Tuesday, 24 September 2024

इससे तो बदल जाएगा युद्ध का तरीका


हिज्बुल्लाह से जुड़े एक सांसद अली उमर के बेटे की पेजर फटने से मौत हो गई थी। लेबनान में 18 सितम्बर को वॉकी टॉकी में हुए धमाकों में अब तक 20 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 450 से ज्यादा घायल हैं। ये जानकारी लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री ने दी है, वॉकी-टॉकी हिज्बुल्लाह इस्तेमाल करता रहा है। धमाके जिन जगहों पर हुए हैं वो हिज्बुल्लाह की पैठ वाले इलाके माने जाते हैं। 17 सितम्बर को पेजर फटने के कारण जिन लोगों की मौत हो गई थी, उनमें से कुछ की अंतिम यात्रा के दौरान वॉकी-टॉकी में धमाके हुए। हिज्बुल्लाह के सदस्यों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर्स 17 सितम्बर को अचानक फटना शुरू हो गए थे। इन धमाकों के लिए हिजबुल्लाह ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। इजरायल ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बीते दिनों इजरायल के रक्षा मंत्री ने युद्ध का नया दौर होने की बात कही थी। इजरायली सेना को भी उत्तरी इलाके में तैनात किया गया था। लेबनान रेड क्रॉस का कहना है कि अलग-अलग इलाकों में हुए कई धमाकों के बाद उसकी टीमें देश के दक्षिण और पूर्व में ग्राउंड पर हैं। कई घायलों को राजधानी बेरूत और बालबेक के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हिज्बुल्लाह के गढ़ कहे जाने वाले दक्षिणी बेरूत में चार लोगों की अंतिम यात्रा के दौरान भी एक धमाका हुआ। रायटर्स के मुताबिक हिज्बुल्लाह जिस कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल करता है उसमें दो धमाके हुए हैं। पेजर बम हमले में नए खुलासे हुए हैं। ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी ने एआर-942 मॉडल के 5 हजार पेजर हंगरी की बीएसी कंपनी से बनवाए थे। अपोलो के बयान के अनुसार बीएसी कंपनी की बुडापोस्ट फैक्टरी जिनके ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करती है। सप्लाई लाइन में प्रोडक्शन के समय ही पेजर में करीब 3 ग्राम विस्फोटक आरडीएक्स की चिप के साथ डाला गया था। लगभग पांच महीने पहले एआर-942 मॉडल के पेजर के बैच में विस्फोटक फिट किए थे। पेजर सैंड मैसेज जाते ही 10 सेकेंड तक वाईब्रेशन बीप की आवाज आई थी, यूजर द्वारा कैंसल बटन दबाने के बाद ब्लास्ट हुआ था। इजरायल के इस हमले बल्कि यूं कहें कि इस आक्रामक रवैये से ईरान और पश्चिम एशिया में साख पर चोट पहुंची है। इजरायल ने ईरान समर्थक लेबनान के हिज्बुल्लाह को निशाने पर लिया है। ऐसा कर इजरायल अब ईरान को भड़का रहा है, जिससे ईरान मजबूर होकर जवाब दे। बता दें कि हिज्बुल्लाह का पूरा नेटवर्क ईरान के समर्थन से चलता है। सवाल यह उठता है कि क्या इस घटना से बदल जाएगा युद्ध का तरीका? फिलहाल इस तरह के हमलों के लिए कई देश तैयार नहीं हैं, लिहाजा भारत की सुरक्षा एजेंसियों को भी चौकस रहना होगा। और इन टेक्नोलॉजी की तोड़ निकालनी होगी। कल को कल्पना कीजिए कि लोगों के टीवी फटने लग जाएं तो क्या होगा? एक्सपर्ट का कहना है पेजर अटैक जैसे नए अटैक से युद्ध के तरीके ही बदल जाएंगे। एजेंसियों का कहना है कि इस तरह से तो न केवल पेजर, बल्कि मोबाइल फोन, एलसीडी, लेपटॉप या ऐसी कोई डिवाइस जिसका कनैक्शन डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से किसी सर्वर से हो उसे उड़ाया जा सकता है कि नहीं खौफनाक सिनेरियो।

-अनिल नरेन्द्र

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