Tuesday, 24 January 2023
पाकिस्तान के हालात श्रीलंका से भी बदतर
पाकिस्तान आर्थिक दुष्चव््रा में पंसता जा रहा है। जनता को आटे जैसी जरूरी चीजों की किल्लत के साथ भयंकर महंगाईं का सामना करना पड़ रहा है। कर्ज 274 अरब डॉलर (करीब 62 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए) हो गया है, जो जीडीपी का 90 प्रातिशत है। उसकी स्थिति श्रीलंका से भी खराब है। विदेशी मुद्रा भंडार नौ साल के निचले स्तर पर 4.3 अरब डॉलर ही बचा है। जिससे मुश्किल से तीन हफ्ते तक आयात जारी रह सकता है।
विदेशी मुद्रा संकट के कारण जरूरी सामग्री का आयात भी नहीं हो पा रहा है। जरूरी सामग्री से भरे हजारों टैंकर कराची पोर्ट पर भुगतान के अभाव में अटके हैं। कर्ज चुकाने के लिए पाक को पहली तिमाही में आठ अरब डॉलर चाहिए। पाक सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से छह अरब डॉलर की मदद मांगी थी, पर उसने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने की शर्त रख दी।
आगामी चुनाव के चलते शहबाज सरकार कीमतें बढ़ाने से बच रही है।
पाकिस्तानी रुपया गिरता जा रहा है। एक डॉलर के लिए 228 पाकिस्तानी रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। भ्रष्टाचार, राजनीतिक अस्थिरता और सेना की राजनीति में दखल ने हालत बदतर कर दी है। उस पर एक साल में कर्ज 11.9 लाख रुपए यानि 25 प्रातिशत बढ़ा है। दिसम्बर में महंगाईं 24.5 प्रातिशत पर पहुंच गईं। आगे पाकिस्तान के 90 लाख और लोग गरीबी की चपेट में होंगे। सियासी अस्थिरता है। इमरान सरकार ने जाते-जाते पेट्रोल-डीजल पर सब्सिडी का ऐलान कर दिया। अब शहबाज सरकार इसे वापस लेने की हिम्मत नहीं कर पा रही है। सब्सिडी वापस लेते ही दाम बढ़ने से महंगाईं और विकराल होगी। निम्न, मध्य वर्ग और निम्न वर्ग के नागरिकों की खरीदी क्षमता 30 प्रातिशत कम हो गईं है। महंगाईं बढ़ती जा रही थी। खरीदी की क्षमता कम हो रही थी। इसने हालात बदतर कर दिए। मांग कम हो गईं है और उदृाोग भी चपेट में आ गए हैं।
डॉलर के अभाव में जरूरी सामग्री का आयात नहीं हो पा रहा है। आटा, प्याज और जरूरी दवाएं भी नहीं मिल रही हैं। बैंकों से लेटर ऑफ व््रोडिट न मिलने से हजारों वंटेनरों में पोर्ट पर सामग्री अटकी है। सप्लाईं चेन टूटी हुईं है। सोयाबीन का शिपमेंट ढाईं महीने से रुका है जिससे पोल्ट्री उत्पाद के दाम 45 प्रातिशत बढ़ गए हैं। टोयोटा, सुजूकी ने कार प्लांट बंद कर दिए हैं। प्रामुख उदृाोग टैक्सटाइल के भी कईं प्लांट बंद हैं।
टोयोटा ने 30 दिसम्बर से उत्पादन रोक दिया है। मांग न होने से कार, ट्रैक्टर और फाइबर का उत्पादन बंद है या कटौती की गईं है। पिछले साल गर्मियों में भीषण बाढ़ से देश में 80 प्रातिशत फसलें तबाह हो गईं।
इससे खादृान्नों की कमी हो गईं। एटलांटिक काउंसिल के पाकिस्तान इनीशिएटिव के उजैर यूनुस का कहना है कि बाढ़ ने मुसीबत और बढ़ा दी है।
——अनिल नरेन्द्र
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