Tuesday 27 June 2023

अमेरिकी मीडिया की नजरों में मोदी का दौरा

भारत के प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे की चर्चा पूरी दुनियाभर के मीडिया में हो रही है। अमेरिकी मीडिया में भी इस दौरे को खासा तवज्जो मिली है। पीएम मोदी पहली बार अमेरिकी राजकीय अतिथि बनकर गए। दूसरे शब्दों में कहें तो मोदी पहली बार अमेरिका के स्टेट विजिट पर गए। मोदी ने अमेरिकी कांग्रोस को भी संबोधित किया। प्राधानमंत्री के रूप में पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रोस को दूसरी बार संबोधित किया है। अमेरिकी कांग्रोस के रूप में दो बार संबोधित करने वाले मोदी भारत के पहले प्राधानमंत्री बन गए हैं। अमेरिकी मीडिया में मोदी के दौरे पर मिलीजुली प्रातिव््िराया है। कईं सांसदों की ओर से अमेरिकी कांग्रोस में पीएम मोदी के भाषण के बहिष्कार की खबर को भी अमेरिकी मीडिया ने प्रामुखता से छापा है। इसके अलावा भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार, लोकतंत्र और प्रोस पर कथित हमलों से जुड़े सवाल भी पीएम मोदी के दौरे में पूछे गए और इन सवालों को अमेरिकी मीडिया ने भी प्रामुखता से उठाया है। करीब आधा दर्जन डेमोव््रोट्स सांसदों ने अमेरिकी कांग्रोस में पीएम मोदी के भाषण का बहिष्कार किया। इनमें मिशिगन से राशद तालिब, मिसौरी से छोटी बुश, मिने सोरा से इल्लान उमर और न्यूयार्व से जमाल काकेस ने मोदी के भाषण का बहिष्कार करते हुए साझा बयान दिया। इनके साझा बयान को न्यूयार्व टाइम्स ने प्रामुखता से जगह दी है। बयान में इन्होंने कहा है कि भारत के प्राधानमंत्री मोदी को अमेरिकी कांग्रोस का मंच देकर धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों और पत्रकारों की आवाज कमजोर की गईं है। न्यूयार्व टाइम्स ने लिखा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मोदी के स्वागत में कोईं कसर नहीं छोड़ी। बाइडन चाहते हैं कि रूस और चीन के साथ जब अमेरिका की तनातनी चल रही है। ऐसे में भारत उसके साथ रहे। मोदी के इस दौरे में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि बाइडन ने मोदी को संयुक्त प्रोस कांप्रोंस में रिपोर्टर से सवाल लेने के लिए तैयार किया। पिछले एक दशक में राष्ट्रवादी प्राधानमंत्री मोदी के लिए यह विरले था कि उन्होंने रिपोर्टर का सीधा सवाल लिया। मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार और लोकतंत्र को लेकर पूछा सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि भारत के डीएनए में लोकतंत्र है और धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है। न्यूयार्व टाइम्स ने लिखा है—बाइडन ने मोदी के शासन में भारत में असहमति की आवाज दबाने और प्रोस की आजादी कमजोर होने के आरोपों को तवज्जो नहीं दी। एक रिपोर्ट में वाशिगटन पोस्ट ने लिखा है कि राष्ट्रपति बाइडन ने भारत के लोकतंत्र को लेकर उठते सवालों के बावजूद बचाव किया है। अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने भी मोदी के दौरे का व्यापक रूप से कवरेज किया है। सीएनएन अपनी रिपोर्ट में लिखता है—मोदी की लोकप््िरायता भारत में जबरदस्त है लेकिन अधिनायकवाद की तरफ उनका झुकाव पािम को चिंतित करता है। उन्होंने असहमति को तो नकार दिया है। पत्रकारों को निशाने पर लिया है और जिन नीतियों को उन्होंने आगे बढ़ाया है, उसे मानवाधिकार समूह मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताते हैं।

No comments:

Post a Comment