Tuesday, 13 June 2023

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे से क्या हासिल हुआ?

अब सवाल यह है कि राहुल गांधी को अमेरिकी दौरे से क्या लाभ हुआ? कांग्रोस पाटा के प्रावक्ता अखिलेश प्राताप सिह कहते हैं—दुनिया ने उनको बड़े चाव से सुना और दुनिया में बहुत अच्छा असर छोड़ कर आए हैं राहुल गांधी। राहुल जी कांग्रोस पाटा के अध्यक्ष रह चुके हैं और संसद की सदस्यता गंवाने के बाद वो अमेरिका गए थे। अखिलेश प्राताप सिह आगे कहते हैं—आज की तारीख में राहुल गांधी आधिकारिक तौर पर तो वुछ नहीं हैं, न संगठन में, न सरकार में और न ही सदन में। लेकिन उनकी दुनिया में एक जगह है, उनकी एक आवाज है, विजन है जिसे दुनिया जानना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस बात को न तो भारत में नजरंदाज कर सकते हैं न दुनिया में। कोईं नेता ऐसा है जो सत्ता से हट जाएं और इतने चाव से कोईं उनको सुनने जाता हो? भाजपा को ही देख लीजिए, किसी पूर्व पीएम को किसी ने पूछा है? राहुल गांधी का अमेरिका का दौरा ऐसे समय हुआ है, जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कामयाबी से पाटा का मनोबल बढ़ा है और पाटा अगले साल आम चुनाव की तैयारी में जुटी हुईं है, तो क्या चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है, के जवाब में दक्षिणपंथी राजनीतिक विदेश नीति विशेषज्ञ और भाजपा के सदस्य डॉ. सुब्रोधमल दत्ता कहते हैं। संक्षेप में राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा का विश्लेषण किया जाए, तो ऐसा लगता है कि अमेरिका में भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक दर्शकों के सामने वुछ सस्ते राजनीतियां आधारहीन स्टंट के अलावा उन्हें राजनीतिक रूप से वुछ भी हासिल नहीं हुआ है। लेकिन अखिलेश प्राताप सिह के मुताबिक अमेरिका के दौरे से राहुल गांधी की बातें और उनके विचार दुनिया वालों तक पहुंचे हैं और इसलिए उनका यह दौरा कामयाब रहा। वह कहते हैं—राहुल गांधी को दुनिया की हर फील्ड के लोग सुनना और उनकी राय जानना चाहते हैं। उनको सुनने के बाद सबको लगता है कि हर फील्ड में उनकी जानकारी कितनी गहरी है। वो लोग भी राहुल जी को सुनने के बाद स्वीकार कर रहे हैं कि इस आदमी में देश और दुनिया को एक नईं दिशा देने की क्षमता है और विजन भी। लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा की नजरों में राहुल गांधी के अमेरिका के दौरे से उन्हें कोईं फायदा नहीं हुआ है। डॉ. दत्ता कहते हैं—पािम के साथ राहुल गांधी का रोमांस उन्हें खूबसूरत रोमांटिक कहानी नहीं देता। बल्कि उनकी भारत वापसी पर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। वाशिगटन में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार अजीत साही कहते हैं कि भारतीय विपक्षी नेता राहुल गांधी का अमेरिकी दौरा बड़े मामलों में सफल रहा। वह बताते हैं कि पहला, नौ वर्ष में पहली बार उन्होंने वाशिगटन डीसी में भारतीय प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा एक और आवाज को नीति बनाने वालों के सामने लाया है, दूसरा, उनके दौरे ने नौ वर्षो में पहली बार उन हजारों भारतीय अमेरिकियों को एक अवसर प्रादान किया जो मोदी की राजनीति से खुद को अलग देखते हैं और अलग-अलग शहरों में बड़े समूहों में इकट्ठा होते हैं और एकजुटता का प्रादर्शन करते हैं। ——अनिल नरेन्द्र

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