Tuesday, 9 August 2022

कांग्रोस सरकार से आर-पार के मूड में

कांग्रोस महंगाईं, जरूरी चीजों पर जीएसटी वृद्धि व विरोधियों के खिलाफ जांच एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर अब सरकार से टकराव के मूड में दिख रही है। लगता है कि कांग्रोस पाटा अब मोदी सरकार से आर-पार के मूड में है। इन मुद्दों को लेकर जहां देशव्यापी प्रादर्शन हो रहे हैं, वहीं पाटा अपने इस आव््रामक तेवर के जरिये कहीं न कहीं यह जताने की कोशिश कर रही है कि कांग्रोसमुक्त भारत की जिस सोच को जमीन पर उतारने के लिए भाजपा पुरजोर कोशिश कर रही है, उसी कांग्रोस के आव््रामक तेवरों को रोकने के लिए उसे अपने पूरे अमले को लगाना पड़ रहा है। इस पूरी कवायद का एक बड़ा मकसद यह भी है कि पाटा जमीन पर यह संदेश देना चाहती है कि आज भी देश में आम लोगों के मुद्दों और हितों के लिए कोईं सियासी दल अगर भाजपा सरकार से टकराने का माद्दा रखता है तो वह कांग्रोस है। कांग्रोस के इस प्रादर्शन और आव््रामक तेवरों के पीछे कईं अहम बिन्दु भी हैं। पिछले दिनों जब राहुल गांधी और कांग्रोस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ईंडी के यहां पेशी हुईं तो पाटा ने उनके प्राति एकजुटता दिखाते हुए विरोध प्रादर्शन किया था। हालांकि तब कांग्रोस की आलोचना हुईं थी कि गांधी परिवार पर आरोपों के चलते पाटा एकजुट हुईं है। आलोचकों की ओर से कहा गया कि लोगों से जुड़े मुद्दों के लिए पाटा के नेता और वर्वर्स जमीन पर नहीं उतरते। इस प्रादर्शन को उस आलोचना का जवाब माना जा सकता है। वैसे कांग्रोस ने पहले महंगाईं, जीएसटी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जनजागरण अभियान चलाने की योजना बनाईं थी। इस बीच इन मुद्दों के मौजूं होने से कांग्रोस ने इसे लेकर प्रादर्शन कर अपने संगठन के बीच बैठी जड़ता को खत्म करने की भी कोशिश की है। पाटा वर्वर काफी समय से जमीन से कटा हुआ, खुद को हताश और कमजोर मनोबल के बीच घिरा हुआ था। इन कवायदों ने इनमें एक नईं ऊर्जा भर दी है। आने वाले राज्यों के चुनावों को देखते हुए कांग्रोस को अपने वर्वर्स की सव््िरायता और उत्साह बेहद जरूरी है। उधर राहुल गांधी के हमले तीखे होते जा रहे हैं। राहल ने महंगाईं, बेरोजगारी और सामाजिक हालात पर वेंद्र सरकार पर तीखा प्राहार किया और दावा किया कि भारत में लोकतंत्र की मौत हो रही है। सिर्प चार लोगों की तानाशाही है। हेराल्ड मामले में ईंडी की कार्रवाईं का हवाला देते हुए राहुल ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। कहा कि जो डरता है वही धमकाता है तथा गांधी परिवार विचारधारा के लिए लड़ता है, इसलिए उस पर हमला किया जा रहा है। संवाददाताओं से बातचीत में राहुल ने दावा किया कि मौजूदा समय में देश की हर संस्था पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा का कब्जा है और संस्थाओं के स्वतंत्र नहीं होने से विपक्ष के संघर्ष का वह असर नहीं दिख रहा, जो दिखना चाहिए। हिन्दुस्तान में लोकतंत्र की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि जो इस देश ने 70 साल में बनाया उसे आठ साल में खत्म कर दिया गया। आज देश में लोकतंत्र नहीं है। आज चार लोगों की तानाशाही है। पूरा देश इसे जानता है। हमें संसद के बाहर और भीतर बोलने नहीं दिया जाता। सरकार दो-तीन बड़े उदृाोगपतियों के हित में काम कर रही है। एक सवाल के जवाब में कांग्रोस नेता ने कहा—मैं जितनी सच्चाईं बोलूंगा उतना मेरे ऊपर आव््रामण होगा। मैं डरने वाला नहीं, झुकने वाला नहीं। मैं जनता से जुड़े मुद्दे उठाता रहूंगा।

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