Tuesday 13 December 2022

भगवान की देन होती हैं बेटियां

रोहिणी वैसी है? सिगापुर में ऑपरेशन के बाद होश आने पर सबसे पहले लालू प्रासाद यादव ने यही पूछा था। यह शब्द न तो आरजेडी के मुखिया के हैं और न ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के। यह शब्द एक पिता के हैं जो अपनी बेटी के बारे में पूछ रहे थे। उस बेटी के बारे में जिसने वुछ ही घंटे पहले अपनी किडनी अपने पिता की जिंदगी बचाने के लिए दान कर दी। ऐसा नहीं है कि भावनाओं की यह धार एक तरफ से ब़ह रही है। सिगापुर में अपने पिता को किडनी देने से पहले रोहिणी ने भी लगातार कईं भावुक ट्वीट किए हैं। तभी से बाप-बेटी के रिश्तों पर खूब चर्चा हो रही है। जैसे ही रोहिणी को पता चला कि पिता लालू प्रासाद यादव को किडनी देने के लिए वो डोनर बन सकती हैं, रोहिणी ने सोशल मीडिया पर कईं पोस्ट किए। बीते 11 नवम्बर को पिता लालू प्रासाद यादव के साथ बचपन की एक तस्वीर साझा करते हुए रोहिणी ने ट्विटर पर लिखा—मां-पिता मेरे लिए भगवान हैं। मैं उनके लिए वुछ भी कर सकती हूं। आप सबकी शुभकामनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया है। मैं आप सबके प्राति दिल से आभार प्राकट करती हूं। आप सबका विशेष प्यार और सम्मान मिल रहा है। मैं भावुक हूं। आप सबको दिल से आभार कहना चाहती हूं। रोहिणी ने लिखा है कि धरती पर मां-बाप ही भगवान होते हैं और उनकी पूजा, सेवा करना हर बच्चे का फर्ज है। पिता को किडनी देने के पैसले पर रोहिणी ने अपने ट्वीट पर लिखा—मेरा तो मानना है कि यह तो बस एक छोटा-सा मांस का टुकड़ा है जो मैं अपने पापा के लिए देना चाहती हूं। पापा के लिए मैं वुछ भी कर सकती हूं। रोहिणी ने अपने ट्वीट में सबसे गुजारिश की है, आप सब दुआ कीजिए कि सब बेहतर तरीके से हो जाए, पापा फिर से आप सभी लोगों की आवाज बुलंद करें। शुभकामनाओं के लिए पुन: एक बार आप सबका आभार। रोहिणी आचार्यं के इस पैसले पर कईं ट्विटर यूजर तारीफ भी करते हैं, जिसमें नेता भी पीछे नहीं और न ही राजनीतिक विरोधी। बेगुसराय के सांसद और वेंद्रीय मंत्री गिरिराज सिह ने रोहिणी के इस पैसले पर लिखा—बेटी हो तो रोहिणी आचार्यं जैसी, गर्व है आप पर, आप एक उदाहरण होंगी, आने वाली पीढ़ियों के लिए। इतना ही नहीं, किडनी ट्रांसप्लांट के बाद प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रासाद यादव की तबीयत और हालचाल जानने के लिए बेटे तेजस्वी यादव को फोन किया है। वरिष्ठ पत्रकार रवीश वुमार ने भी पेसबुक पर रोहिणी की तारीफ में एक लंबा पोस्ट लिखा। उन्होंने रोहिणी के इस पैसले की सराहना करते हुए लिखा है, जिस तरह से रोहिणी ने ट्विटर पर अपने पिता के प्राति स्नेह का इजहार किया है, वह काफी अलग है। उसमें आत्म प्राचार नहीं है। उसका कोईं राजनीतिक महत्व नहीं है। उसमें केवल बाप और बेटी का रिश्ता है। रोहिणी आचार्यं लालू प्रासाद के नौ बच्चों में दूसरी संतान हैं। लालू की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती है। रोहिणी के बाद लालू की चार बेटियां हैं। उसके बाद तेज प्राताप यादव और तेजस्वी यादव का जन्म हुआ। 43 साल की रोहिणी का जन्म एक जून 1979 को पटना में हुआ था। स्वूली पढ़ाईं पूरी करने के बाद रोहिणी ने मेडिकल क्षेत्र को करियर के रूप में चुना था। रोहिणी ने मेडिकल क्षेत्र में जाने के लिए जमशेदपुर के एमजीएम कॉलेज से एमबीबीएस भी किया है। हालांकि उन्होंने कभी डॉक्टरी की प्रौक्टिस नहीं की है। धन्य हैं रोहिणी देवी आप लाखों लोगों के लिए एक मिसाल बन गईं हैं।

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