Thursday, 13 March 2025
भारत शुल्क कटौती करने पर सहमत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत अपने शुल्क में पर्याप्त कटौती करने के लिए सहमत हो गया है, क्योंकि भारत अमेरिका पर बहुत अधिक शुल्क लगाता है, जिससे वहां के उत्पाद बेचना मुश्किल हो जाता है। ट्रंप ने गत शुक्रवार को ओवल आफिस (अमेरिका के राष्ट्रपति का अधिकारिक कार्यालय) से दिए बयान में कहा, आर्थिक, वित्तीय और व्यापारिक दृष्टिकोण से हमारे को दुनिया के लगभग हर देश ने पूरी तरह से ठगा है। उन्होंने कहा, कनाडा में किसको और फिर आप सीधे लाइन में चले जाइए। भारत हम पर बहुत ज्यादा शुल्क लगाता है। बहुत ज्यादा आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। लगभग प्रतिबंधात्मक है। हम भारत के अंदर बहुत कम व्यापार करते हैं। ट्रंप ने कहा, वैसे वे इस बात पर सहमत हो गए हैं कि अब वे अपने शुल्क में कटौती करना चाहते हैं। क्योंकि अब कोई तो उनके किए की पोल खोल रहा है। उन्होंने कहा चीन के साथ भी यही बात है। अन्य कई देशों के साथ भी यही बात है तथा यूरोपीय संघ इन देशों का बहुत ज्यादा दुरुपयोग कर रहा है। ट्रंप की यह टिप्पणी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की उनकी अमेरिकी समकक्ष हार्वड लुटनिक के साथ व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका यात्रा के बाद आई है। ट्रंप ने इस सप्ताह तीसरी बार भारत द्वारा लगाए गए उच्च शुल्क की आलोचना की है। डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने को राजी हो गया है। इस बयान पर कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को कहा कि अगर ट्रंप की बात सही है तो यह मोदी सरकार का आत्मसमर्पण है और इससे भारत की अर्थव्यवस्था अधिक कुचल जाएगी। कांग्रेस ने पीएम से इस मुद्दे पर संसद में जवाब देने की मांग की है। पवन खेड़ा ने कहा कि पीएम मोदी के अमेरिका के आगे समर्पण करने से न सिर्फ भारत की छवि कमजोर हुई है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी नुकसान पहुंचा है। भारत सरकार को बताना चाहिए कि आखिर भारत ने क्या सहमति दी है? उधर सूत्र कहते हैं कि टैरिफ मुद्दे पर बातचीत शुरू हो चुकी है। ऐसे में इसके डिटेल्स पर बात करना जल्दबाजी होगी। भारत ने यूएई, स्विटजरलैंड, नार्वे, आस्ट्रेलिया के सभी द्विपक्षीय समझौते के तहत औसत तौर पर लगाए जाने वाले टैरिफ को काफी कम कर दिया है। ऐसी बातचीत यूरोपीय यूनियन और यूके के साथ भी हो रही है।
-अनिल नरेन्द्र
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