Thursday 16 May 2024

जय प्रकाश अग्रवाल बनाम प्रवीन खंडेलवाल


दिल्ली की चांदनी चौक सीट न केवल एक प्रतिष्ठा की सीट है बल्कि कई मायनों में ऐfितहासिक भी है। इस बार मुख्य मुकाबला कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल और भाजपा के प्रवीन खंडेलवाल के बीच है। प्रवीन खंडेलवाल बड़े व्यापारी है और व्यापारी संघ के पदाधिकारी भी हैं। जय प्रकाश अग्रवाल राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं और दिल्ली की जाने-माने वाली हस्तियों में से हैं। वह मिलनसार स्वभाव के हैं और लोगों की हर संभव मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। लोगों के सुख-दुख में हमेशा शरीक होते हैं। जय प्रकाश अग्रवाल चांदनी चौक सीट से चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं। इसी संसदीय क्षेत्र से वह पहले तीन बार सांसद रह चुके हैं। चांदनी चौक क्षेत्र में पले-ब़ड़े अग्रवाल का यह आठवां लोकसभा चुनाव है। उनका कहना है कि विरोधी दल को शायद चांदनी चौक के भूगोल और लोकसभा क्षेत्र की पूरी और सही जानकारी नहीं है। जयप्रकाश अग्रवाल का परिवार करीब 100 साल से चांदनी चौक में बसा है। चांदनी चौक में स्थित किनारी बाजार का नौघरा राजनीतिक घटनाक्रम का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। यहां मकान नंबर 1998 आजादी से पहले स्वतंत्रता सेनानियों का अड्डा रहा। लाला रामचरण अग्रवाल इसी घर में रहते थे। वह इसी मकान से आजादी की लड़ाई में तीन बार जेल गए। फिर उन्होंने 1945 में म्यूनिसपल कमिटी का पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ जो अब तक जारी है। आज आम आदमी पाटी और कांग्रेस के गठबंधन इंडिया की ओर से प्रत्याशी जय प्रकाश अग्रवाल इस घर के पते से लोकसभा चुनाव के लिए 10 बार खड़े हुए हैं। जय प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि इस घर से अब तक करीब 20 चुनाव लड़े जा चुके हैं। यह अपने आप में दिल्ली में एक ऐसा मकान है जहां से इतने चुनाव लड़े जा चुके हैं। यह अपने आप में दिल्ली में ऐसा मकान है जहां से इतने चुनाव लड़े गए। जय प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि 1983 में मैं कारपोरेशन का मेंबर चुना गया। 1984 से अब तक इस मकान से लोकसभा के 10 चुनाव लड़ा चका हूं। इसी घर से राज्यसभा का चुनाव लड़ा है। आज भी इसी घर के पते पर इलेक्शन आईकार्ड है। भले ही अब मैं यहां नहीं रहता हूं लेकिन आना-जाना बराबर बना हुआ है। यहां भाई का दफ्तर है, किसी समय यहां एक गेट में 9 घर थे, लिहाजा नौघरा नाम पड़ा। जय प्रकाश ने बताया कि पंडित जवाहर लाल नेहरू खाने-पीने के शौकीन थे। वह एक बार यहां पराठे वाली गली से पराठे खाने आए थे, तब हमारे घर भी पहुंचे। लाल बहादुर शास्त्राr भी इस मकान में आ चुके हैं। जब पिता लाल रामचरण अग्रवाल की मृत्यु हुई थी, तब इंदिरा गांधी भी घर आई थी। जय प्रकाश अग्रवाल ने अपने नामांकन करने के मौके पर कहा कि विकास के नाम पर जनता एक बार फिर उन्हें जिताएगी। उनका कहना है कि चांदनी चौक की जनता को ठगा गया है। जय प्रकाश अग्रवाल पर कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है।

-अनिल नरेन्द्र

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