Thursday, 20 March 2025

चिंता न करें इंडसइंड के जमाकर्ता



रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, यानि आरबीआई ने शनिवार को ग्राहकों को आश्वस्त किया कि इडंसइंड बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है। केंद्रीय बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को निर्देश दिया कि वह अनुमानित 2100 करोड़ रुपए की लेखा विसंगित से संबंधित सुधारात्मक कार्रवाई इसी महीने पूरा कर लें। इंडसइंड बैंक ने इसी सप्ताह लेखांकन में गड़बड़ी का खुलासा किया था। इसका बैंक के निवल मूल्य पर 2.35 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है। खुलासे के तुरन्त बाद, बैंक के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट देखी गई। आरबीआई ने एक बयान में कहा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध खुलासों के आधार पर बैंक ने पहले ही अपने मौजूदा तंत्र की व्यापक समीक्षा करने और वास्तविक प्रभाव का आंकलन करने और इसका हिसाब लगाने के लिए एक बाहरी लेखा परीक्षा टीम को नियुक्त कर लिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा बोर्ड और प्रबंधन को रिजर्व बैंक द्वारा निर्देश दिया गया है कि वे सभी हितधारकों को आवश्यक खुलासे करने के बाद जनवरी-मार्च तिमाही में पूरी तरह से सुधारात्मक कार्रवाई पूरी कर लें। ग्राहकों की चिंताओं को दूर करते हुए आरबीआई ने कहा, जमाकर्ताओं को इस समय सवालों पर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं है। आरबीआई ने कहा इंडसइंड बैंक लिमिटेड से संबंधित कुछ अटकलें लगाई गई हैं, जो शायद बैंक से संबंधित हाल की घटनाओं से उत्पन्न हुई हैं। केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों और निदेशकों को आश्वासन दिया कि बैंक को वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई है और वह इस पर बारीकी से नजर रखे हुए है। दरअसल, इंडसइंड बैंक ने लेखांकन में गड़बड़ी का इसी सप्ताह खुलासा किया था। इससे बैंक को निवल मूल्य पर 2.35 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है। खुलासे के तुरन्त बाद बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। इससे शंका पैदा हो गई कि ग्राहकों और निवेशकों में अफरातफरी न फैल जाए। ऐसा होता तो समूचे बैंकिंग क्षेत्र पर नकारात्मक असर का अंदेशा होगा। बैंकिंग क्षेत्र की बुनियाद ही विश्वास है और इसी पर बैंकिंग के कार्यकलाप निष्पादित किए जाते हैं। यदि विश्वास डगमगाया तो मानकर चलिए कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र इसकी चपेट में आ सकते हैं। कई देशों में ऐसा हुआ है कि बैंक पर विश्वास डगमगाते ही बैंक के बाहर ग्राहकों की लाइन लग जाती है। ग्राहक का मन विचलित होते ही जो हालात बनते हैं, उन्हें उनमें विश्वास बनाने में अरसा लग जाता है। केंद्रीय बैंक की भूमिका ऐसी परिस्थिति को बनाए रखने की होती है जो नॉन बैंकिंग क्षेत्र को विकासवान रख सके। यही रिजर्व बैंक कर रहा है। वह हर हाल में बैंक के हितधारकों का बैंक में विश्वास बनाए रखना चाहता है। इंडसइंड बैंक के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था के लिए स्थितियों को सहज बनाए रखना चाहता है। अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्र परस्पर निर्भर होते हैं। बैंकिंग ंभी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें घबराहट और अटकल बाजियों का माहौल कहर बरपा सकता है।

-अनिल नरेन्द्र

 

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