Tuesday, 20 June 2023

मणिपुर में हिसा क्यों नहीं रुक रही?

सौ से ज्यादा लोगों की मौत, 50 हजार से ज्यादा विस्थापित लोगों के घर जलाए जा रहे हैं, दुकानें जलाईं जा रही हैं, चर्च जलाए जा रहे हैं। मणिपुर में हिसा के बीच डेढ़ महीना गुजर चुका है, इस दौरान वेंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा होना, हिसा की न्यायिक जांच की घोषणा किए जाने तथा शांति समिति का गठन होने के बावजूद हिसा रुकने के बजाय जिस तरह बढ़ती जा रही है, वह अत्यंत चिंताजनक है। असम के मुख्यमंत्री हिमत बिस्वा सरमा को मैतेईं और वुकी समुदाय के बीच खाईं पाटने की जिम्मेदारी दी गईं, लेकिन मणिपुर में हिसा लगातार जारी है। ताजा घटनाव््राम में गुरुवार की रात इंफाल के कोंगवा में स्थित वेंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिह के घर को आग लगा दी गईं। इसके पहले बुधवार को एक गांव में संदिग्ध चरमपंथियों के हमले में कम से कम नौ लोगो की मौत हो गईं थी। वेंद्र में भारतीय जनता पाटा की सरकार, राज्य में भारतीय जनता पाटा की सरकार.. लेकिन फिर भी हिसा जारी है। क्या वजह है कि वेंद्र और राज्य सरकार एक महीने से भी ज्यादा समय से जारी तनाव और हिसा पर काबू नहीं कर पा रहे हैं? क्या प्राधानमंत्री और मुख्यमंत्री बीरेन सिह मणिपुर के मोच्रे पर विफल साबित हो रहे हैं? गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर दौरे के समय सभी पक्षों से बात कर 15 दिनों के भीतर शांति बहाल करने की अपील की थी। लेकिन हालात और खराब ही होते जा रहे हैं। वुछ विशेषज्ञों का कहना है कि हालात को ठीक करने के लिए जिस तरह के कदम उठाए जाने की जरूरत है वो कदम न वेंद्र सरकार ने उठाए और न ही राज्य सरकार ने। सरकार ने लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। वुकी और मैतेईं दोनों ही समुदाय के लोगों को लग रहा है कि उन्हें अपनी सुरक्षा खुद करनी पड़ेगी। क्योंकि सरकार उनके लिए वुछ कर ही नहीं रही है और इसी वजह से हालात बिगड़ते चले गए क्योंकि लोग हिसा से निपटने के लिए खुद हिसा का सहारा ले रहे हैं। हाल के दिनों में मणिपुर के अलग-अलग इलाकों से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। विशेषज्ञ बताते हैं कि दोनों समुदायों के बीच लंबे समय से मतभेद होने के बावजूद राज्य में वुकी और मैतेईं समुदाय शांतिपूर्वक रहते चले आए हैं। यहां तक कि दोनों के बीच व्यापारिक संबंध भी रहे हैं। लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि उनका एक दूसरे पर भरोसा ही नहीं रह गया है। मणिपुर में जारी हिसा के दौर ने पूर्व सैन्य अधिकारियों को भी चिंता में डाल दिया है। पूर्व सेना प्रामुख वेद प्राकाश मलिक ने वेंद्रीय सरकार से मणिपुर के हालात पर तुरन्त ध्यान देने की अपील की है। वहीं एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने मणिपुर के मौजूदा हालात की तुलना सीरिया और लीबिया जैसे हिसाग्रास्त देशों से कर दी है। अब तो हथियारबंद विद्रोहियों ने सुरक्षा बलों पर भी हमले शुरू कर दिए हैं।

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