Saturday 28 January 2023

पारा -25 डिग्री चला जाता है पर जिंदगी चलती रहती है

नाव्रे जैसे देश के जहां तापमान माइनस 25 डिग्री तक चला जाता है वहां पर जिंदगी सामान्य रूप से चलती रहती है। 50-50 दिन सूरज नहीं निकलता। पारा माइनस 25 डिग्री तक चला जाता है। बर्प पर फिसलने से चोट लगना आम बात है। अंधेरे में एक्सीडेंट भी बहुत होते हैं। चीजें बहुत महंगी हैं। ऐसी जगह पर क्या आप रह पाओगे? मगर यह सिक्के का एक पहलू है। कईं बार निगेक्टिविटी में पॉजिटिविटी भी होती है। सिर्प नजरिया बदलने की जरूरत होती है। नजारा खुद बदल जाता है। यह रिपोर्ट पढ़ने के बाद गारंटी है कि आपको भी यह तो जरूर लगने लगेगा कि काश! मैं भी यहां जा पाता या फिर यहीं बस जाता। जैसा कि अभिषेक रंजन (रिसर्च पेलो, आर्टिक यूनिवर्सिटी ऑफ नाव्रे) को लगता है। करीब 70 हजार की आबादी वाले इस शहर का दूसरा पहलू यह है कि यह चारों तरफ ऊंचे पर्वतों से घिरा है। बीच में समुद्र है। आसमान में अरोटा (वुदरती रंगीन लाइट्स) और दोनों किनारों पर बसी आबादी का नजारा देखते ही बनता है। फिर 50 दिनों तक यहां सूरज नहीं निकलता, उससे पहले लोग विटामिन डी, विटामिन सी और आमेगा, बी-12 के सप्लीमेंट्स जुटा लेते हैं, ताकि शरीर में जरूरी चीजों की कमी न हो। सभी लोग रोज दिन में वुछ वक्त एलईंडी लाइट्स को देखते हैं, ताकि शरीर में सूरज की रोशनी की कमी पूरी कर सवें। पेड़-पौधों के सामने भी यही लाइट्स लगाते हैं ताकि वह जिंदा रह सवें। बर्प पर न फिसलें, उसके लिए स्पाइस लगाते हैं। बाहर निकलने के समय रेट्रो रिफ्लेक्टर पहनते हैं, जो बांह में लगता है। लाइट पड़ते ही चमकने लगता है ताकि एक्सीडेंट न हो। सदा हो या गमा, बर्पबारी हो या बारिश-यहां स्वूल-कॉलेज और ऑफिस का वक्त नहीं बदलता। इनकी टाइमिग सुबह आठ बजे से शाम करीब चार बजे की रहती है। लोग पूरी जिंदादिली से जीते हैं। हां, पैसे के बारे में तो सोचते भी नहीं। बचत नहीं करते क्योंकि इलाज-पढ़ाईं का खर्च सरकार उठाती है। ड्राइवर और क्लीनर जैसा काम करने वाले भी हर महीने ढाईं से तीन लाख रुपए कमा लेते हैं। एक सिनेमा हॉल है, जहां अलग-अलग भाषाओं की फिल्में लगती हैं, जिनमें अंग्रोजी में सब टाइटल्स होते हैं। हाल में लाल सिह चड्ढा, आरआरआर भी लगी थी। यहां व््राइम न के बराबर है, अगर आपका पर्स बस में गिर जाए तो संभवत: वापस मिल जाएगा। वैश का कोईं झंझट नहीं होता। सब वुछ डिजिटल है। हिसा तो दूर की बात, लोग चिल्लाते तक भी नहीं। ज्यादातर लोगों के पास ऑडी, मर्सिडीज व टेस्ला व््रौनी लग्जरी कारें हैं। स्किल्ड जॉब में न्यूनतम वेतन 1840 प्राति घंटा व अनस्किल्ड में 1,656 रुपए प्राति घंटा है। नौकरी गईं तो बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। पांच साल भी जॉब की तो पेंशन मिलना तय है, बच्चा है तो परवरिश के लिए प्रातिमाह 12 हजार रुपए। पत्नी गर्भवती है तो नौ महीने की पेड लीव है। इलाज खर्च 16 हजार रुपए तक इससे ऊपर प्री। ——अनिल नरेन्द्र

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