Wednesday, 17 August 2022
रुश्दी पर हमला : हदी मतार कौन है?
न्यूयॉर्व में प्राख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर चावू से हमला करने के आरोप में हिरासत में लिए गए 24 वषाय संदिग्ध हदी मतार की सहानुभूति शिया चरमपंथियों और ईंरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर के उद्देश्यों के प्राति थी। मीडिया में आईं खबरों में यह दावा किया गया है।
न्यूयॉर्व स्टेट पुलिस ने संदिग्ध की पहचान पेयरव्यू, न्यूजसा के हदी मतार के तौर पर की है। पािमी न्यूयॉर्व में चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में भाषण देने के दौरान हमलावर ने मंच पर चढ़कर रुश्दी पर चावू से हमला किया था। बताया जा रहा है कि हमलावर ने वुछ सैवेंडों में 8 से ज्यादा बार रुश्दी पर हमला किया। एनबीसी न्यूज ने मामले की जांच से जुड़े एक अधिकारी के हवाले से बताया कि आरोपी हदी मतार के सोशल मीडिया अकाउंट की प्राथमिक जांच से पता चला है कि वह शिया चरमपंथ और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड (ईंरान) के प्राति सहानुभूति रखता था। अब तक मतार और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी से सीधे संबंध की जानकारी तो नहीं मिली है। लेकिन उसके मोबाइल फोन के मैसेजिग ऐप से ईंरान के मारे गए कमांडर कासिम सुलेमानी और ईंरानी शासन के प्राति सहानुभूति रखने वाले इराकी चरमपंथियों की तस्वीर मिली है। सुलेमानी एक वरिष्ठ ईंरानी सैन्य अधिकारी थे, जिनकी वर्ष 2020 में हत्या कर दी गईं थी।
पत्रकार जोशुआ गुडमैन अपने परिवार के साथ छुट्टी मनाने पािमी न्यूयॉर्व में चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन गए थे, लेकिन यहां उनके सामने लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले की घटना घटी। एक समाचार एजेंसी के पत्रकार गुडमैन भी उस कार्यंव््राम में मौजूद थे, जहां रुश्दी व्याख्यान में हिस्सा लेने पहुंचे थे। पत्रकार ने अपने मोबाइल फोन से घटना की तस्वीरें लीं और अपने संस्थान को हमले के वीडियो भेजे। वहीं चौटाउक्वा कानूनी के कार्यंकारी पॉल वेंर्डल ने एक बयान में कहा कि यह निराशाजनक है कि हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहां हम दूसरों के अलग विचारों को नहीं सुन सकते, खासकर संस्थान जैसी जगह, जहां दुनियाभर के विचारक अपने अनुभव साझा करने आते हैं। उधर वुछ ईंरानियों ने हमले की प्राशंसा भी की है। ईंरानियों ने सलमान रुश्दी पर हुए हमले को लेकर मिश्रित प्रातिव््िराया दी है। तेहरान में वुछ लोगों ने लेखक पर हमले की सराहना की। रेजा अमिरी नामक एक व्यक्ति ने कहा कि मैं रुश्दी को नहीं जानता, लेकिन मुझे यह सुनकर खुशी हुईं है कि उन पर हमला किया गया क्योंकि उन्होंने इस्लाम का अपमान किया है। हालांकि वुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें चिता है ईंरान दुनिया से और कट जाएगा। भूगोल शिक्षक महाशिव बराती (39) ने कहा कि मैं मानता हूं कि जिन्होंने ऐसा किया है, वह ईंरान को अलग-थलग करने का प्रायास कर रहे हैं। रुश्दी पर हमले के बाद मेजबान संस्थान चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में सुरक्षा सावधानियों को लेकर प्राश्न उठने लगे हैं। न्यूयॉर्व पोस्ट की खबर के अनुसार 2001 में रुश्दी ने अपने आसपास बहुत अधिक सुरक्षा की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था, अपने आसपास बहुत सुरक्षा देखकर थोड़ी असहजता होती है।
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