Tuesday, 9 May 2023
18 मर्डर, कोर्ट में सगाईं और बेल पर शादी
यह कहानी है पािमी उत्तर प्रादेश के वुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना उर्प अनिल नागर की। अनिल का मेरठ में हुए मुठभेड़ के दौरान मौत का दावा किया गया है। यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने कहा—वांछित अपराधी अनिल दुजाना को हमारी टीम ने गुरुवार दोपहर मेरठ के एक गांव में घेरा। दुजाना ने भागने के इरादे से हमारी टीम पर गोली चलाईं और जवाबी कार्रवाईं में वो मारा गया। यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्राशांत वुमार ने मीडिया को बताया कि एटीएस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुईं। इस मुठभेड़ में गैंगस्टर अनिल दुजाना घायल हुआ।
बाद में उसकी मृत्यु हो गईं। वह चार पहिया गाड़ी से यात्रा कर रहा था।
उसके पास से दो पिस्तौल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं।
पािमी यूपी के बड़े गैंगस्टरों में से एक माना जाने वाला अनिल दुजाना हफ्तेभर पहले ही जेल से बाहर आया था। दुजाना पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानन (रासुका), आम्र्स और गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस दर्ज किए गए थे। माना जाता है कि अनिल दुजाना का खौफ दिल्ली-एनसीआर में भी पैला था। यूपी पुलिस ने दुजाना के सिर पर इनाम भी रखा था। अनिल दुजाना की वुख्यात माफिया सुंदर भाटी और उसके गैंग से रंजिश रही है। इस रंजिश में यूं तो अब तक कईं हत्याएं हो चुकी हैं, लेकिन जब अनिल दुजाना ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था तो उस समय यह दोनों साथ काम कर रहे थे। पािमी यूपी में गैंगवार की शुरुआत महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर की दुश्मनी से हुईं थी। दोनों 1990 के दशक में एनकाउंटर में मारे गए थे। साल 2000 से पहले अनिल दुजाना सुंदर भाटी के लिए अवैध सरिये का कारोबार करता था। दुजाना ने अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए सुंदर भाटी के नाम का सहारा लिया और धीरे-धीरे उसका वर्चस्व बढ़ता गया। साल 2004 की बात है, जब सुंदर भाटी गैंग ने नरेश भाटी की हत्या कर दी थी। यूपी एसटीएफ के अनुसार अगले ही साल यानि 2005 में नरेश भाटी की हत्या का बदला लेने के लिए उनके छोटे भाईं रगपाल भाटी ने सुंदर भाटी के भतीजे लाला फौजी की हत्या कर दी। तभी से अनिल दुजाना और सुंदर भाटी गैंग के बीच गैंगवार चली आ रही थी। 2011 में सुंदर भाटी को मारने के लिए उनके भांजे की शादी में ही रणदीप भाटी और अमित कसाना ने अनिल दुजाना के साथ मिलकर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। हालांकि इस हमले में सुंदर भाटी बच निकला। लेकिन इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गईं।
इसी मामले में साल 2012 में अनिल दुजाना को पुलिस ने पकड़ा और जेल भेज दिया। साल 2014 में सुंदर भाटी ने अपने ऊपर हुए हमले का बदला लिया और अनिल दुजाना के भाईं की हत्या कर दी। 21 साल पहले दर्ज हुआ हत्या का पहला केस 2002 में गाजियाबाद से दुजाना की अपराध की कहानियां शुरू हुईं। अब यूपी पुलिस के अनुसार अनिल दुजाना पर हत्या के 18 मामले दर्ज हैं। कोर्ट में पेशी के दौरान सगाईं, फिर बेल पर शादी दुजाना ने जेल से की और जेल में रहते हुए दुजाना ने 2015 में जिला पंचायत चुनाव लड़ा और जीता।
——अनिल नरेन्द्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment