Thursday, 8 June 2023

भ्रष्टाचार का सेतु

बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर 1710 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे अगुवानी घाट-सुल्तानगंज सड़क पुल का बड़ा हिस्सा ताश के पत्ताें की तरह ढह गया और गंगा में समा गया। पुल के चार पिलर के साथ उसके ऊपर का करीब 200 मीटर हिस्सा नदी में गिर गया। हादसा रविवार शाम करीब छह बजे हुआ। तब निर्माण कार्यं बंद हो चुका था और मजदूर पुल से हट चुके थे। हादसे में किसी की मौत की सूचना नहीं है। हालांकि एक गार्ड लापता बताया जा रहा है। पुल के गिरने की वीडियो वायरल होने और विपक्ष की ओर से भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद बिहार सरकार ने दावा किया कि पुल खुद से नहीं ढहा, बल्कि डिजाइन में खामी के कारण इसे नियोजित तरीके से गिराया गया। वहीं बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि पूरी नीतीश वुमार सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। नीतीश के पास राज्य के विकास के लिए समय नहीं है। वह घूमने में व्यस्त हैं। यह दूसरी बार है जब पुल का हिस्सा ढहा है। अप्रौल 2022 में भी पुल के एक हिस्से के 36 स्पैन ढह गए थे। इसके निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। यह स्टे केबल पर झूलता हुआ पुल है, जिसकी लंबाईं 3.160 किलोमीटर है। खगिड़या जिले के अगुवानी घाट में भागलपुर के सुल्तानगंज को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे इस पुल से उत्तर बिहार सीधा झारखंड से जुड़ जाएगा। यह पुल नीतीश वुमार का ड्रीम प्राोजेक्ट बताया जाता है। नीतीश ने 2014 को इसका शिलान्यास किया था और मईं 2015 में इसका निर्माण शुरू हुआ था। पुल को नवम्बर 2019 में ही तैयार होना था। लेकिन उसके बाद से छह बार इसकी समयावधि बढ़ाईं जा चुकी है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पथ निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रात्यप अमृत ने दावा किया, पिछले साल एक हिस्सा गिरने के बाद आईंआईंटी रुड़की से पुल का अध्ययन कराया गया था। उसकी रिपोर्ट अभी आनी है, पर पुल के डिजाइन का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने कहा कि इसमें गंभीर खामियां हैं। इस पर सरकार ने पैसला किया कि आखिरी रिपोर्ट तक इंतजार न किया जाए, इसलिए पुल के वुछ हिस्सों को गिराने का पैसला किया गया। फाइनल रिपोर्ट आने पर केस दर्ज कर एसपी सिगला वंस्ट्रशन को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। नदी में इतना मलब गिरा कि 200 मीटर के दायरे में धारा भी अवरुद्ध हो गईं। नदी में वुल 34 पिलर हैं। ——अनिल नरेन्द्र

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