Tuesday, 6 June 2023

यूसीसी और विपक्ष

प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में समान नागरिक संहिता यानि यूसीसी का मुद्दा उठाकर एक बड़ी बहस छेड़ दी है। इसके बाद से ही वुछ राजनीतिक दल यूसीसी के समर्थन में आ गए हैं, तो वुछ इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं वुछ पार्टियों ने यह भी कहा है कि यूसीसी की ड्राफ्ट सामने आने के बाद वह अपना रुख तय करेंगे। समान नागरिक संहिता भागीदारी, तलाक, विरासत, गोद लेने समेत कईं चीजों पर देश के सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून। पीएम मोदी का बयान ऐसे समय आया, जब विपक्षी दल एकजुट होकर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ उतरने की कवायद में जुटे हैं। जानकार मानते हैं कि भाजपा की ओर से विपक्षी एकता में सेंधमारी के लिए यूसीसी को अगले चुनाव के एजेंडे के तौर पर स्थापित किया जा रहा है। राजनीतिक हलकों में चर्चा इस बात की भी है कि क्या यूसीसी के मुद्दे पर अलग-अलग राय रखने वाली विपक्षी पार्टियां करीब 10 महीने बाद होने वाले आम चुनावों में एक मंच पर आ सवेंगी? कांग्रोस पाटा के संसदीय दल के रणनीतिक समूह ने शनिवार को एक अहम बैठक की। सोनिया गांधी कांग्रोस संसदीय दल की नेता हैं। बैठक के बाद जयराम रमेश ने कहा कि कोईं मसौदा आएगा और चर्चा होगी तो हम हिस्सा लेंगे और जो भी प्रास्तावित ड्राफ्ट होगा उसकी समीक्षा करेंगे। फिलहाल हमारे पास विधि आयोग का एक सार्वजनिक नोटिस है। वुछ भी नया नहीं हुआ है। यह महंगाईं, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा का तरीका-भर है। उन्होंने भाजपा पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। लेकिन क्या यूसीसी विपक्षी एकता में एक बड़ी पेचीदगी साबित हो सकता है, इस सवाल पर एनडीए के सहयोगी कोनराड संगमा ने कहा कि यूसीसी से करीब 200 से अधिक आदिवासी समुदायों के अधिकार और आजादी कम होने का खतरा है। भारत की करीब 12 प्रातिशत आदिवासी आबादी पूवरेत्तर के राज्यों में बसती है। कोनराड संगमा मेघालय में नेशनल पीपुल्स पाटा और भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। कोनराड संगमा मुख्यमंत्री हैं। प्रामोद तिवारी संगमा के बयान का हवाला देते हुए कहते हैं कि वो (संगमा) कह रहे हैं कि यूसीसी आएगा तो हम इसका विरोध करेंगे। ऐसे ही विपक्षी पार्टियों में भी सबके अपने विचार होंगे। जब यह (प्रास्ताव) संसद में आएगा तब हम मिलजुल कर तय करेंगे कि क्या करना है? पटना में बैठक के दौरान लालू यादव के साथ ममता बनजा इस बीच तृणमूल कांग्रोस ने इस पर विपक्षी दलों की एकजुटता पर सवाल उठाए जा रहे सवालों का जवाब दिया है। पाटा के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि जरूरी नहीं सभी विपक्षी दल एक-दूसरे की फोटो कॉपी हों। यह जरूरी नहीं कि लोकतंत्र और नौकरियां पैदा करने के लिए लड़ रही विपक्षी दलों में हर मुद्दे पर एक राय हो। व्यापक मामलों पर दलों का रुख स्पष्ट है।

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