Tuesday, 9 August 2022
सवाल दिल्ली में शराब बिक्री का?
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को निजी शराब की दुकानों के साथ-साथ होटल और बार के आबकारी लाइसेंस को एक महीने के लिए दिल्ली की आम आदमी पाटा (आप) की सरकार के पैसले को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही शहर में शराब आपूर्ति फिर से शुरू हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के प्रास्ताव को मंजूरी देते हुए आबकारी नीति 2021-22 को एक महीने बढ़ाने का प्रास्ताव रविवार देर रात मंजूरी के वास्ते उपराज्यपाल को भेजा था।
उपराज्यपाल कार्यांलय के सूत्रों ने बताया कि 31 जुलाईं को समाप्त हुए मौजूदा लाइसेंस को देखते हुए और प्राशासन में लोगों के विश्वास बनाए रखने के लिए इस विस्तार को अनिवार्यं रूप से एक सीमित अस्थायी रूप में मंजूरी दे दी गईं है। उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल ने महसूस किया है कि स्टॉक क्लीयरेंस के लिए मौजूदा खुदरा और थोक लाइसेंस के कार्यंकाल को एक महीने के लिए बढ़ाने और खुदरा तथा थोक ठेके को बंद होने से बचाने के लिए दिल्ली मंत्रिमंडल के पैसले से सहमत होने के अलावा कोईं अन्य विकल्प नहीं था। इसके साथ ही शहर में शराब की अनुपलब्धता के कारण किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था बिगड़ने से रोकने के लिए भी यह निर्णय किया गया है। नईं शराब नीति वापस लेने के आदेश के बाद जहां शराब का सेवन करने वालों की परेशानी बढ़ेगी वहीं नईं आबकारी नीति स्व््रौप हुईं तो कईं शराब डीलर अदालत का रुख कर सकते हैं। नईं शराब नीति के तहत वेंडरों ने करोड़ों रुपए दुकान लेने, सजाने और शराब स्टॉक करने में खर्च किए हैं। सरकार की सख्ती पर शटर डाऊन हुए तो शराब की किल्लत भी होगी। इतना ही नहीं, पुरानी नीति लागू हुईं तो रेस्तरां, पब अन्य विव््रोताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली आबकारी विभाग को महज एक दिन ही समय दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग के पुराने वेंडर और पुरानी जगह, जहां शराब की बिव््री की जाती थी, के साथ ही किस विभाग के कितने कर्मचारी तैनात किए गए थे, उसका ब्यौरा मांगा गया है। वर्तमान स्थिति में कितनी पूर्व में संचालित दुकानें और जहां दुकानें थीं उनके खाली और भरे होने का ब्यौरा साझा करें। पुरानी आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार की चार संस्थाएं मिलकर शराब की बिव््री करती थीं। साथ ही वुछ निजी दुकानों को भी लाइसेंस शराब बिव््री के लिए दिया गया था। पिछले दिनों ही दिल्ली सरकार की नईं आबकारी नीति पर राजनिवास ने कईं सवाल खड़े किए थे।
कथित तौर पर भ्रष्टाचार के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पर आरोप लगे थे। अचानक से आदेश आने से दिल्ली सरकार कठघरे में खड़ी हो रही है।
——अनिल नरेन्द्र
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