Tuesday, 21 March 2023

मुझे संसद में बोलने का मौका मिले

कांग्रोस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी में लंदन ने दिए उनके भाषण पर संसद में जारी सत्तापक्ष के संग्राम पर पलटवार करते हुए कहा कि संसद में अडाणी मुद्दे पर उनके उठाए गए सवालों से भटकाने के लिए सरकार की ओर से यह तमाशा किया जा रहा है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा—मैं एक सांसद हूं और मेरे ऊपर संसद में आरोप लगे हैं। मैं संसद में ही आरोपों का जवाब दूंगा। यदि देश में लोकतंत्र है तो मुझे सदन में बोलने का मौका मिलेगा। लंदन से लौटे राहुल गुरुवार को लोकसभा पहुंचे, मगर सदन तत्काल स्थगित कर दिया गया। उसके बाद उन्होंने लोकसभा में कांग्रोस के नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ जाकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और अपना पक्ष रखने के लिए समय देने का अनुरोध किया। बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा—मैंने स्पीकर से अनुरोध किया है कि सरकार के चार-चार मंत्रियों ने मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, सांसद होने के नाते मेरा अधिकार है कि मैं सदन में इसका जवाब दूं। स्पीकर ने मेरी बातें सुनीं, पर कोईं स्पष्ट आश्वासन नहीं मिला। हालांकि मैंने आस नहीं छोड़ी है। शायद मुझे बोलने का मौका मिले। राहुल ने यह भी कहा कि उन्होंने लंदन में वुछ भी भारत विरोधी बात नहीं कही है। संसद में गतिरोध को लेकर राहुल ने कहा—यह पूरी कसरत ध्यान भटकाने के लिए है। असल में सरकार अडाणी मुद्दे पर डरी हुईं है, इसलिए यह पूरा तमाशा रचा गया है। उधर स्पीकर ओम बिरला पूरे हंगामे से सख्त नाराज हो गए। शुव््रावार को जैसे ही कार्यंवाही आरंभ हुईं राहुल गांधी को बोलने देने की मांग करते हुए कांग्रोस के कईं सांसद बेल में आ गए। इसके बाद सत्तापक्ष के लोगों ने भी राहुल के लंदन में दिए बयानों को लेकर माफी की मांग करते हुए अपनी सीटों पर ही हंगामा करना शुरू कर दिया। करीब 20 मिनट चले हंगामे के दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा—मैं सभी को बोलने का मौका दूंगा, लेकिन सिर्प तभी जब सदन में व्यवस्था बनी रहेगी। सांसदों ने उनकी अपील अनसुनी कर दी। इसके बाद पूरे दिन के लिए सदन स्थगित कर दिया गया। वहीं कांग्रोस नेताओं का आरोप है कि लोकसभा में कार्यंवाही के दौरान जानबूझ कर संसद टीवी पर सीधे प्रासारण की आवाज रोक दी गईं। कांग्रोस का कहना है कि ऑडियो म्यूट कर संसद में आवाजें दबाईं गईं हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है। वहीं लोकसभा सचिवालय ने इसके पीछे तकनीकी गड़बड़ी का हवाला दिया है। कांग्रोस के महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया—सत्तापक्ष के हंगामे के बीच विपक्षी सदस्यों ने पाटा के सांसद राहुल गांधी को बोलने देने की मांग उठाईं। मगर इस कार्यंवाही के प्रासारण के दौरान अचानक आवाज बंद हो गईं। लोकतंत्र में यह वैसी व्यवस्था है? राहुल गांधी पर सत्तापक्ष के मंत्रियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं, हमारा मानना है कि राहुल को अपना पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए। अगर हमारे देश में लोकतंत्र मजबूत है तो सभी को अपना पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए।

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