Tuesday, 27 December 2022

नेपाल जेल से रिहा बिकनी किलर

भारतीय और वियतनामी मूल के वुख्यात प्रांसीसी सीरियल किलर जिसे बिकनी किलर भी कहा जाता है, को काठमांडू (नेपाल) द्वारा रिहा कर दिया गया है। चाल्र्स शोभराज को रिहा होने के वुछ घंटे बाद शुव्रवार को प्रांस निर्वासित कर दिया गया। उसने 1970 के दशक में एशियाभर में की गईं कईं हत्याओं के लिए अधिकांश सजा नेपाल की जेल में काटी। उच्चतम न्यायालय के आदेश के दो दिन बाद शोभराज (78) को कांठमांडू की केन्द्रीय जेल से शुव्रवार सुबह रिहा कर दिया गया। उसे पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच आव्रजन विभाग ले जाया गया। शोभराज के वकीलों में शामिल सुदेश सुबेदी ने कहा कि उसकी मां और बेटी उसके पेरिस पहुंचने का इंतजार कर रही हैं। इस बीच शोभराज को गोवा से गिरफ्तार करने वाले मुंबईं पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त मधुकर जेंडे ने कहा कि हालांकि उसका मानना है कि चाल्र्स शोभराज जैसे खूंखार अपराधी को जीवनभर जेल से बाहर नहीं आना चाहिए, लेकिन आपराधिक न्याय प्रणाली का क्या सोचना है, उस पर विचार किया जाना महत्वपूर्ण है। शोभराज को 1976 में अपने एक साथी के साथ मिलकर नईं दिल्ली के एक होटल में इंजीनियरिंग के 30 से अधिक छात्रों को जहर देने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया था। बाद में पता चला कि उसने एक प्रांसीसी पर्यंटक की भी हत्या की है। उसे विभिन्न अपराधों के लिए दिल्ली की तिहाड़ जेल में 12 साल की वैद की सजा सुनाईं गईं लेकिन वह कड़ी सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल तोड़कर भाग गया और सुर्खियों में आया। उसे जल्द ही गोवा के एक रेस्तरां जो कोकेरिया से गिरफ्तार किया गया और 1997 तक जेल में रहा। जेंडे ने कहा कि शोभराज ने 41 से 42 महिलाओं की हत्या करने की बात स्वीकार की है यह वह एक खूंखार अपराधी है, जो जेल से बाहर आने पर वुछ भी कर सकता है, नेपाल के गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता फनीन्द्र मणि पोखरेल ने कहा कि शोभराज अगले 10 वर्षो तक नेपाल में प्रवेश नहीं कर पाएगा। द काठमांडू पोस्ट अखबार के हवाले से कहा, गृह मंत्रालय ने चाल्र्स शोभराज को निर्वासित कर दिया है और अगले दस साल के लिए नेपाल में उसके प्रवेश करने पर रोक लगा दी है। शोभराज पहले कतर एयरवेज की उड़ान संख्या क्यूआर 649 से दोहा रवाना हुआ, जहां से वह पेरिस के लिए रवाना होगा। इससे पहले शोभराज के वकील गोपाल शिवकोटी चितोने ने भाषा को बताया कि शोभराज को प्रांस से निर्वासित करने के लिए त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईं अड्डे ले जाया गया। बाकी की पूरी जिंदगी उसके नेपाल लौटने पर रोक रहेगी। हालांकि यह मीडिया में जारी खबरों के अनुसार शोभराज नेपाल में रहना चाहता था और उसने दस दिन तक इलाज के लिए गंगालाल अस्पताल में भर्ती करने की गुहार लगाईं थी। उसकी 2017 में दिल की सर्जरी हुईं थी। न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और न्यायमूर्ति तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की खंड पीठ ने सरकार को उसके प्रांस निर्वासित करने का बंदोबस्त करने का निर्देश दिया था। ——अनिल नरेन्द्र

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