Thursday 16 March 2023

छापे क्या भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं?

आम आदमी पाटा से लेकर राजद समेत दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ प्रावर्तन निदेशालय और आयकर विभाग, सीबीआईं की कार्रवाइयां भाजपा की चुनावी महत्वाकांक्षा से जुड़ी हो सकती हैं। अंग्रोजी अखबार द टेलीग्राफ में प्राकाशित खबर के मुताबिक भाजपा से जुड़े सूत्र मानते हैं कि यह कार्रवाईं आगामी आम चुनाव के लिए पाटा की तैयारियों से जुड़ी हो सकती हैं। राजनीतिक विश्लेषक भी यही मानते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह उथल-पुथल जारी रहेगी, विपक्षियों पर रेड जारी रहेगी। भारतीय जनता पाटा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भाजपा साल 2024 में चार सौ (400) से ज्यादा सीटें जीतना चाहती है जिसके लिए उसे विपक्ष को छिन्न-भिन्न और खारिज करना होगा। सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर न सिर्प भारत के पहले प्राधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करना चाहते हैं, बल्कि जीत के अंतर के लिहाज से भी उनसे आगे निकलना चाहते हैं। भाजपा के वेंद्रीय नेतृत्व ने बताया कि पिछले आम चुनाव में भाजपा ने 543 सीटों में से 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं उसके घटक दलों ने 50 सीटें जीती थीं। अखबार से बात करते हुए एक भाजपा नेता ने बताया कि साल 1962 में नेहरू ने 494 सीटों वाली लोकसभा में 361 सीटें जीती थीं। हमारा लक्ष्य इससे आगे निकलने का है। हालांकि भाजपा के चुनावी रणनीतिकार मानते हैं कि भाजपा आगामी चुनाव में चार सौ सीटें हासिल करना तो दूर पिछला प्रादर्शन सुधारना ही चुनौती भरा काम होगा। भाजपा के आंतरिक आकलन के मुताबिक पिछले आम चुनावों के बाद से पीएम मोदी की लोकप््िरायता और साख दोनों में ही बढ़त हुईं है। लेकिन पाटा मानती है कि जीत के अंतर को पहले से बढ़ाने के लिए इतना काफी नहीं होगा। भाजपा के पास सहयोगियों के नाम पर अब बड़े नाम नहीं हैं। जनता दल यूनाइटेड और अकाली दल उनसे पहले ही किनारा कर चुके हैं और शिवसेना दो धड़ों में बंट चुकी है। भाजपा के एक नेता ने कहा कि पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतने के लिए यह जरूरी है कि विपक्ष को पूरी तरह खंडित, अव्यवस्थित और अपमानित करना होगा। भाजपा नेता ने बताया कि इस देश की जनता समझती है कि कांग्रोस और ज्यादातर क्षेत्रीय दल भ्रष्ट हैं। मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने का ऐलान किया था और अब इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। भाजपा प्रावक्ता गौरव भाटिया ने बीते रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री का नाम लेते हुए कहा कि नीतीश वुमार जी, क्या आपने नहीं कहा था कि लालू यादव, तेजस्वी और राबड़ी देवी के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, मामले हैं और उनके खिलाफ कार्रवाईं होनी चाहिए। एक राजद नेता ने कहा कि भाजपा न सिर्प विपक्ष को विभाजित करना चाहती है बल्कि अपने विपक्षियों को आर्थिक रूप से भी पंगु करना चाहती है। सभी जानते हैं कि चुनाव में पैसे की जरूरत होती है।

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