Tuesday 24 January 2023

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद

भारतीय प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के बारे में भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रातिव््िराया दी है। साथ ही ब्रिटेन के प्राधानमंत्री त्रषि सुनक ने भी इस बारे में ब्रितानी संसद में उठे एक सवाल का जवाब दिया है। बीबीसी ने दो एपिसोड की एक डॉक्यूमेंट्री बनाईं है जिसका नाम है—इंडिया : द मोदी क्वेन। इसका पहला एपिसोड 13 जनवरी को ब्रिटेन में प्रासारित हो चुका है। अगला एपिसोड 24 जनवरी को प्रासारित होने जा रहा है। पहले एपिसोड में नरेंद्र मोदी के शुरुआती राजनीतिक करियर को दिखाया गया है जिसमें वह भारतीय जनता पाटा में आगे बढ़ते हुए, गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रावक्ता अरिदम बागची ने गुरुवार को प्रोसवार्ता के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा—मुझे यह साफ करने दीजिए कि हमारी राय में यह एक प्राोपेगंडा पीस है। इसका मकसद एक तरह के नैरेटिव को पेश करना है जिसे लोग पहले ही खारिज कर चुके हैं। इस फिल्म या डॉक्यूमेंट्री को बनाने वाली एजेंसी और व्यक्ति इसी नैरेटिव को दोबारा चलाना चाह रहे हैं। बागची ने डॉक्यूमेंट्री बनाने की बीबीसी की मंशा पर भी प्राश्न उठाया। उन्होंने कहा—हम इसके मकसद और इसके पीछे के एजेंडे पर सोचने को मजबूर हैं। यह डॉक्यूमेंट्री एक अप्राकाशित रिपोर्ट पर आधारित है जिसे बीबीसी ने ब्रिटिश फोरेन ऑफिस से हासिल किया है। इस डॉक्यूमेंट्री में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात में साल 2002 में हुईं हिसा में कम से कम 2000 लोगों की मौत पर सवाल उठाए गए हैं। ब्रिटिश विदेश विभाग की रिपोर्ट का दावा है कि मोदी साल 2002 में गुजरात में हिसा का माहौल बनाने के लिए प्रात्यक्ष रूप से जिम्मेदार थे। पीएम मोदी हमेशा हिसा के लिए जिम्मेदार होने के आरोपों का खंडन करते रहे हैं। लेकिन जिस ब्रिटिश वूटनयिक ने ब्रिटिश विदेश मंत्रालय के लिए रिपोर्ट लिखी है उससे बीबीसी ने बात की है और वह अपनी रिपोर्ट के निष्कर्ष पर कायम है। भारत का सुप्रीम कोर्ट पहले ही प्राधानमंत्री मोदी को गुजरात हिसा में किसी भी तरह की संलिप्तता से बरी कर चुका है। इस रिपोर्ट को लिखने वाले एक वूटनयिक बताते हैं—हमारी जांच के निष्कर्ष अब भी वाजिब हैं। साल 2002 में गुजरात में एक सुनियोजित हिसा में 2000 लोग मारे गए थे। यह एक तथ्य है। इस रिपोर्ट के बारे में बीबीसी ने खबर भी की थी। वूटनयिकों की यह रिपोर्ट उस समय के ब्रितानी विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ द्वारा ऑडिट की गईं जांच का हिस्सा थी। रिपोर्ट कहती है कि हिसा का विस्तार मीडिया में आईं रिपोर्टो से कहीं अधिक था और दंगों का उद्देश्य हिन्दू इलाकों से मुसलमानों को खदेड़ना था। ब्रिटेन के सांसद इमरान हुसैन ने यह मुद्दा वहां की संसद में उठाया और पूछा कि क्या प्राधानमंत्री त्रषि सुनक वूटनयिकों की इस रिपोर्ट से इत्तेफाक रखते हैं जिसमें मोदी को गुजरात हिसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है। इस प्राश्न के उत्तर में प्राधानमंत्री त्रषि सुनक ने कहा कि सांसद द्वारा किए गए चरित्रीकरण से वह सहमत नहीं हैं। ब्रिटेन की सरकार की इस बारे में स्थिति लंबे समय से साफ है।

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