Thursday 30 May 2024
राम किरपाल बनाम मिसा भारती।
परिसीमन के बाद बिहार की राजधानी पटना को दो लोकसभा क्षेत्र मिले, जिनमें से एक पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र है, जिसका नाम पटना के पुराने नाम पर रखा गया है। बिहार की वीआईपी सीटों में एक पाटलिपुत्र भी शामिल है लालू प्रसाद यादव पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं. उनकी बेटी मीसा भारती भी दो चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रही हैं, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों ही चुनावों में लालू प्रसाद के करीबी रहे राम कृपाल यादव उनके साथ आ गए हैं हैट्रिक लगाने का इरादा उधर, मीसा भारती के लिए रावड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने पूरी ताकत झोंक दी है. पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र जहानाबाद के फलवारी, तनापुर और विक्रम, आरा के पालीगंज और पटना के मुनीर को मिलाकर बनाया गया है. नए परिसीमन के बाद से पाटलिपुत्र सीट पर पहली बार चुनाव हुआ, 2009 में इस सीट पर राजद के कोटे से पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव रहे मैदान में इस यादव बहुल सीट से लालू प्रसाद यादव की चुनावी जीत तय लग रही थी, लेकिन चुनाव के नतीजे ने सभी को चौंका दिया, लेकिन करीब डेढ़ दशक बाद एक बार फिर से रंजन यादव को हार का सामना करना पड़ा 2014 में बीजेपी की जीत के ध्वजवाहक रहे राम करपाल को पार्टी ने खूब तवज्जो दी और वह केंद्र में मंत्री भी बने. एक बार फिर राम करपाल और मीसा भारती आमने-सामने हैं चिनवी दंगल में दिलचस्प सियासी जंग पर टिकी हैं लोगों की निगाहें, लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी हैं मिसाभारती 1993 में किस ने एजीएम मेडिकल कॉलेज, एल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मीसा भारती ने एमएससीएम से डिस्टिंक्शन इन ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी कोर्स की पढ़ाई पूरी की थी। मीसा ने पहली बार पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ा था। वर्तमान पाटलिपुत्र सांसद राम कृपाल यादव कभी लालू प्रसाद यादव के विश्वासपात्र थे और वह पटना नगर निगम के डिप्टी मेयर भी थे - 1991 में पहली बार पटना लोकसभा क्षेत्र से डिप्टी मेयर बने। फिर 1996 और 2004 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर सांसद बने। राम कृपाल यादव चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला और 2014 में उन्होंने राजद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए 2014 और 2019 के लगातार चुनाव में राम करपाल रहे लालू यादव के करीबी, जानिए ताकत और कमजोरी दोनों. (अनिल नरेंद्र)
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