Thursday, 1 June 2023
मिशन 2024 : 450 सीटों का टारगेट
आगामी लोकसभा चुनाव में सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए भाजपा ने मेगा प्लान तैयार किया है। पाटा की योजना लोकसभा की तीन से पांच सीटों का समूह (क्लस्टर) बनाकर चुनाव तक इसकी तीन स्तरीय निगरानी और जिम्मेदारी तय करने की है। चुनाव सम्पन्न होने तक ए, बी व सी तीन श्रेणियों के नेता खुद से जुड़े समूह की सीटों पर तय की गईं जिम्मेदारी निभाएंगे। इसी व््राम में उत्तर प्रादेश और उत्तराखंड की 85 सीटों को तीन से पांच लोकसभा समूहों में बांटने और जिम्मेदारी तय करने का काम उच्च स्तर पर पूरा हो चुका है। इनमें ए श्रेणी में वेंद्रीय मंत्रियों और राष्ट्रीय पदाधिकारियों को, बी श्रेणी में वरिष्ठ नेताओं और दूसरे राज्यों के सांसदों और सी श्रेणी में स्थानीय नेताओं को रखा गया है। आगामी 30 जनवरी को पाटा के महासम्पर्व अभियान के साथ ही तीनों ही श्रेणियों के नेता आठ माह तक अपने क्लस्टर से जुड़े रहेंगे। पाटा सूत्रों के मुताबिक इनमें ए श्रेणी के नेता सत्ता विरोधी लहर को पहचानेंगे और उसे दुरुस्त करेंगे। साथ ही इन पर सांगठनिक कार्यो को पूरा करने, जनसभाएं करने और स्थानीय लोगों की समस्याएं दूर करने की कोशिश करेंगी। सी श्रेणी में शामिल नेता जमीन पर काम करने के साथ पाटा के कार्यंव््राम आयोजित करेंगे जबकि बी क्षेणी में शामिल नेता इन कार्यंव््रामों की निगरानी करेंगे। आगामी चुनाव में पाटा के पास तेलंगाना को छोड़ विस्तार की संभावना वाले राज्य नहीं हैं। ऐसे में पाटा की चुनौती जीती हुईं 303 सीटें बरकरार रखने और यहां होने वाले नुकसान की भरपायी इन 144 सीटों से पूरी करने की है जहां पाटा दूसरे या तीसरे नम्बर पर रही थी। पाटा ने इन सीटों को क्लस्टर बनाकर चिन्हित किया है।
प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मईं 2014 को प्राधानमंत्री पद की शपथ ली थी इसलिए नौवीं वर्षगांठ 30 मईं को मनाईं गईं। 30 मईं को भाजपा के बड़े नेता और वेंद्रीय मंत्रियों ने देशभर में प्रोस कांप्रोंस की। 31 मईं को प्राधानमंत्री मोदी ने अजमेर में रैली की। भाजपा ने अपने मेगा प्लान की घोषणा की। भाजपा सूत्रों के मुताबिक मेगा प्लान ऐतिहासिक होगा। यह पाटा के गठन के अब तक का सबसे बड़ा जनसम्पर्व वाला बहुत बड़े स्तर का प्लान होगा। इस प्लान में आगामी एक महीने के अंदर देशभर के मतदाताओं तक पहुंचा जाएगा। इसलिए 543 लोकसभा सीटों के लिए बूथ लेवल अध्यक्ष, पन्ना प्रामुख, जिला अध्यक्ष, लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद और प्रादेशाध्यक्ष जनता के बीच जाना शुरू कर देंगे।
दरअसल नौ साल पूरे होने के मौके को 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी से जोड़ा गया है। 28 मईं को नए संसद भवन का उद्घाटन और आगामी दिसम्बर में अयोध्या में राम मंदिर गर्भगृह में विराजमान रामलला मूर्ति स्थापित करने की योजना इसी तैयारी का ही हिस्सा है। भाजपा को लगता है कि उत्तर भारत में उसकी स्थिति सैचुरेशन प्वाइंट यानि अधिकतम सीमा तक पहुंच चुकी है। अब उसे दक्षिणी राज्यों को पूवरेत्तर की तरफ ध्यान देना होगा। कर्नाटक चुनाव हारने से मनोवैज्ञानिक तौर पर माना जा रहा है कि भाजपा की सीटें कम होंगी, लेकिन गृहमंत्री अमित शाह ने उदाहरण दिया कि पिछली बार भी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रादेश और छत्तीसगढ़ चुनाव हारने के बाद भी भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पांचों राज्यों में क्लीन स्वीप किया था। इसलिए कर्नाटक की हार का असर लोकसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा।
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