Saturday, 8 March 2025
ट्रंप की टैरिफ स्ट्राइक
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन सहित अन्य देशों की ओर से उच्च शुल्क (हाई टैरिफ) लगाए जाने की आलोचना करते हुए इसे बेहद अनुचित करार दिया है। ट्रंप ने साथ ही घोषणा की कि अगले महीने यानी 2 अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाए जाएंगे। राष्ट्रपति ने जवाबी शुल्क को लेकर अपना पक्ष रखा और कहा कि ये 2 अप्रैल से लगाए जाएंगे। वह अन्य देशों से आयात पर वही शुल्क (टैरिफ) लगाना चाहते हैं, जो वो देश अमेरिका से होने वाले निर्यात पर लगाते हैं। ट्रंप ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, अन्य देशों से हमारे खिलाफ शुल्क लगाए है और अब हमारी बारी है कि हम उन देशों के खिलाफ इसका इस्तेमाल करें। यूरोपीय संघ (ईयू), चीन, ब्राजील, भारत, मेक्सिको और कनाडा क्या आपने उनके बारे में सुना है। ऐसे अनेक देश हैं जो हमारी तुलना में हमसे बहुत अधिक शुल्क वसूलते हैं। यह बिलकुल अनुचित है। अपने दूसरे कार्यकाल में कांग्रेस को पहली बार संबोधित करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा भारत हमसे 100 प्रतिशत से अधिक ऑटो शुल्क वसूलता है। हम भी ऐसा करने जा रहे हैं। यानी 2 अप्रैल से भारतीय प्रोडक्ट्स पर अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ नीति लागू कर देगा। अपने 44 मिनट के भाषण में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने 43 दिन में जो किया वह कई सरकारें अपने 4 या 8 साल के कार्यकाल में नहीं कर सकीं। चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर रेसिप्रोकल शब्द का मतलब क्या होता है और यह कोई देश किसी दूसरे देश पर कब लगाता है? रेसिप्रोकल का मतलब होता है प्रति शोधात्मक यानी जैसे को तैसा वाली नीति। इसे ऐसे समझिए कि रेसिप्रोकल टैरिफ एक ऐसा टैक्स या व्यापार प्रतिबंध है जो देश दूसरे देश पर तब लगता है जब वह देश भी उसी तरह का टैक्स या प्रतिबंध पहले देश पर लगाता है, मतलब अगर एक देश दूसरे के सामान पर 100 फीसदी टैक्स लगाता है तो दूसरा देश भी उसी तरह का टैक्स लगा सकता है इसका मकसद व्यापार में संतुलन बना होता है। व्यापार संतुलन में यह सुनिश्चित करना कि कोई देश दूसरे देश के सामान पर 100 फीसदी टैक्स लगता है तो दूसरा देश भी उसी तरह का टैक्स लगा सकता है। इसका मकसद व्यापार में संतुलन बनाना होता है। व्यापार संतुलन यह सुनिश्चित करना कि कोई देश दूसरे देश के सामान पर ज्यादा टैक्स न लगाए। रेसिप्रोकल टैरिफ की शुरुआत 1‘वीं सदी में हुई। 1860 में ब्रिटेन और फ्रांस के बीच कोबड़ेन शेवेलियर संधि हुई थी जिसमें टैरिफ कम किए गए, इसके बाद 1930 का दशक आया, जब अमेरिका ने स्मूट-हॉले टैरिफ एक्ट लागू किया जिससे वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ और महामंदी बढ़ी। हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने चीन, यूरोपीय संघ और अन्य देशें पर टैरिफ लगाए जिसके जवाब में उन देशों ने भी अमेरिकी सामान पर टैक्स लगाए है। भारत इन ज्वलन्त समस्या से कैसे निपटेगा यह देखना बाकी है। अगर ट्रंप भारत पर 100 प्रतिशत टैक्स लगता है तो निश्चित रूप से भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका भारी असर पड़ेगा। देखना यह है कि भारत सरकार इस नई चुनौती का क्या समाधान निकालती है ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।
-अनिल नरेन्द्र
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