटेन और फ्रांस के बीच कोबड़ेन शेवेलियर संधि हुई थी जिसमें टैरिफ कम किए गए, इसके बाद 1930 का दशक आया, जब अमेरिका ने स्मूट-हॉले टैरिफ एक्ट लागू किया जिससे वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ और महामंदी बढ़ी। हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने चीन, यूरोपीय संघ और अन्य देशें पर टैरिफ लगाए जिसके जवाब में उन देशों ने भी अमेरिकी सामान पर टैक्स लगाए है। भारत इन ज्वलन्त समस्या से कैसे निपटेगा यह देखना बाकी है। अगर ट्रंप भारत पर 100 प्रतिशत टैक्स लगता है तो निश्चित रूप से भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका भारी असर पड़ेगा। देखना यह है कि भारत सरकार इस नई चुनौती का क्या समाधान निकालती है ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। -अनिल नरेन्द्र

आकाश आनंद ः अर्श से फर्श पर

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को न केवल पार्टी के सभी पदों से हटाया बल्कि अब पार्टी से ही बाहर कर दिया है। उन्होंने सोमवार को एक्स पर इसकी जानकारी दी। मायावती ने कहा है कि एक दिन पहले सभी पदों से हटाए जाने पर आकाश ने परिपक्वता का परिचय नहीं दिया। आकाश के बयान को अपने ससुर के प्रभाव वाला स्वार्थी और गैर मिशनरी बताया है। आकाश आनंद को 2019 में पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया था और 2023 आते-आते रिश्तों में खटास बढ़ी और आकाश आनंद को न केवल पार्टी पदों से हटा दिया गया बल्कि पार्टी से बाहर कर fिदया गया है। आकाश आनंद मायावती के सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। वो 2017 में लंदन से पढ़ाई करने के बाद ही बीएसपी के कामकाज में जुड़े थे। मई 2017 में सहारनपुर में ठाकुरों और दलितों के बीच संघर्ष के समय वो मायावती के साथ वहां गए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद आकाश को बीएसपी का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया था लेकिन वह पार्टी को जीत की रेस में लाने में नाकाम रहे थे। हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आकाश पार्टी के प्रभारी थे लेकिन सीट जीतना तो दूर की बात है, पार्टी के वोट शेयर में भी भारी गिरावट आई थी। मायावती ने पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले आकाश आनंद के राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया था। हटाने का तर्क दिया गया था कि अभी उन्हें और परिपक्व होने की जरूरत है। लेकिन आकाश को तब हटाया गया था जब वह सत्ताधारी भाजपा पर सीधा और तीखा हमला बोल रहे थे। लखनऊ में रविवार को बसपा की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है ः कांशीराम के पदचिह्नों पर चलते हुए ही आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया गया है और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया गया है। अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी को पूरे देश में दो गुटों में बांटकर कमजोर किया है। मायावती को पलटकर जवाब देना वह भी सोशल मीडिया साइट एक्स पर और उस पर तर्क यह कि तमाम संघर्षों के बाद सत्ताशीर्ष तक पहुंची मायावती को कठिन परीक्षा और लंबी लड़ाई होने का लुका-छिपा संदेश देना। पार्टी की मानें तो मायावती को आकाश आनंद की यह दोनों बातें अखर गई। यही आकाश आनंद के पार्टी से बाहर जाने का सबब भी बनी। बहुजन समाज पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मायावती के इस फैसले से न केवल उनकी पार्टी के लोगों को बल्कि राजनीतिक विश्लेषकों को भी अचरज में डाल दिया है। आकाश आनंद पार्टी के युवा चेहरा हैं। हालांकि जिम्मेदारी के पद पर रहते हुए पार्टी का प्रदर्शन निचले स्तर पर रहा। मायावती के साथ एक नकारात्मक बात यह है कि वह कभी भी सड़क पर नहीं उतरती हैं। राजनीति की गहरी समझ रखने वाले और विपक्षी दलों के नेता भी मानते हैं कि अब खुलकर राजनीतिक करने के मायावती के दिन नहीं आने वाले। खासकर भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख रखने के स्वभाव को बहनजी ने बहुत पहले साइड लाइन कर रखा है। वह भाजपा के दवाब में हैं ऐसा लगता है। आज बहुजन समाज पार्टी की सियासत जमीन पर आ गई है। अपना वोट शेयर, वोट बैंक सब गिरता नजर आ रहा है। चुनाव पर चुनाव होने से बसपा की हालत बद से बदत्तर होती जा रही है। आकाश का यह कहना कि परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है, इस बात को भली-भांति स्पष्ट करती दिखाती है कि बीएसपी में अभी बहुत कुछ घटित होने वाला है। देखना है मायावती के हार्ड कोर समर्थक पार्टी के लिए कितने फायदेमंद रहते हैं या पार्टी के घमासान की शुरुआत है।

Thursday, 6 March 2025

शेयर बाजार धोखाधड़ीऔर माधवी बुच



शेयर बाजार में धोखाधड़ी और नियमावली उल्लंघन के आरोपों में आखिरकार कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। माधवी बुच पर पिछले काफी समय से आरोप लगते रहे हैं पर जब तक वे पद पर थीं किसी प्रकार की न तो जांच हुई और न ही कोई कानूनी कार्रवाई। भारत की पहली महिला सेबी प्रमुख बुच पर अमेरिका की शीर्ष शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी हितों के टकराव के आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग रिसर्च ने बुच और उनके पति धवल बुच पर ऑफशोर एटिटीज में निवेश करने के आरोप लगाए थे, तो कथित तौर पर एक फंड स्ट्रक्चर का हिस्सा था जिसमें अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी ने भी निवेश किया था। बुच दंपत्ति ने सारे आरोपों को खारिज कर दिया था। ताजा मामला एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को शेयर बाजार में कथित धोखाधड़ी और विनियामवली उल्लंघन के संबंध में शेयर बाजार नियामक सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधवी बुच और 5 अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। मुंबई स्थित विशेष एसीबी अदालत के न्यायाधीश शशिकांत एकनाथ राव बांगर ने शनिवार को पारित आदेश में कहा। प्रथम दृष्टया विनियमावली में चूक और मिलीभगत के सुबूत हैं जिनकी निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। आदेश में कहा गया है कि कूनन प्रवर्तन एजेंसियों और सेबी की सक्रियता के कारण आपराधिक प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि वह इस जांच की निगरानी करेगी और 30 दिनों में स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है। बुच का कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हुआ है। सेबी ने कहा है कि वह आदेश को चुनौती देगा। इस मामले में शिकायतकर्ता सपन श्रीवास्तव (47) का दावा है कि सेबी के अधिकारी वैधानिक कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे। बाजार में हेरफेर की सुविधा दी और मानदंडों को पूरा नहीं करने वाली कंपनी की लिस्टिंग की अनुमति देकर कारपोरेट धोखाधड़ी होने दी। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। जहां अदालत के आदेश के बाद सेबी ने बयान जारी कर कहा, जिन अधिकारियों का जिक्र है वह कंपनी की लिस्टिंग के समय अपने संबंधित पदों पर नहीं थे, फिर भी अदालत ने बिना नोटिस जारी किया था। सेबी को तथ्यों को रिकार्ड पर रखने का अवसर दिए बिना शिकायत को मंजूरी दे दी। सेबी ने कहा, आवेदक एक तुच्छ और आदतन वादी के रूप में जाना जाता है, उसके पिछले आवेदनों को अदालत ने खारिज कर दिया है और कुछ मामलों में जुर्माना भी लगाया है। इन अधिकारियों पर भी दर्ज होगा केस। निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदररंजन राममूर्ति। बीएसई के ही तत्कालीन अध्यक्ष व जनहित निदेशक प्रमोद अग्रवाल सेबी के तीन पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया, अनंत नारायण, श्रीमती कमलेश चंद्र वार्ष्णेय। अब देखना यह है कि कौन आगे कैसे बढ़ता है? क्या सच्चाई सामने आएगी या हर बार की तरह लीपापोती हो जाएगी। मुंबई स्टाक एक्सचेंज का बहुत बुरा हाल है। पिछले 28 साल के निचली स्तर पर स्टाक मार्किट गिर गया है। लाखों-करोड़ों का नुकसान हो चुका है। छोटे निवेशक तबाह हो गए हैं। क्या उन्हें न्याय मिलेगा? उम्मीद की जाती है कि सख्त कदमों से स्टाक मार्केट सुधरेगी।

-अनिल नरेन्द्र

एक अरब भारतीयों के पास खर्च करने को पैसे नहीं



भारत की जनसंख्या क़रीब एक अरब 40 करोड़ है लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से एक अरब लोगों के पास ख़र्च के लिए पैसे नहीं हैं। वेंचर कैपिटल फ़र्म ब्लूम वेंचर्स की इस ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में उपभोक्ता वर्ग जो कि ख़ास तौर पर व्यवसाय मालिकों या स्टार्ट अप का एक संभावित बाज़ार है, इसका आकार मेक्सिको की आबादी के बराबर या 13 से 14 करोड़ है। इसके अलावा 30 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें इमर्जिंग या आकांक्षी कहा जा सकता है, लेकिन वे ख़र्च करने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अभी ख़र्च करने की शुरुआत की है। रिपोर्ट के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के उपभोक्ता वर्ग का प्रसार उतना नहीं हो रहा है जितना उसकी ख़रीद की क्षमता बढ़ रही है। इसका मतलब यह है कि भारत की संपन्न आबादी की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है, बल्कि जो पहले से ही संपन्न हैं और अमीर हो रहे हैं। ये सब मिलकर देश के उपभोक्ता बाज़ार को अलग तरह से आकार दे रहे हैं, ख़ासकर प्रीमियमाइजेशन का ट्रेंड बढ़ रहा है, जहां ब्रांड बड़े पैमाने पर वस्तुओं और सेवाओं की पेशकश पर ध्यान देने के बजाय अमीरों की ज़रूरतों को पूरा करने वाले महंगे और उन्नत उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर विकास को गति देते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है बहुत महंगे घरों और प्रीमियम स्मार्ट फ़ोन की बिक्री में बढ़ोत्तरी का होना, जबकि इनके सस्ते मॉडल संघर्ष कर रहे हैं। भारत के कुल बाज़ार में इस समय सस्ते घरों की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत है जबकि पांच साल पहले यह हिस्सेदारी 40 प्रतिशत हुआ करती थी। इसी तरह ब्रांडेड सामानों की बाज़ार हिस्सेदारी बढ़ रही है। और एक्सपीरियंस इकोनॉमी फल फूल रही है, उदाहरण के लिए कोल्डप्ले और एड शीरान जैसे विदेशी अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के कंसर्ट के महंगे टिकटों का बिकना। भारत का मध्य वर्ग उपभोक्ता मांग का मुख्य स्रोत रहा है, लेकिन मार्सेलस इनवेस्टमेंट मैनेजर्स द्वारा इकट्ठा किए गए डेटा की मानें तो वेतन के कमोबेश एक जैसे बने रहने के कारण इस मध्य वर्ग की हालत ख़राब हो रही है। जनवरी में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है, भारत में टैक्स देने वाली आबादी के बीच के 50 प्रतिशत लोगों की वेतन पिछले एक दशक में स्थिर रही हैं। इसका मतलब है कि वास्तविक अर्थों में उनकी आय (महंगाई को जोड़ने के बाद) आधी हो गयी है। वित्तीय बोझ ने मध्य वर्ग की बचत खत्म कर दी है। आरबीआई लगातार इस बात को कह रहा है कि भारतीय परिवारों की कुल वित्तीय बचत 50 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच रही है। इन हालात से पता चलता है कि मध्य वर्ग के घरेलू ख़र्च से जुड़े उत्पादों और सेवाओं को आने वाले सालों में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि एआई धीरे-धीरे क्लर्क, सेक्रेटरी और अन्य रोज़मर्रा के काम की जगह ले सकता है, ऐसे में सफेदपोश शहरी नौकरियां पाना मुश्किल होता जा रहा है। भारत की मैन्य़ुफैक्चरिंग इकाइयों में सुपरवाइज़रों की संख्या में अच्छी ख़ासी कमी आई है। सरकार के हालिया इकोनॉमिक सर्वे में भी इन चिंताओं को ज़ाहिर किया है। इसमें कहा गया है कि इस तरह के तकनीकी विकास की वजह से श्रमिक विस्थापन (लेबर डिस्प्लेसमेंट), भारत जैसी सेवा प्रधान अर्थव्यवस्थाओं के लिए चिंता का विषय है, जहां आईटी कार्यबल का एक अच्छा हिस्सा सस्ते सेवा क्षेत्र में कार्यरत है। यह सब देश की आर्थिक विकास को पटरी से उतार सकता है।

Tuesday, 4 March 2025

वो दस मिनट जब हुई तू-तू, मैं-मैं

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच पावार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में जबरदस्त तीखी बहस हो गई। ट्रंप ने आरोप लगाया कि जेलेंस्की शांति नहीं चाहते हैं और अगर वो समझौता नहीं करेंगे तो अमेरिका इस जंग से बाहर हो जाएगा। ट्रंप ने दावा भी किया कि पेन रूस के साथ जंग में जीत हासिल नहीं कर सकता है। ट्रंप ने जेलेंस्की पर अमेरिका और अमेरिकी लोगों का अनादर करने का भी आरोप लगाया। वहीं जेलेंस्की ने कहाö हम गारंटी के साथ युद्ध विराम चाहते हैं। ट्रंप और जेलेंस्की के बीच जब बहस हो रही थी उस दौरान अमेरिका में पोन की राजदूत बेहद तनाव में थीं। ओवल ऑफिस से सामने आए वीडियो में पोनी राजदूत अपना हाथ माथे और चेहरे पर रखे हुए थे। ओवल ऑफिस में दोनों नेताओं की बहस मीडिया के कैमरे में कैद हो गई और सारी दुनिया ने ट्रंप के डांटने वाले लहजे को देखा और परेशान हो गई। वह जेलेंस्की को यूं डांट रहे थे जैसे कोई हुक्मरान अपने मुलाजिमों को डांटता है। पेश है बातचीत के अंश। जेडी वांस (उपराष्ट्रपति अमेरिका) शांति और तरक्की का रास्ता कूटनीति को जोड़ता है। प्रेसीडेंट ट्रंप यही काम कर रहे हैं। जेलेंस्की (बात करते हुए) ः तीन साल पहले हम पर हमला करने से पहले भी रूस ने हमारा इलाका छीना। तब किसी ने पुतिन को नहीं रोका। आज किस तरह की डिप्लोमेसी की बात कर रहे हैं जेडी वांस। आपका मतलब क्या है? जेडी वांस ः मैं उस डिप्लोमेसी की बात कर रहा हूं जो आपके देश का विनाश होने से बचाएगा। आप हमारी बेइज्जती कर रहे हो। अमेरिकी मीडिया के सामने आप हमें दोषी बता रहे हो। ट्रंप ने पुतिन से बातचीत का रास्ता खोला और तुरन्त युद्ध विराम लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। जेलेंस्की को तो युद्ध लड़ने में कई तरह की दिक्कत हो रही थी। जेलेंस्की ः युद्ध के समय हर किसी को परेशानी होती है। यहां तक कि आपको भी। आपके पास बढ़िया समन्दर है। आपको अभी यह महसूस नहीं हो रहा होगा मगर भविष्य में आप यह महसूस करेंगे। जेलेंस्की ने यह बात कहकर इशारा किया कि आप रूस को खुश करने की कोशिश करोगे तो आप भी युद्ध की चपेट में आ सकते हो। (यह बात ट्रंप को चुभ गई और वह भी जेलेंस्की और वांस की बातचीत में कूद गए) ट्रंप (ऊंची आवाज में) ः हमें यह न बताओ कि हम क्या महसूस करेंगे। आप इस स्थिति में नहीं हो कि हमें यह बात सिखाओ, अभी आपके पास के दांव नहीं है। आप करोड़ों लोगों की जिन्दगियों के साथ जुआ खेल रहे हो। जेलेंस्की ः युद्ध की शुरुआत से ही हम अपनी जंग अकेले लड़ रहे थे और हमें इस पर गर्व है। (यह सुन ट्रंप और भड़क गए क्योंकि वह पोन युद्ध पर अमेरिकी खर्च को बड़ा नुकसान बताते रहे हैं)। ट्रंप ः आप अकेले नहीं थे। आप कभी अकेले नहीं थे। हमने आपको एक पूर्व राष्ट्रपति (बाइडन) के जरिए 350 अरब डॉलर की मदद की। जेडी वांस ः क्या आपने इस मदद के लिए कभी अमेरिका का आभार जताया? आपने अमेरिकी चुनाव में डेपोटिक के लिए कैपेनिंग की। अमेरिकी चुनाव से ठीक पहले जेलेंस्की, जो बाइडन के गृह नगर गए थे, जिस पर ट्रंप की पार्टी बहुत नाराज हुई थी। जेलेंस्की ः प्लीज, अगर आपको लगता है कि युद्ध के बारे में ऊंची आवाज से बात करके आप...(तभी झुंझलाए ट्रंप बीच में बात काटते हैं) ट्रंप ः ऊंची आवाज में नहीं कर रहे। आपका देश एक बड़े संकट में है। आप इस जंग को नहीं जीत सकते। आपके पास इस सब से बाहर निकलने का एक मौका है। हमारी बदौलत इस तरह बिजनेस नहीं हो पाएगा। मिलकर काम करने के लिए एटिट्यूड बदलना होगा। (ट्रंप और जेडी के मुख से एटिट्यूड की बात सुनकर जेलेंस्की गुस्से से भर जाते हैं) जेडी वांस ः आप सिर्फ हमें धन्यवाद दीजिए। जेलेंस्की ः मैं धन्यराद दे चुका हूं और एक बार फिर अमेरिकी जनता का धन्यवाद देता हूं। वांस ः असहमति को भी स्वीकार कीजिए। मीडिया के सामने लड़ने की बजाए असहमति के मुद्दे पर बात कीजिए। जब आप गलत होते हो तो आप सिर्फ गलत होते हो। ट्रंप ः अच्छा ही हुआ कि अमेरिकी लोग आज यह देख रहे हैं कि क्या हुआ। आपको शुािढया कहना चाहिए। आपके पास कोई दांव नहीं है। आप खत्म हो चुके हो। आपके लोग मर रहे हैं। आपके पास सैनिक नहीं हैं। अगर आप युद्ध विराम के लिए मान जाते तो गोलियां बरसनी बंद हो जाती और आपके लोग न मरते। जेलेंस्की ः मैं युद्ध रोकना चाहता हूं पर जैसा कि मैंने आपसे कहाö कुछ गारंटियां भी चाहता हूं। युद्ध विराम के बारे में अपने लोगों की राय लेना चाहता हूं। यह थी ट्रंप-वांस-जेलेंस्की की पूरी बातचीत के प्रमुख अंश। डोनाल्ड ट्रंप, जेलेंस्की, वांस के बीच ओवल आफिस में जो हुआ उसे दुनिया ने देखा। इस तीखी नोंकझोक के बाद जहां रूस-पोन शांति समझौता खटाई में पड़ गया है। वहीं जेलेंस्की के लिए यूरोपीय नेताओं से लेकर सोशल मीडिया तक में सपोर्ट की बाढ़ आ गई है। एक अंतिम बात अब जो भी राष्ट्र अध्यक्ष राष्ट्रपति ट्रंप से मिलेगा वह बड़ा चौकस रहेगा कि ट्रंप को गुस्सा आ गया तो... -अनिल नरेन्द्र