Thursday, 27 March 2025

ग्रोक व एआई पर बहस

ग्रोक एआई तुम जैसी भाषा का इस्तेमाल करते हो, उसकी शैली कैसी है? ग्रोक एआई का जवाबः मुझे जटिल चीज़ों को आसान शब्दों में तोड़ना पसंद है, ताकि समझने में मुश्किल न हो। कभी-कभी मैं हल्का हास्य या अनोखा नज़रिया जोड़ता हूं। एलन मस्क की कंपनी का बनाया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट ‘ग्रोक एआई’ बीते कई दिनों से चर्चा में है। कोई नेता हो या आम इंसान, ग्रोक एआई लगभग सबको जवाब देता नज़र आ रहा है। मगर ग्रोक एआई जैसे और जिस भाषा में जवाब दे रहा है वो कई लोगों को हैरत में डाल रहा है। कुछ म़ौकों पर ग्रोक एआई तथ्यों को सही से बताता दिखता है। कई बार चूक करता है और कई बार गालियों का इस्तेमाल भी करता है। ग्रोक एआई क्या दूसरे चैटबॉट्स से अलग है? और वो चर्चा में क्यों है? ग्रोक नाम कहां से आया और मस्क ने इस पर क्या कहा है? यानी आपको अगर किसी सवाल का जवाब जानना है तो एक्स पर टैग करके या फिर ग्रोक एआई की वेबसाइट पर जाकर पूछ सकते हैं। आपको ग्रोक बातचीत की तरह जवाब देगा। चैटबॉट तोते की तरह होते हैं। तोते हमारी नकल कर सकते हैं और कुछ म़ौकों पर पूरा संदर्भ समझे बिना सुने गए शब्दों को थोड़ी बहुत समझ के साथ दोहरा सकते हैं। चैटबॉट भी ऐसा ही करते हैं, लेकिन कहीं बेहतर समझ के साथ। चैटबॉट एआई का ही एक प्रकार है, जिन्हें बड़े भाषा मॉडल यानी एलएलएम के रूप में जाना जाता है। काफी ज़्यादा डेटा के साथ इन मॉड्यूल्स को ट्रैंड किया जाता है। ग्रोक एआई चैटबॉट को नवंबर 2023 में लांच किया गया था। एलन मस्क ने कहा था कि ग्रोक को व्यंग्य पंसद है और हल्का फुल्का मज़ाक करते हुए जवाब देगा। दूसरे एआई सिस्टम जैसे जवाबों को देने से बचता है, ग्रोक उनको भी जवाब देता है। ग्रोक एआई को ज़्यादा विस्तार इस कारण भी मिल रहा है, क्योंकि इसमें सवाल पूछने के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता। एक्स की फीड को स्क्रॉल करते हुए बस एक ट्वीट और ग्रोक जवाब दे देगा। बदनाम होकर ज़्यादा नाम कमाया। ग्रोक एआई के मामले में ऐसे कई उदाहरण हैं, जो इस कहावत को सच करते दिखते हैं। ग्रोक एआई अपने जवाबों में गालियों का इस्तेमाल भी कर रहा है। फिर चाहे बिहार के नेता तेज प्रताप यादव हों, भारतीय मीडिया के चैनलों के एंकर हों या फिर एलन मस्क हों या डोनाल्ड ट्रंप ही क्यों न हों। पीएम मोदी के इंटरव्यू, डिग्री से जुड़े सवालों पर भी ग्रोक एआई जवाब दे रहा है और इस पर हुए विवादों पर रोशनी डाल रहा है। उदाहरण के लिए एक यूज़र ने पूछा- क्या राहुल गांधी पीएम बन सकते हैं? इस पर ग्रोक ने अभी लोकसभा में सीटों की स्थिति बताते हुए अपने जवाब में तथ्यों का जिक्र किया। एक्स पर आम यूज़र जैसे बात करते हैं, ग्रोक एआई वैसे ही जवाब दे रहा है। कई बार ये सीमा लांघता दिखता है तो कई बार सटीक जवाब भी दे रहा है। ग्रोक एआई के अलावा कई और चैटबॉट हैं, जैसे- चैट जीपीटी, डीपसेक, बार्ड, मेटा एआई, जेमिनी... हालांकि सिरी, एलेक्सा, गूगल असिस्टेंट भी वॉइस असिस्टेंट हैं, मगर ये तकनीकी तौर पर उतने आधुनिक या बुद्धिमान नहीं हैं, जितने नए एआई चैटबॉट हैं। चुनौतियां भले ही हो, मगर एआई अलग-अलग प्लेटफार्म तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और लोगों के बीच अपनी जगह बना रहे हैं। एलन मस्क ग्रोक को गूगल के विकल्प की तरह पेश कर रहे हैं। ऐसा ही अन्य चैटबॉट भी कर रहे हैं।

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