Tuesday 2 August 2022

राजनीति सिर्प सत्ता के लिए रह गईं है

इस सम्पादकीय और पूर्व के अन्य संपादकीय देखने के लिए अपने इंटरनेट/ब्राउजर की एड्रेस बार में टाइप करें पूूज्://हग्त्हाह्ंत्दु.ंत्दुेज्दू.म्दस् वेंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी अपने विवादास्पद बयानों के लिए मशहूर हैं। इसी कड़ी में उन्होंने नागपुर में आयोजित एक कार्यंव््राम में कहा—कभी-कभी मन करता है कि राजनीति छोड़ दूं। समाज में और भी काम हैं, जो बिना राजनीति के हो सकते हैं। गडकरी ने कहा कि राजनीति बहुत बदल गईं है। महात्मा गांधी के समय में राजनीति देश और समाज के विकास के लिए होती थी, लेकिन अब राजनीति सिर्प सत्ता के लिए होती है। यह समझना होगा कि राजनीति का क्या मतलब है? क्या यह समाज और देश के कल्याण के लिए है या सिर्प सरकार में रहने के लिए? सामाजिक कार्यंकर्ता गिरिश गांधी के सम्मान समारोह में पहुंचे गडकरी ने कहा—राजनीति महात्मा गांधी के युग से सामाजिक जीवन व आंदोलन का हिस्सा रही है। फिर इसने देश और विकास के लक्ष्यों पर ध्यान वेंद्रित किया। पर आज हम (राजनीति में) देख रहे हैं कि वह शत-प्रातिशत सत्ता में रहने या आने के बारे में है। राजनीति सामाजिक- आर्थिक सुधार का एक सय साधन है, इसलिए नेताओं को शिक्षा, कला आदि के विकास का काम करना चाहिए। उन्होंने ऐसा प्रोरणादायक जीवन जिया—जब लोग मेरे पोस्टर लगाते हैं या लाते हैं तो मुझे इससे नफरत होती है। गडकरी ने पूर्व रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नाडीस का भी जिव््रा किया और कहा—मैंने उनके जीवन से बहुत वुछ सीखा है। उन्हें कभी भी सत्ता की भूख नहीं रही। ——अनिल नरेन्द्र

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