Thursday 2 March 2023

512 किलो प्याज महज दो रुपए में

महाराष्ट्र समेत पूरे देश में बीते तीन दिनों से सोशल मीडिया पर सोलापुर के किसान राजेंद्र चव्हाण की चर्चा हो रही है। चर्चा की वजह यह है कि मंडी में 512 किलो प्याज बेचने के बाद भी उन्हें केवल दो रुपए का चेक मिला और उसे वैश करने के लिए भी उन्हें वुछ दिन बाद मंडी में आना होगा। महाराष्ट्र के बजट सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रोस कांप्रोंस में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने भी इसका जिव््रा किया। वहीं दूसरी ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि राजेंद्र चव्हाण को दो रुपए का चेक देने वाले सूर्यां ट्रेडर्स का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बजट सत्र की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए फड़नवीस ने कहा—राजेंद्र चव्हाण ने 512 किलो प्याज बेचा। कीमत ऊपर-नीचे जाती है। लेकिन उन्हें दो रुपए ही मिले। परिवहन लागत काट ली गईं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। सूर्यां ट्रेडर्स का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। दरअसल महाराष्ट्र में इन दिनों थोक बाजार में प्याज छह से सात रुपए प्राति किलो और खुदरा बाजार में 20 से 30 रुपए प्राति किलो की दर से मिल रहा है। लेकिन फरवरी के अंत तक मानसूनी प्याज की आवक हो जाती है। नमी के कारण इस प्याज को स्टोर करके नहीं रखा जा सकता है। घरेलू उपयोग के लिए स्टोर करने के लिए केवल सूखे प्याज की जरूरत होती है। मानसूनी प्याज की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली और इसकी चपेट में राजेंद्र चव्हाण आ गए। सोलापुर जिले के बरसी तालुका के वोटगांव के राजेंद्र तुकाराम चव्हाण ने 10 बोरी प्याज बेचा और मंडी में उन्हें परिवहन, ढुलाईं और तोल करने का पैसा काटने के बाद दो रुपए का चेक दिया गया। चव्हाण ने दो एकड़ खेत में प्याज लगाया था। 17 फरवरी को राजेंद्र 10 बोरी प्याज सोलापुर के सूर्यां ट्रेडर्स के पास ले गए। 10 बोरी का वजन 512 किलो था। लेकिन मानसूनी प्याज की कीमतों में गिरावट की वजह से राजेंद्र को एक रुपए प्राति किलो के भाव मिले। वाहन किराया, हमाली और तुलाईं के पैसे काटकर दो रुपए का चेक उन्हें दिया गया। वृषि उपज मंडी समिति के व्यापारी सूर्यां ट्रेडर्स ने राजंेद्र चव्हाण को दो रुपए का चेक दिया। यह चेक आठ मार्च 2023 का है। उन्हें इस दो रुपए के चेक को भुनाने के लिए वापस इसी वेंद्र में आना होगा। राजेंद्र चव्हाण को एक कारोबारी से महज दो रुपए का चेक मिलने की खबर और उससे जुड़ी तस्वीरें हर तरफ वायरल हो रही हैं। बीबीसी मराठी ने घटना के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए राजेंद्र चव्हाण से सम्पर्व किया। राजेंद्र चव्हाण ने इस बारे में कहा—मैंने जो प्याज बेचा था, वह नम्बर वन क्वालिटी का था। मुझे उम्मीद थी कि यह आठ से 10 रुपए प्राति किलो के भाव में बिकेगा लेकिन वास्तव में मुझे प्राति किलो एक ही रुपया मिला। इससे मेरा खर्चा नहीं निकला, मुझे इस बात का बहुत दुख हुआ है। राजेंद्र चव्हाण का पूरा परिवार वृषि व्यवसाय में है। उनके परिवार में पत्नी, दो बच्चे, बहू और पोते-पोतियां हैं। चव्हाण ने कहा कि इस घटना से उनके परिवार को बहुत दुख है। किसानों के संगठन स्वाभिमानी शेतकर संगठन के प्रामुख राजू टोही कहते हैं—देखिए राजेंद्र तुकाराम चव्हाण को 10 बोरी प्याज बेचने पर दो रुपए का चेक देते हुए बेशर्म व्यापारी को शर्म वैसे नहीं आईं? किसानों के आंसू निकलने स्वाभाविक ही हैं।

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