Tuesday 3 January 2023

और अब ब्रिटेन से आया नया वायरस स्ट्रेन

ब्रिटेन से पैले कोरोना विषाणु के नए रूप ने एक बार फिर दुनिया के समक्ष महामारी के और गंभीर रूप से लौटने का खतरा पैदा कर दिया है। ब्रिटेन से भारत लौटे लोगों में से छह के नमूनों में सार्स-सीओवी2 यानि कोरोना का नया रूप (स्ट्रेन) पाए जाने से देश के आम नागरिकों में भय और दहशत व्याप्त है। सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप अब भारत के अलावा डेनमार्व, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, प्रांस, स्पेन, स्विटजरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिगापुर में मिल चुका है। 25 नवम्बर से 23 दिसम्बर की आधी रात तक ब्रिटेन से भारत आए करीब 33,000 लोगों की जांच की जा रही है, उनके सम्पर्व में आए तमाम लोगों को भी जांचा जा रहा है। संदिग्धों को खोज- खोज कर सामान्य आबादी से अलग किया जा रहा है, यह तो बहुत जरूरी है।हालांकि वेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास भी इस बात का कोईं पुख्ता प्रामाण नहीं हैं कि देश में कितने लोग कोरोना के नए रूप की चपेट में हैं। चिन्ता की बात यह है कि ब्रिटेन से आए लोग पूरे देश में पैल चुके हैं। उस पर मुश्किल यह भी दरपेश है कि पिछले एक वर्ष के दौरान कोरोना वायरस कईं रूप बदल चुका है।वैज्ञानिक तथ्य यह हैं कि वायरस अपना रूप बदलता रहा है। वुछ जल्द बदलते हैं, वुछ देर से अपना रूप बदलते हैं। पिछले एक साल में यह कोरोना विषाणु कईं रूप बदल चुका है। लेकिन इसका अब जो नया रूप सामने आया है कहा जा रहा है कि वह कईं गुना ज्यादा घातक है और इसके पैलने की रफ्तार भी काफी ज्यादा है। ऐसे में यह चिन्ता बढ़नी स्वाभाविक है कि अब संव््रामण को पैलने से वैसे रोका जाए? हालांकि सरकार ने विषाणु के नए रूप के सामने आने के बाद निगरानी, नियंत्रण और सतर्वता बरतने के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं।लेकिन संकट की गंभीरता को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि महीनेभर के दौरान ब्रिटेन से भारत आए हर व्यक्ति को तलाशा जाए और उसकी जांच करवाईं जाए। कर्नाटक में ऐसे लोगों की संख्या तीन से ज्यादा है जो महीनेभर के दौरान ब्रिटेन से लौटे हैं और अपनी पहचान उजागर नहीं कर रहे हैं। पंजाब में ऐसे लोगों की तादाद ढाईं हजार बताईं जा रही है। और जगहों पर भी ऐसा ही आलम है। अगर ऐसे लोगों की पहचान नहीं हुईं तो विषाणु के नए रूप से पैलने वाले संव््रामण का पता ही नहीं चल पाएगा। दिक्कत यह है कि मनुष्य अगर वायरस से संव््रामण का इलाज ढूंढ लेता है तो वायरस संव््रामित करने के नए-नए रास्ते ढूंढ लेता है। हालांकि कोरोना वायरस के नए रूप को लेकर दुनियाभर में व्याप्त चिन्ता और आशंका के बीच चिकित्सा वैज्ञानिकों ने लोगों को आश्वस्त किया है कि विकसित की गईं या विकसित की जा रही कोरोना-रोधी वैक्सीन वायरस के इस नए रूप के विरुद्ध भी कारगर होगी। इस आश्वासन के बावजूद मानव जाति और वायरस के बीच चल रहा संघर्ष अभी लंबे समय तक जारी रहेगा। यह कहना मुश्किल है कि यह जंग कब तक जारी रहेगी और दुनिया को इसकी भारी कीमत कब तक चुकानी पड़ेगी। लेकिन देशवासियों को कोरोना वैक्सीन से संबंधित अच्छी खबर देर-सबेर मिल सकती है। ब्रिटेन ने बुधवार को कोरोना वैक्सीन की विश्व में इमरजैंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। भारत इसी बात का इंतजार कर रहा था। भारत के दवा नियंत्रक की सब्जैक्ट एक्सपर्ट कमेटी से देश में इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल गईं है और आम लोगों को यह वैक्सीन जल्द ही उपलब्ध हो सकेगी।

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