Thursday, 19 January 2023
पहले सफर पर निकल पड़ा गंगा विलास
इस सम्पादकीय और पूर्व के अन्य संपादकीय देखने के लिए अपने इंटरनेट/ब्राउजर की एड्रेस बार में टाइप करें पूूज्://हग्त्हाह्ंत्दु.ंत्दुेज्दू.म्दस् दुनिया के सबसे लंबे रिवर व््राूज अपने पहले सफर पर निकल पड़ा है। शुव््रावार को वाराणसी से रवाना हुआ एमवी विलास शाकाहारी भारतीय खानपान, एल्कोहलयुक्त जिम, स्पा और चिकित्सीय मदद जैसी कईं सुविधाओं से लैस है। इस जहाज पर सफर करने के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ेगी। एक यात्री का किराया करीब 50-55 लाख रुपए होगा। इतनी ऊंची कीमत के बावजूद इस व््राूज पर सफर करने की मंशा रखने वाले लोगों को एक साल से अधिक समय का इंतजार करना होगा। इसकी वजह यह है कि यह व््राूज मार्च 2024 तक पहले ही बुक हो चुका है यानि एमवी गंगा विलास व््राूज से वाराणसी-डिब्रूगढ़ का सफर तय करने के लिए किसी व्यक्ति को अप्रौल 2024 तक इंतजार करना होगा। गंगा विलास व््राूज वाराणसी के रविदास घाट से रवाना होगा और बिहार बंगाल के रास्ते बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। पूरी यात्रा वुल 57 दिनों की होगी। लेकिन व््राूज के शुरू होने से पहले ही बिहार में इसका विरोध होने लगा है। बिहार के सत्ताधारी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिह ने आरोप लगाया है कि गंगा विलास व््राूज चलाना जनता के पैसे की लूट है। ललन सिह ने कहा है कि हर साल व््राूज चलाने के लिए गंगा नदी में जमा गाद को साफ किया जाएगा और फिर बाढ़ में इसमें गाद भरेगा। यह यात्री जहाज भारत और बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम और सात नदियों—गंगा, भागीरथी, मेघना, हुगली, जमुना, पदमा और ब्रrापुत्र से होकर गुजरेगी। इस यात्रा से 50 पर्यंटन स्थल आपस में जुड़ेंगे। इससे पहले 11 जनवरी को 56 घंटे की यात्रा के बाद उत्तर प्रादेश के बलिया से यह जहाज वाराणसी पहुंच गया था।
व््राूज के निदेशक राज सिह का कहना है कि यह अकेला ऐसा जहाज है जो स्वदेशी तकनीक और फनाचर से लैस है। व््राूज को भारत की ही आर्ट हिस्टोरियन डॉ. अन्नपूर्णा गरीमाला ने डिजाइन किया है। यह विशेष जहाज कोलकाता के पास एक शिपयार्ड में तैयार किया गया है। जहाज तो 2020 में ही तैयार हो गया था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसका उद्घाटन नहीं हो पाया था। लग्जरी सुख-सुविधाओं से लैस इस व््राूज में हर वो आधुनिक सुविधा मौजूद है, जिसकी दरकार किसी सफर में हो सकती है। 62.5 मीटर लंबे, 128 मीटर चौड़े और 1.35 मीटर गहरे इस तीन मंजिला जहाज में वुल 18 सूट यानि लग्जरी कमरे हैं। कमरे में कनवर्टिबल बैड, प्रोंच बालकनी, एयरकंडीशनर, सोफा, एलईंडी टीवी, स्मोक अलार्म, अटैच बाथरूम जैसी तमाम सुविधाएं हैं। जहाज पर जिम, स्पा, आउटडोर ऑब्जव्रेशन डेक, निजी बटलर सेवा और यात्रियों के लिए विशेष संगीत, सांस्वृतिक कार्यंव््राम का भी इंतजाम है। व््राूज के इंटिरियल को देश की संस्वृति और हैरिटेज को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। 13 जनवरी को वाराणसी से रवाना होने के 51 दिनों बाद यह जहाज एक मार्च को असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। इस दौरान यह भारत के पांच राज्यों—उत्तर प्रादेश, बिहार, झारखंड, पािम बंगाल, असम और साथ ही बांग्लादेश से होकर गुजरेगा। जहाज बांग्लादेश में 15 दिनों तक रुकेगा। इसके अलावा इस पूरी यात्रा में अलग-अलग राज्यों के वुल 50 टूरिस्ट स्पाट्स का भी लुत्फ पर्यंटक उठा सवेंगे। इसमें विश्व धरोहर स्थल, नेशनल पार्व, नदियों के घाट और अन्य जगहें शामिल होंगी। वुछ हलकों में इसका विरोध इसलिए भी किया जा रहा है कि गंगा और पवित्र नदियों में मांस, मदिरा का सेवन होगा।
——अनिल नरेन्द्र
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