Thursday 30 March 2023

बर्खास्तगी विदेशी मीडिया की नजरों में

कांग्रोस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने को लेकर प्रातिव््िरायाओं का दौर जारी है। आपराधिक मानहानि के इस मामले में सूरत की एक अदालत ने राहुल को दो साल जेल की सुजा सुनाईं जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द हो गईं है। राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और कहा कि मामला कोर्ट का है और इस बारे में यहां कोईं बात नहीं करूंगा। हालांकि उन्होंने प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडाणी समूह के बीच संबंधों का मुद्दा उठाया और कईं सवाल पूछे। राहुल गांधी ने आरोप लगाया—मेरी सदस्यता रद्द की गईं क्योंकि पीएम मेरे अगले (संभावित) भाषण से डरे हुए थे। वो उस अगली स्पीच से डरे हुए थे जो अडाणी पर होने वाली थी। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के मुद्दे पर विदेशी मीडिया ने भी कमेंट किया है। ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने शीर्षक दिया है—मानहानि मामले में भारतीय विपक्षी नेता संसद से निष्कासित। अखबार लिखता है कि भारत के विपक्षी नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में सजा मिलने के 24 घंटे के बाद संसद से निष्कासित कर दिया गया। राहुल तुरन्त जेल नहीं जाएंगे, क्योंकि उन्हें जमानत मिल चुकी है। अगर उच्च न्यायालय उनकी सजा पर स्टे लगा देता है तो वो लोकसभा सदस्यता के लिए फिर से योग्य हो जाएंगे। अखबार ने राजनीतिक मामलों के शोधकर्ता आसिम अली के हवाले से लिखा है कि वो भाजपा के राहुल गांधी पर ध्यान वेंद्रित करने से हैरान हैं। मुझे नहीं समझ आ रहा है कि यह वैसी रणनीति है, क्योंकि इससे राहुल और कांग्रोस को ही फायदा हो सकता है। भाजपा राहुल से असुरक्षित है और इससे कांग्रोस की यह बात साबित होती है कि सरकार मोदी की आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकती। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्व टाइम्स ने शीर्षक दिया है—राहुल गांधी को संसद से निष्कासित करके मोदी को भारत की बहु-संप्रादाय की परंपरा को खत्म करने वाला हिन्दू राष्ट्रवादी नेता बताया था जो देश के लोकतंत्र को खत्म कर सकता है। शुव््रावार को मोदी के सहयोगियों ने उनका यह काम पूरा कर दिया। अखबार के मुताबिक पीएम मोदी के संभावित प्रातिद्वंद्वियों को मात देने के लिए उनके सहयोगियों ने यह सबसे बड़ा कदम उठाया है और विरोध की आवाज के खिलाफ कार्रवाईं की है। वाशिंगटन पोस्ट लिखता है—भारत ने मोदी के आलोचक राहुल गांधी को संसद से निकाला। वो हाल के महीनों में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर और मोदी सरकार पर भारत के लोकतंत्र की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करते रहे हैं। पिछले साल राहुल गांधी ने एक लोकप््िराय एकता मार्च निकाला था और मोदी सरकार पर देश को बांटने का आरोप लगाया था। विपक्ष पीएम मोदी की राजनीतिक पाटा (भाजपा) को हाल के सालों में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हेट स्पीच और हिसा बढ़ाने का दोषी मानते हैं। हालांकि भाजपा इन आरोपों से इंकार करती है और उनके समर्थक कहते हैं कि गुजरात से एक चाय बेचने वाले के बेटे ने देश की स्थिति में सुधार किया है। ——अनिल नरेन्द्र

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